संसद में धुआं उड़ाने वाले गैस कनस्तर में क्या था, जिससे युवकों ने फैलाई दहशत?
संसद में शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में दर्शक दीर्घा से सदन में कूदने वाले 2 युवकों ने जिस गैस कनस्तर से पीले रंग का धुआं उड़ाकर दहशत फैलाई उसकी जांच अभी जारी है। NDTV के मुताबिक, कलर स्मोक ग्रेनेड से निकलने वाले गाढ़े धुएं का उपयोग व्यापक रूप से सैन्य और कानून प्रवर्तन कार्यों में किया जाता है। घने धुएं से सेना की गतिविधियों अस्पष्ट हो जाती है और सैन्य अभियानों के दौरान महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रदान करते हैं।
सभी खुदरा बाजारों में उपलब्ध है गैस
रिपोर्ट के मुताबिक, धुआं फैलाने वाला गैस कनस्तर अधिकांश देशों में वैध हैं और लगभग सभी खुदरा बाजारों में उपलब्ध हैं। उनका उपयोग सैन्य कर्मियों और नागरिकों दोनों द्वारा किसी खेल आयोजन या फोटोशूट में भी किया जाता है। इनका उद्देश्य उपयोग के आधार पर अलग-अलग है। बता दें, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में गैस के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि प्रारंभिक जांच में धुआं हानिकारक नहीं पाया गया है, वह सनसनी फैलाने के लिए था।
संसद में क्या हुआ था?
लोकसभा में शीतकालीन सत्र के दौरान 2 युवक बुधवार को दर्शक दीर्घा से अचानक सदन में कूद गए और बेंच पर कूदते हुए गैस कनस्तर से पीले रंग की गैस उड़ा दी। तभी सांसदों ने मिलकर दोनों को पकड़ लिया और सुरक्षाकर्मियों के हवाले किया। इसमें एक युवक का नाम सागर शुक्ला है, जिसके पास से कर्नाटक के मैसूर से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा का अनुमति पास मिला है। संसद के बाहर से 2 अन्य गिरफ्तार हुए हैं।