अशोक गहलोत बने राजस्थान के मुख्यमंत्री, सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री की कुर्सी
लंबी माथापच्ची के बाद आखिरकार राजस्थान के मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान हो गया है। कांग्रेस ने युवा जोश के बदले अनुभव को चुनते हुए वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया है। यह तीसरी बार होगा जब गहलोत राज्य के मुख्यमंत्री होंगे। सचिन पायलट को राज्य का उप-मुख्यमंत्री बनाया गया है। मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला लेने के लिए पिछले तीन दिनों से जयपुर और दिल्ली में पार्टी नेताओं के बीच बैठकों का दौर चल रहा था।
के सी वेणुगोपाल ने की नाम की घोषणा
सचिन और गहलोत के बीच थी दावेदारी
राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट और पार्टी महासचिव अशोक गहलोत का नाम सबसे आगे थे। दोनों ने विधानसभा चुनाव जीता था। सचिन ने जहां टोंक से भाजपा उम्मीदवार युसूफ खान को हराया था, वहीं गहलोत ने सरदारपुरा से भाजपा उम्मीदवार शंभू सिंह को पटखनी दी। 67 वर्षीय गहलोत के अनुभव को देखते हुए राहुल गांधी ने उन्हें मुख्यमंत्री पद सौंपा है। गहलोत दो बार पहले भी राजस्थान के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
राज्य में सुशासन लाएंगे- गहलोत
मुख्यमंत्री घोषित होने के बाद गहलोत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। उन्होंने राहुल गांधी और विधायकों का शुक्रिया करते हुए कहा कि वे राजस्थान में सुशासन लाने के लिए काम करेंगे। उनके नाम की घोषणा होने के बाद जयपुर में उनके घर के बाहर जश्न का माहौल है। सचिन ने गहलोत को बधाई दी है। सचिन ने कहा कि मैं राहुल गांधी और विधायकों को गहलोत को मुख्यमंत्री चुनने के इस फैसले के लिए धन्यवाद देना चाहूंगा।
राहुल ने दिखाए 'राजस्थान के रंग'
1980 में जीता था पहला लोकसभा चुनाव
अशोक गहलोत का जन्म 3 मई, 1951 को राजस्थान के जोधपुर हुआ था। उनके पिता लक्ष्मण सिंह गहलोत जोधपुर के मशहूर जादूगर थे। विज्ञान और कानून से ग्रेजुएशन के बाद अर्थशास्त्र से मास्टर्स करने वाले गहलोत को सादगी पसंद राजनेता माना जाता है। गहलोत ने पहली बार 1980 में जोधपुर से लोकसभा चुनाव जीता था। पहली बार गहलोत 1998 और दूसरी बार 2008 में राज्य के मुख्यमंत्री चुने गए। 2003-2008 तक वे राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष रहे।
राज्य में 99 सीटे जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी कांग्रेस
राजस्थान में कुल 199 सीटों पर चुनाव हुए थे। इनमें से कांग्रेस को 99, भाजपा को 72, बसपा को 6, CPI (M) को 2, भारतीय ट्राइबल पार्टी को 2, राष्ट्रीय लोकदल को एक, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को 3 और निर्दलियों को 13 सीटें मिली हैं। कांग्रेस को समाजवादी पार्टी और बसपा ने अपना समर्थन दिया है। यहां पर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी कांग्रेस भाजपा को हराकर 5 साल बाद सत्ता में वापसी कर रही है।