कर्नाटक: डॉक्टरों मांगी वैक्सीन का चुनाव करने की अनुमति, चिकित्सा मंत्री को लिखा पत्र
क्या है खबर?
कोरोना वायरस महामारी से जंग के बीच देश में चलाए जा रहे मेगा वैक्सीनेशन अभियान में अब धीरे-धीरे परेशानिया सामने आने लगी हैं।
इसका प्रमुख कारण बिना क्लिनिकल ट्रायल पूरा किए सीमित आपात इस्तेमाल की मंजूरी हासिल करने वाली भारत बायोटेक की 'कोवैक्सिन' है।
लोगों में इसके उपयोग को लेकर संशय बना हुआ है। ऐसे में अब कर्नाटक के चिकित्सकों ने सरकार से वैक्सीनेशन से पहले वैक्सीन का चुनाव करने की अनुमति देने की मांग की है।
पत्र
KARD ने चिकित्सा मंत्री को लिखा पत्र
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार कर्नाटक एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (KARD) ने मंगलवार को स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री के सुधाकर को पत्र लिखकर वैक्सीनेशन से पहले वैक्सीन का चुनाव करने की अनुमति देने की मांग की है।
उन्होंने पत्र में कहा कि राज्य के कई जिलों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने कुछ ही जिलों में कोवैक्सिन की सप्लाई होने को लेकर भेदभाव की शिकायत की है। उनका कहना है कि सभी को समान वैक्सीन मिलनी चाहिए।
दावा
अलग-अलग जिलों में भेजी अलग-अलग वैक्सीन
KARD की ओर से लिखे पत्र में कहा गया है कि वर्तमान में केवल चिक्कमगलुरु, हासन, बल्लारी, शिवमोगा, चामराजनगर और दावणगेरे में ही कोवैक्सिन दी जा रही है।
इसके अलावा अन्य जिलों में कोविशील्ड की खुराक दी जा रही है। ऐसे में कोवैक्सिन की सप्लाई वाले जिलों के डॉक्टारों में इसको लेकर चिंता बनी हुई है।
डॉक्टरों का कहना है कि क्लिनिकल ट्रायल पूरा किए बना वैक्सीन लगवाना बड़ी चिंता का विषय है। ऐसे में चुनाव की अनुमति मिलनी चाहिए।
बयान
स्वास्थ्यकर्मियों पर कोवैक्सिन का परीक्षण निंदनीय- सागर
KARD के अध्यक्ष डॉ दयानंद सागर ने कहा कि परीक्षण के आधार पर स्वास्थ्यकर्मियों पर कोवैक्सिन का उपयोग करना निंदनीय है।
उन्होंने चिकित्सा मंत्री को पत्र लिखकर चिकित्साकर्मियों पर कोवैक्सिन को थापने की जगह उन्हें दोनों वैक्सीनों में से एक का चुनाव करने की अनमुति देने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि लोगों में कोविशील्ड की मांग अधिक है। इसका कारण यह है कि कोवैक्सिन ने अपने अंतिम चरण का क्लिनिकल ट्रायल पूरा नहीं किया है।
जानकारी
बिना किसी शंका के लिए ली जा सकती है कोवैक्सिन- चिकित्सा मंत्री
चिकित्सा मंत्री सुधाकर ने DCGI की मंजूरी का हवाला देते हुए दोनों वैक्सीनों को विश्वसनीय करार दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी चिकित्साकर्मी बिना किसी शंका के कोवैक्सिन का उपयोग कर सकते हैं। इससे किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।
वैक्सीनेशन
कर्नाटक में तीन दिन में 55,550 को लगी खुराक
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्रालय के डाटा के अनुसार राज्य में पिछले तीन दिनों में 55,550 स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है।
राज्य में शनिवार को चयनित स्वास्थ्यकर्मियों में से 63 प्रतिशत, रविवार को 58.4 प्रतिशत और सोमवार को महज 47 प्रतिशत स्वास्थ्यकर्मी वैक्सीन लगवाने के लिए पहुंचे।
लगतार कम होती स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या को देखते हुए अब सरकार ने उन्हें वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित करना शुरू कर दिया है।