78 प्रतिशत छात्रों को महामारी के दौरान घर पर पढ़ाई करना लगा 'बोझ'- सर्वे
देश में कोरोना वायरस महामारी के दौरान 78 प्रतिशत स्कूली छात्रों को घर पर रहकर पढ़ाई करना बोझ लगा, जबकि 24 प्रतिशत छात्रों ने कहा कि इस दौरान पढ़ाई के लिए उनके घर पर डिजिटल उपकरण नहीं थे। वहीं 38 प्रतिशत छात्रों ने माना कि महामारी के दौरान उनके लिए पढ़ाई करना काफी मुश्किल था। यह खुलासा केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (NAS) 2021 की रिपोर्ट में हुआ है। पिछली बार यह रिपोर्ट 2017 में प्रकाशित हुई थी।
सर्वेक्षण में 1.18 लाख स्कूलों के करीब 34 लाख छात्र-छात्राओं ने लिया हिस्सा
NAS 2021 का आयोजन 12 नवंबर, 2021 को किया गया था जिसमें देश के 720 जिलों के ग्रामीण और नगरीय इलाकों में स्थित 1.18 लाख स्कूलों के कक्षा तीन, पांच, आठ और 10 के करीब 34 लाख छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया था। इस सर्वेक्षण में प्रकाशित अपने संदेश में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यह सर्वेक्षण देश में शिक्षा व्यवस्था की राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर वर्तमान स्थिति का आंकलन करता है।
80 प्रतिशत छात्रों का मत, ऑफलाइन कक्षाओं के दौरान विकसित होती है बेहतर समझ
बुधवार को जारी की गई इस रिपोर्ट में 80 प्रतिशत छात्रों ने माना कि ऑफलाइन कक्षाओं के दौरान वे बेहतर समझ विकसित कर पाते हैं और इसमें उनके अपने सहपाठियों की भी मदद होती है, जबकि 78 प्रतिशत ने कहा कि महामारी के दौरान घर पर रहकर ढेर सारे असाइनमेंट के साथ पढ़ाई करना उन्हें बोझ लगा। इसके उलट सर्वेक्षण में 45 प्रतिशत छात्रों ने कहा कि उन्हें घर पर रहकर पढ़ाई करना आनंददायक लगा।
48 प्रतिशत बच्चे पैदल जाते हैं स्कूल
सर्वेक्षण के मुताबिक, 48 प्रतिशत बच्चे अपने स्कूल पैदल जाते हैं और सिर्फ 9 प्रतिशत बच्चे स्कूल वाहनों का उपयोग करते हैं । वहीं 18 प्रतिशत बच्चे साइकिल से, 9 प्रतिशत सार्वजनिक वाहनों से और 8 प्रतिशत अपने दोपहिया वाहनों से स्कूल जाते हैं। इसके अलावा सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि स्कूल जाने वाले बच्चों में 18 प्रतिशत की मां पढ़ या लिख नहीं सकती हैं। 7 प्रतिशत मांएं साक्षर हैं, लेकिन स्कूल नहीं गई हैं।
सर्वेक्षण में छात्रों की गणित की समझ की भी मिली जानकारी
इस सर्वेक्षण में तीसरी, पांचवीं, आठवीं और दसवीं की कक्षाओं का राष्ट्रीय स्तर पर 500 के स्केल पर मूल्यांकन किया गया। सर्वेक्षण के मुताबिक, राष्ट्रीय स्तर पर तीसरी कक्षा में गणित में छात्रों का स्कोर 306 था, जो कि कक्षा पांच में घटकर 284, कक्षा आठ में घटकर 255 और कक्षा 10 में घटकर 220 रह गया। इसी प्रकार भाषा में कक्षा तीन का प्रदर्शन 323 था, जो कि कक्षा 10 में 260 रह गया।
कोरोना महामारी के कारण बंद रहे थे देशभऱ के स्कूल
कोरोना वायरस महामारी के चलते देशभर के स्कूल बंद करने पड़ गए थे, जिससे छात्रों की शिक्षा पर काफी प्रभाव पड़ा था। स्कूल बंद होने का छात्रों की शिक्षा पर असर का मूल्यांकन करने के लिए इस सर्वेक्षण में लॉकडाउन से पहले और बाद में शिक्षा व्यवस्था का आंकलन किया गया। इस सर्वेक्षण से छात्रों में सीखने से जुड़ी कमियों का पता लगाने और उसके अनुरूप शिक्षा नीति में जरूरी सुधार करने में भी मदद मिलेगी।