भारत में मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन लॉन्च करने की तैयारी में टाटा ग्रुप- रिपोर्ट
क्या है खबर?
देश में कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जारी जंग के तहत सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की 'कोविशील्ड' और भारत बायोटेक की 'कोवैक्सिन' के साथ मेगा वैक्सीनेशन अभियान जारी है। अब तक 16 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है।
इसी बीच बड़ी खबर आई है कि टाटा ग्रुप का हेल्थ वेंचर मॉडर्ना की वैक्सीन को भारत में भी लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। टाटा ने इस पर चर्चा शुरू कर दी है।
वैक्सीन
94.5 प्रतिशत प्रभावी बताई जा रही है मॉडर्ना की वैक्सीन
मॉडर्ना की वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल जारी है। इसके शुरुआती नतीजों से पता चला है कि संक्रमण रोकने में 94.5 प्रतिशत प्रभावी है।
गत 30 नवंबर को कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) स्टीफन बैंसेल ने कहा कि उनकी वैक्सीन तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल में 94.5 प्रतिशत प्रभावी मिली है, लेकिन गंभीर मामलों में यह 100 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई है। साथ ही ट्रायल के दौरान किसी तरह के गंभीर साइड इफेक्ट्स भी नहीं देखे गए।
मंजूरी
कई देशों में मिल चुकी है आपात इस्तेमाल की मंजूरी
मॉडर्ना की ओर से वैक्सीन के 94.5 प्रतिशत प्रभावी होने का दावा करने के बाद अमेरिका सहित कई देशों में आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है।
सबसे पहले 19 दिसंबर को अमेरिकी नियामक संस्थान ने वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। उसके कुछ दिन बाद ही कनाड़ा ने भी वैक्सीन को मंजूरी दे दी थी।
इसी तरह गत 9 जनवरी को ब्रिटेन की नियामक संस्था ने भी वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी।
भारत
भारत में लॉन्च करने की तैयारी में है टाटा ग्रुप
अन्य देशों में मॉडर्ना की वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद अब टाटा ग्रुप ने इस वैक्सीन को भारत में भी लॉन्च करने की तैयारी शुरू कर दी है।
रायटर्स के अनुसार, टाटा ग्रुप का हेल्थ वेंचर मॉडर्ना वैक्सीन को भारत में लाने के लिए कंपनी से बातचीत कर रहा है।
ऐसे में टाटा मेडिकल ऐंड डायग्नॉस्टिक्स ICMR से मिलकर भारत में वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल शुरू कर सकता है। हालांकि, मॉडर्ना ने इस पर कोई बयान नहीं दिया है।
कारण
फाइजर की वैक्सीन की तुलना में ज्यादा आसान है मॉडर्ना वैक्सीन का स्टोरेज
टाटा ग्रुप द्वारा मॉडर्ना की वैक्सीन में रुचि दिखाने के पीछे सबसे बड़ा कारण उसका आसाना कोल्ड स्टोरेज है।
दरअसल, फाइजर की वैक्सीन को -70 डिग्री सेल्सियस पर स्टोरेज करने की जरूरत होती है, जबकि मॉडर्ना की वैक्सीन को सामान्य फ्रिज के तापमान में भी रखा जा सकता है।
ऐसे में भारत जैसे सीमित कोल्ड स्टोरेज वाले देशों के लिए यह सबसे ज्यादा मुफीद वैक्सीन है। इसको लेकर टाटा ग्रुप इसे भारत में लाना चाहता है।
नीति
भारत ने वैक्सीन की अनुमति के लिए बनाई नई नीति
बता दें कि भारत सरकार ने देश में वैक्सीन को अनुमति जारी करने के लिए नई नीति तैयार की है।
इसके तहत दुनिया की किसी भी वैक्सीन को भारत में अनुमति से पहले उसका यहां के लोगों पर क्लिनिकल ट्रायल करना होगा। इसके आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद ही उस पर विचार किया जाएगा।
बता दें कि कोवैक्सिन को बिना क्लिनिकल ट्रायल पूरा किए सीमित आपात इस्तेमाल की मंजूरी देने पर सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।