बजट सत्र: 5-5 घंटे के होंगे दोनों सदनों के सेशन; कैंटीन के खाने पर सब्सिडी बंद
इस बार बजट सत्र में कोरोना महामारी का असर साफ देखने को मिलेगा। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बताया कि इस बार राज्यसभा और लोकसभा में पांच-पांच घंटे के सेशन होंगे। राज्यसभा की कार्यवाही सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक चलेगी और लोकसभा की कार्यवाही शाम 4 बजे शुरू होकर रात 9 बजे तक होगी। इसमें प्रश्नकाल और शून्यकाल भी होगा। 29 जनवरी से शुरू होने वाले सत्र के दौरान 1 फरवरी को 11 बजे बजट पेश होगा।
29 जनवरी को संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे राष्ट्रपति
बिरला ने बताया कि 29 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद केंद्रीय कक्ष में संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। इसके बाद 30-30 मिनट तक दोनों सदनों की कार्यवाही चलेगी। सत्र शुरू होने से पहले 28 जनवरी को बिरला सभी पार्टियों के साथ बैठक करेंगे।
सत्र के दौरान किया जाएगा महामारी से बचने के नियमों का पालन
बजट सत्र 29 जनवरी से शुरू होने के बाद 15 फरवरी तक चलेगा। फिर कुछ दिनों के ब्रेक के बाद 8 मार्च को दोबारा संसद की कार्यवाही शुरू होगी, जो 8 अप्रैल तक चलेगी। इस तरह बजट सत्र 29 जनवरी से शुरू होकर 8 अप्रैल तक चलेगा। संसद की कार्यवाही के दौरान महामारी से बचाव के लिए जरूरी सभी नियमों का पालन किया जाएगा। सांसदों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सीटें दी जाएंगी।
सांसदों को करवाना होगा RT-PCR टेस्ट
महामारी के चलते इस बार कई ऐहतियात बरते जा रहे हैं। लोकसभा स्पीकर बिरला ने कहा कि बजट सत्र से पहले सभी सांसदों के आवास के नजदीक RT-PCR टेस्ट की व्यवस्था की गई है। 27-28 जनवरी को संसद भवन में भी RT-PCR टेस्ट किए जाएंगे। सांसदों के साथ-साथ उनके परिवार और स्टाफ के लिए भी कोरोना टेस्ट की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा, "संसद सत्र शुरू होने से पहले सभी सांसदों को कोरोना वायरस टेस्ट कराने को कहा जाएगा।"
संसद में कैंटीन के खाने पर सब्सिडी खत्म
बिरला ने यह भी बताया कि इस बार से संसद की कैंटीन में सांसदों और दूसरे कर्मचारियों को खाने पर दी जाने वाली सब्सिडी बंद की जा रही है। पहले इस खाने पर 80 प्रतिशत से अधिक सब्सिडी दी जाती थी। सूत्रों के मुताबिक इससे लोकसभा सचिवालय को सालाना आठ करोड़ रुपये की बचत होगी। साथ ही लोकसभा स्पीकर ने कहा कि अब से उत्तर रेलवे की जगह इंडिया टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (ITDC) संसद की कैंटीनों का संचालन करेगा।
महामारी से प्रभावित हो चुके हैं संसद के सत्र
कोरोना वायरस महामारी के कारण संसद के पिछले कई सत्र प्रभावित हो चुके हैं। बीते साल मार्च में लॉकडाउन के चलत संसद का सत्र छोटा करना पड़ा था। इसके बाद सितंबर में मानसून सत्र आयोजित हुआ था, लेकिन कई सासंदों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद इस सत्र की अवधि को भी छोटा करना पड़ा। इसके बाद स्थिति में सुधार आता न देख सरकार ने शीतकालीन सत्र को रद्द कर दिया था।