महामारी के प्रकोप के बावजूद देश में बढ़ी सड़क निर्माण की रफ्तार
क्या है खबर?
कोरोना वायरस महामारी के कारण पिछले कुछ समय में अधिकतर क्षेत्रों में काम प्रभावित रहा है।
हालांकि, देश में सड़क निर्माण की रफ्तार पर यह महामारी प्रतिकूल असर नहीं डाल पाई। भारत में इस वित्त वर्ष पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में अधिक सड़कों का निर्माण हो रहा है।
सड़क परिवहन मंत्रालय ने बीते साल अप्रैल से लेकर 15 जनवरी तक 8,169 किलोमीटर लंबे हाइवे का निर्माण किया है। यानी रोजाना औसतन 28.16 किलोमीटर हाइवे का निर्माण किया गया।
सड़क निर्माण
पिछले वित्त वर्ष रोजाना बन रही थी 26.11 किलोमीटर नई सड़कें
इस वित्त वर्ष की तुलना में पिछले वित्त वर्ष रोजाना औसतन 26.11 किलोमीटर हाइवे का निर्माण किया जा रहा था।
बीते साल देश में कुल 10,237 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ था। सड़क परिवहन मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में यह जानकारी दी गई है।
इस साल भारतमाला प्रोजेक्ट पर हो रहे काम को देखते हुए माना जा रहा है कि देश में 10,500 किलोमीटर से ज्यादा लंबी नई सड़कें बनाई जा सकती हैं।
जानकारी
NHAI को सौंपे गए 79,200 करोड़ के प्रोजेक्ट
मंत्रालय के लगभग सभी सड़क प्रोजेक्ट्स का निर्माण नेशनल हाइवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) कर रही है। मार्च से दिसंबर के बीच NHAI को 79,200 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 2.02 लाख किलोमीटर के 67 प्रोजेक्ट सौंपे गए हैं।
आमदनी
फास्टैग से बढ़ रही आमदनी
NHAI ने अब फास्टैग के जरिये कैशलेस पेमेंट शुरू कर दी है।
पिछले साल के अंत में इसकी शुरुआत की गई थी और इस साल 15 फरवरी से सभी वाहनों के लिए इसे अनिवार्य कर दिया गया है।
टोल से होने वाली कुल आय में से 75 प्रतिशत फास्टैग के जरिये होती है। देश में लगभग 2.2 करोड़ यूजर्स फास्टैग इस्तेमाल कर रहे हैं और इसके जरिये रोजाना 50 लाख ट्रांजेक्शन होती हैं।
जानकारी
टोल से रोजाना इतनी आमदनी
फास्टैग से NHAI की आमदनी भी बढ़ रही है। पहले रोजाना 70 करोड़ रुपये का टोल कलेक्शन होता था। फास्टैग की शुरुआत के बाद अब यह बढ़कर 92 करोड़ रुपये प्रतिदिन हो गया है। अनिवार्य होने के बाद यह कलेक्शन और बढ़ सकता है।
बयान
अगले पांच सालों में सड़क दुर्घटनाओं में होगी 50 प्रतिशत कमी- गडकरी
दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को उम्मीद जतायी कि 2025 तक देश में सड़क दुर्घटनाएं और इसके कारण होने वाली मौतें 50 प्रतिशत तक कम हो जाएंगी।
गडकरी ने कहा कि सरकार सड़कों पर दुर्घटना संभावित क्षेत्र की पहचान करने और इसके समाधान के लिए 14,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
इस मौके पर उन्होंने यह भी कहा कि मार्च अंत तक रोज 40 किलोमीटर सड़क निर्माण के लक्ष्य को भी हासिल कर लिया जाएगा।