नामांकन रद्द होने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे तेज बहादुर यादव, जानें पूरा मामला
क्या है खबर?
पूर्व सैनिक तेज बहादुर यादव ने अपना नामांकन रद्द होने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने इस याचिका में अपनी उम्मीदवारी रद्द किए जाने की चुनौती दी है।
प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरे तेज बहादुर को समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपना समर्थन दिया था, लेकिन चुनाव आयोग ने दस्तावेजों के अभाव में उनका नामांकन रद्द कर दिया।
आइये, जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है।
जानकारी
चुनाव आयोग के फैसले को बताया भेदभावपूर्ण
तेज बहादुर ने अपनी याचिका में चुनाव आयोग के इस फैसले को भेदभावपूर्ण और असंगत बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की है। वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण कोर्ट में तेज बहादुर की पैरवी कर रहे हैं।
नामांकन
रद्द हुआ था तेज बहादुर का नामांकन
चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे तेज बहादुर का नामांकन रद्द कर दिया था।
आयोग का कहना था कि समय पर जरूरी दस्तावेज जमा न करने के कारण उनका नामांकन रद्द किया गया है।
वहीं, तेज बहादुर का कहना है कि उन्होंने सही समय पर सही दस्तावेज जमा किए थे और उनका नामांकन गलत तरीके से रद्द किया गया है।
उन्होंने नामांकन रद्द होेते ही सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला कर लिया था।
मामला
क्या है पूरा मामला?
तेज बहादुर ने लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टक्कर देने का फैसला लेते हुए निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर 24 अप्रैल को पहला नामांकन दाखिल किया था।
इसमें उन्होंने खुद को BSF से निकाले जाने की जानकारी दी थी।
इसके बाद सपा ने वाराणसी से अपनी उम्मीदवार शालिनी यादव का टिकट काटते हुए यादव को टिकट दे दिया तो उन्होंने 29 अप्रैल को दोबारा नामांकन दाखिल किया, लेकिन इस बार BSF से निकाले जाने की जानकारी नहीं दी।
जानकारी
BSF से NOC भी मांगा गया
चुनाव आयोग ने दोनों नामांकन में अंतर होने पर यादव से स्पष्टीकरण मांगा था। इसके अलावा उन्हें BSF की तरफ से अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) जमा करने को भी कहा गया था, जिसमें उन्हें सेवाओं से निकाले जाने का कारण भी बताना था।
प्रतिक्रिया
जिलाधिकारी ने कहा- समय पर नहीं जमा हुए दस्तावेज
NOC न मिलने पर आयोग ने तेज बहादुर का नामांकन रद्द कर दिया।
वाराणसी के जिलाधिकारी ने कहा, "एक व्यक्ति जिसे पिछले 5 साल के अंदर राज्य या केंद्र सरकार की सेवाओं से निकाला गया हो, उसे चुनाव आयोग से एक प्रमाणपत्र हासिल करना होता है, जिसमें लिखा होता है कि उसे निष्ठाहीनता या भ्रष्टाचार के कारण नहीं निकाला गया था। प्रमाणपत्र सुबह 11 बजे से पहले जमा नहीं हुआ, इसलिए नामांकन को रद्द कर दिया गया।"
जानकारी
तेज बहादुर ने कही थी यह बात
नामांकन रद्द करने पर तेज बहादुर ने कहा कि उन्होंने सभी दस्तावेज समय पर जमा कर दिए थे। अपने बयान में उन्होंने कहा, "मेरे नामांकन गलत तरीके से रद्द किया गया है।"
कौन हैं तेज बहादुर
ऐसे चर्चा में आए थे तेज बहादुर यादव
पूर्व सैनिक तेज बहादुर ने सेना में अपनी नौकरी के दौरान सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया था।
इस वीडियो में उन्होंने बताया था कि सैनिकों को खराब गुणवत्ता वाला खाना दिया जाता है।
उन्होंने वीडियो में दिखाया था कि जवानों को पानी वाली दाल और जली हुई रोटियां खिलायी जाती हैं।
उनका यह वीडियो सामने आने के बाद खूब विवाद हुआ था। वीडियो वायरल होने के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी रिपोर्ट तलब की थी।