उच्च स्तरीय समिति ने परीक्षाओं के निष्पक्ष संचालन के लिए सौंपी रिपोर्ट, जानिए क्या की सिफारिशें
राष्ट्रीय प्रवेश-सह पात्रता परीक्षा (NEET)-UG 2024 के पेपर लीक मामले में गठित उच्च स्तरीय जांच समिति ने पिछले महीने शिक्षा मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट में परीक्षाओं के सुचारू और निष्पक्ष संचालन के साथ राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) को मजबूत करने के उपाय सुझाए गए हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि समिति ने NTA में सुधार का सुझाव दिया था और प्रवेश परीक्षा सुधार जनवरी से लागू किए जाएंगे।
क्यों किया गया था समिति का गठन?
ISRO के पूर्व अध्यक्ष डॉ के राधाकृष्णन की अध्यक्षता में गठित 7 सदस्यीय समिति का गठन NEET-UG 2024 पेपर लीक के बाद किया गया था। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मामले की जांच करते हुए 144 उम्मीदवारों की पहचान की है, जिन्होंने NEET-UG का हल पेपर प्राप्त करने के लिए पैसे दिए थे। कथित तौर पर पेपर हजारीबाग के एक परीक्षा केंद्र से चुराकर हल किए गए थे और फिर व्हाट्सऐप और टेलीग्राम के जरिए उम्मीदवारों को भेजा गया था।
इस साल 3 अन्य सार्वजनिक परीक्षाओं पर भी पड़ा असर
इस साल 3 अन्य सार्वजनिक परीक्षाएं (UGC-NET, CSIR-UGC NET और NEET-PG) को या तो रद्द कर दिया गया या फिर स्थगित कर दिया गया। UGC-NET को परीक्षा होने के एक दिन बाद ही लीक की सूचना पर रद्द कर दिया गया था। इसके बाद शिक्षा मंत्रालय ने समिति का गठन किया था, जिसे परीक्षा प्रक्रिया तंत्र में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार और NTA की संरचना और कार्यप्रणाली में सुधार के लिए सिफारिशें करने जिम्मा सौंपा गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने समिति को क्या दिए थे आदेश?
NEET-UG मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त में समिति को परीक्षा सुरक्षा और प्रशासन के मुद्दों पर भी विचार करने, परीक्षा सामग्री को अनधिकृत पहुंच और संभावित लीक से बचाने के लिए सुरक्षित डाटा ट्रांसमिशन विधियों सहित उन्नत डाटा सुरक्षा प्रोटोकॉल का सुझाव देने और सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ संरेखित करने के लिए NTA की नीतियों और मानक संचालन प्रक्रियाओं में सुधार करने सिफारिशें देने के भी आदेश दिए थे।
समिति ने परीक्षाओं के संबंध में क्या की हैं सिफारिशें?
समिति ने देश में आगे से जहां भी संभव हो अधिक से अधिक ऑनलाइन प्रवेश परीक्षाएं आयोजित कराने और ऐसी प्रणाली का उपयोग करने की सिफारिश की है, जिसमें अभ्यर्थियों को प्रश्नपत्र तो डिजिटल रूप से दिए जाएं, लेकिन उत्तर कागज पर लिखे जाएं। समिति ने परीक्षा की निष्पक्षता मजबूत बनाने के लिए राज्यों की अधिक भागीदारी होने के साथ जिला और राज्य स्तर पर समन्वय समितियों की स्थापना करने की भी सिफारिश की है।
अभ्यर्थियों को निवास स्थान पर ही दिए जाएं परीक्षा केंद्र
समिति ने परीक्षार्थियों को उनके निवास स्थान के जिले पर ही परीक्षा केंद्र आवंटित करने के लिए परीक्षा केंद्र आवंटन नीति को विकसित करने, प्रत्येक जिले में एक सुरक्षित परीक्षण केंद्र स्थापित करने, ग्रामीण एवं दूरदराज के क्षेत्रों में मोबाइल परीक्षण केन्द्र स्थापित करने, कई चरणों वाली परीक्षाओं के लिए उसके हिसाब से व्यवस्थाएं करने की सिफारिशें भी की है। समिता का कहना है कि कई चरणों वाली परीक्षाओं में NTA को और अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है।
अभ्यर्थियों की सही पहचान के लिए की गई है यह सिफारिश
समिति ने आधार बायोमेट्रिक्स का उपयोग करके उम्मीदवार की सही पहचान के बहु-स्तरीय प्रमाणीकरण के लिए प्रणालियां स्थापित करने, प्रश्नपत्र तैयार करने के लिए दिशानिर्देशों को और विकसित करने और परीक्षण में शामिल टीमों के लिए प्रशिक्षण सुनिश्चित करने के साथ परीक्षाओं में अधिक से अधिक स्थायी कर्मचारियों को नियुक्त करके NTA को मजबूत बनाने की सिफारिश की है। समिति का मानना है कि इन सुधारों से परीक्षा के सफल और निष्पक्ष संचालन में काफी मदद मिलेगी।
समिति की दीर्घकालिक सिफारिशें क्या हैं?
समिति ने केंद्र द्वारा आयोजित सभी प्रवेश परीक्षाओं के लिए दीर्घकालिक उपाय भी बताए हैं। इनमें सभी को एक तरह के प्रश्न देने की जगह कंप्यूटर-अनुकूलन परीक्षण के तहत योग्यता के आधार पर प्रश्न देने की सिफारिश शामिल है। यह योग्यता परीक्षा के दौरान प्रतिक्रियाओं के आधार पर निर्धारित की जाती है। परीक्षार्थियों का परीक्षण प्रश्नों के विभिन्न संयोजनों पर किया जाता है, जिससे सुरक्षा में सुधार होता है और व्यक्तिगत योग्यताओं का आकलन होता है।
समिति की रिपोर्ट पर सरकार ने क्या उठाया कदम?
शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर परीक्षाओं के लिए राज्य मशीनरी का सहयोग मांगा है। राधाकृष्णन पैनल ने अपनी सिफारिशों के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए एक उच्चस्तरीय संचालन समिति के गठन की सिफारिश की थी, जिसका गठन भी मंत्रालय ने पिछले महीने किया था। इसके अलावा, NTA में 16 नए पद बनाए गए हैं, जिनमें 8 पद निदेशक स्तर के हैं और 8 संयुक्त निदेशक स्तर के हैं।