इस मशीन की मदद से केवल कुछ सेकेंडो में जानें आपने चुनावों में किसको दिया वोट
लोकसभा चुनावों के इस समय में प्रत्याशी से लेकर मतदाता तक सब उत्साहित हैं। हालाँकि, छह चरणों का चुनाव संपन्न हो गया है और सातवें यानी अंतिम चरण का चुनाव 19 मई को होगा। 23 मई को चुनावों के नतीजे घोषित किए जाएँगे। EVM पर उठ रहे सवालों के बाद इस बार EVM के साथ VVPAT मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे आप आसानी से पता कर सकते हैं कि आपने किसको वोट दिया है। आइए जानें कैसे।
वोट डालने के लिए होना चाहिए वोटर आईडी कार्ड
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 18 साल की उम्र के बाद हर भारतीय नागरिक को चुनावों में वोट डालने का अधिकार है। इसके लिए उनके पास वोटर आईडी कार्ड के साथ वोटर लिस्ट में उनका नाम होना चाहिए।
क्या है VVPAT और कैसे काम करती है मशीन
VVPAT यानी वोटर वेरिफ़ाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल मशीन है, जिसकी मदद से आप कुछ ही सेकेंडों में जान सकते हैं कि आपने अपना बहुमूल्य वोट किसे दिया है। VVPAT को EVM के साथ जोड़ दिया जाता है। जब कोई मतदाता अपने पसंदीदा प्रत्याशी के नाम के सामने वाला बटन दबाता है, तो VVPAT पर भी दिख जाता है कि उसने किसको वोट दिया है। उसके वोट की जानकारी बटन दबाने के बाद VVPAT पर सात सेकेंड तक दिखाई देती है।
7 सेकंड बाद बॉक्स में गिर जाती है पर्ची
मतदाता जिस विजुअल को VVPAT पर देखता है, उसकी पर्ची बनकर एक सिलबंद बॉक्स में गिर जाती है। ये पर्ची मतदाता को नहीं दी जाती है। पर्ची पर प्रत्याशी का नाम, चुनाव चिन्ह और पार्टी का नाम अंकित होता, जिसे मतदाता EVM पर वोट देता है। ऐसे में अगर आप सातवें चरण के चुनावों में 19 मई को भाग लेने वाले हैं, तो आप वोट देने के बाद VVPAT पर देख सकते हैं कि आपका वोट किसको है।
ये है पूरी प्रक्रिया
लोकसभा चुनाव में VVPAT का इस्तेमाल
लोकसभा चुनाव में हर विधानसभा क्षेत्र में सिर्फ़ एक बूथ पर पर्चियों का मिलान होता था, लेकिन 21 विपक्षी दलों ने इसके ख़िलाफ़ याचिका दायर की और 50% EVM और VVPAT का मिलान करने की माँग की थी।
क्यों ज़रूरी है चुनावों में VVPAT का इस्तेमाल
आपको याद होगा 2017 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान कई पार्टियों और मतदाताओं ने शिकायत की थी कि वो किसी और पार्टी को वोट दे रहे थे, लेकिन उनका वोट अपने आप भाजपा को चला गया। AAP सहित कई सियासी दलों ने EVM के साथ छेड़छाड़ की शिकायत भी की थी। हालाँकि, VVPAT का इस्तेमाल पिछले लोकसभा चुनावों में कुछ EVM के साथ किया गया था, लेकिन इस बार हर EVM के साथ VVPAT का इस्तेमाल हो रहा है।