संसद विशेष सत्र: मल्लिकार्जुन खड़गे की नसीहत- मोदी अपनी राजनीति बदलें; सभापति से भी जताई नाराजगी
संसद के 5 दिवसीय विशेष सत्र के पहले दिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में अपने भाषण में मोदी सरकार की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आप अपनी राजनीति करने का तरीका बदलें। अगर हम नई संसद में चले गए तो कुछ नया नहीं होगा। विपक्ष के सासंदों को सदन में बोलने की आजादी मिलनी चाहिए। इससे बाहर एक संदेश जाता है कि लोगों के मुद्दों पर चर्चा हो रही है।"
खड़गे बोले- बलिदान से अर्जित किए गए हैं संवैधानिक मूल्य
राज्यसभा में विशेष सत्र के दौरान विपक्ष के नेता ने खड़गे ने कहा, "संवैधानिक मूल्य बहुत बलिदान और कठिनाई के बाद अर्जित किए गए। मैं राजकोष से देश की स्थितियों में सुधार पर ध्यान केंद्रित करने, करुणा दिखाने और रोजगार के अवसर प्रदान करने के महत्व पर जोर देने का आग्रह करता हूं।" पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का हवाला देते हुए खड़गे ने कहा, "मजबूत विपक्ष की अनुपस्थिति का मतलब है कि सिस्टम में महत्वपूर्ण कमियां हैं।"
जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके विपक्ष को किया जा रहा कमजोर- खड़गे
खड़गे ने कहा, "नेहरू जी भी मानते थे कि मजबूत विपक्ष की अनुपस्थिति का मतलब है कि सिस्टम में महत्वपूर्ण कमियां हैं। अगर कोई मजबूत विपक्ष नहीं है तो यह सही नहीं है। अब जब एक मजबूत विपक्ष है तो जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके इसे कमजोर करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।" उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री संसद में कम ही आते हैं और जब आते हैं तो इसे एक इवेंट बनाकर चले जाते हैं।"
मोदी सरकार को नेहरू के कार्यकाल में पड़ी नींव नहीं दिखती- खड़गे
खड़गे ने कहा, "हमसे बार-बार पूछा जाता है कि 70 साल में आपने क्या किया। हमने 70 साल में इस देश के लोकतंत्र को मजबूत किया। नेहरू जी के कार्यकाल में देश की नींव पड़ी और मोदी सरकार को नींव में पड़े पत्थर नहीं दिखते हैं।" उन्होंने कहा, "भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा रैलियों में गठबंधन का नाम INDI बोलते हैं। नाम बदलने से कुछ नहीं होता है, INDI बोलो या कुछ भी बोले, लेकिन हम INDIA हैं।"
खड़गे बोले- मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमत्री मोदी बयान नहीं देना चाहते थे
खड़गे ने अपने भाषण में मणिपुर का मुद्दा उठाते हुए कहा, "प्रधानमंत्री यहां-वहां जाते रहते हैं, लेकिन मणिपुर नहीं गए। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने 9 साल के कार्यकाल में परंपरागत बयानों को छोड़कर सिर्फ 2 बार ही बयान दिया है।" उन्होंने कहा, "मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी कोई बयान नहीं देना चाहते थे। क्या यही लोकतंत्र है, जबकि अटलजी ने अपने कार्यकाल में 21 बार और मनमोहन सिंह ने 30 बार बयान दिया था।"
खड़गे ने सभापति धनखड़ से की शिकायत
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से शिकायत की कि विपक्ष को सदन के अंदर विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखने के पर्याप्त मौके नहीं मिलते हैं। उन्होंने कहा, "मेरी छोटी-छोटी गलतियों के लिए भी आप मुझे कड़ी सजा देते हैं। वे (भाजपा सांसद) इतनी बड़ी गलतियां करते हैं, पूरा देश देखता है, लेकिन आप सब माफ कर देते हैं। मैं आपसे दोनों में संतुलन बनाने का अनुरोध करता हूं।"