#NewsBytesExplainer: क्या है विश्वकर्मा योजना और आयुष्मान भव अभियान, यहां जानें सभी बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने 73वें जन्मदिन और विश्वकर्मा जयंती पर विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की। इस योजना से 18 व्यवसायों से जुड़े कारीगरों को प्रशिक्षण और रियायती ब्याज दरों पर लोन दिया जाएगा। इसका बजट 13,000 करोड़ रुपये हैं। इसके अलावा आयुष्मान भव अभियान की भी शुरुआत हुई। इसका उद्देश्य 35 करोड़ लोगों तक लाभ पहुंचाना है। आइए समझते हैं कि ये दोनों योजनाएं क्या हैं और इनसे आपको क्या लाभ होगा।
विश्वकर्मा योजना क्या है?
दरअसल, ये योजना पारंपरिक काम करने वाले कारीगरों को प्रशिक्षण देने और उनकी आर्थिक सहायता करने के लिए बनाई गई है। इसके तहत बढ़ई, सुनार, मूर्तिकार, कुम्हार, लोहार, चर्मकार, धोबी, दर्जी और राजमिस्त्री समेत 18 तरह के कारीगरों को कम ब्याज पर लोन उपलब्ध कराया जाएगा। योजना के पहले चरण में 5 प्रतिशत ब्याज दर से 1 लाख रुपये और दूसरे चरण में 2 लाख रुपये तक का लोन मिलेगा।
योजना के लिए कैसे कर सकते हैं आवेदन?
योजना के पात्र आवेदक प्रधानमंत्री विश्वकर्मा पोर्टल का उपयोग करके आवेदन कर सकते हैं। सामान्य सेवा केंद्रों (CSC) के माध्यम से भी पंजीकरण कराया जा सकता है। बता दें कि ये पंजीकरण बिल्कुल मुफ्त होगा। पंजीयन के बाद आवेदकों को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और एक पहचान पत्र आवंटित किया जाएगा। इसके बाद प्रशिक्षण दिया जाएगा और राशि आपके बैंक खाते में डाली जाएगी। पहली बार में आप 1 लाख रुपये तक का लोन ले सकेंगे।
आवेदन करने के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरूरत होगी?
आवेदक का आधार कार्ड, अन्य पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर, जाति प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक और पासपोर्ट साइज फोटो जरूरी होगा। इसके साथ ही आवेदक की उम्र 18 साल या उससे ज्यादा होनी चाहिए। एक परिवार से केवल एक सदस्य ही योजना का लाभ उठा सकेगा। पिछले 5 सालों में इसी तरह की किसी अन्य योजना का लाभ उठाने वाले लाभार्थी आवेदन नहीं कर पाएंगे। सरकारी कर्मचारियों को भी योजना से बाहर रखा गया है।
योजना में किन 18 तरह के कारीगरों को कवर किया गया है?
योजना के पहले चरण में कुल 18 तरह के पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को शामिल किया गया है। इसमें बढ़ई, लोहार, नाव बनाने वाले, अस्त्र बनाने वाले, सुनार, मूर्तिकार और पत्थर तराशने वाले, कुम्हार, ताला बनाने वाले, हथौड़ा और टूलकिट बनाने वाले, राजमिस्त्री, मोची, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी, मछली का जाल बनाने वाले, टोकरी, चटाई और झाड़ू बनाने वाले और पारंपरिक गुड़िया और खिलौने बनाने वाले शामिल किए गए हैं।
क्या है योजना के फायदे?
योजना के तहत 2 तरह का कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा- बेसिक और एडवांस। बेसिक में 40 घंटे और एडवांस में 120 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस दौरान रोजाना 500 रुपये की राशि भी दी जाएगी। लाभार्थियों को औजार खरीदने के लिए 15,000 रुपये भी दिए जाएंगे। डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर डिजिटल लेनदेन पर एक रुपये अतिरिक्त मिलेगा। ब्रांडिंग और ऑनलाइन मार्केटिंग जैसी तकनीकी सहायता भी दी जाएगी।
क्या है आयुष्मान भव अभियान?
आयुष्मान भव अभियान के तहत आयुष्मान भारत योजना और सरकार की अन्य योजनाओं के तहत लोगों को जागरुक किया जाएगा। इसके तहत देश में 1.17 लाख से ज्यादा स्वास्थ्य केंद्रों पर आयुष्मान मेला लगाया जाएगा और आम लोगों के स्वास्थ्य की जांच की जाएगी। ब्लॉक स्तर के सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में भी स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे। 13 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गांधीनगर से वर्चुअल माध्यम से इस अभियान की शुरुआत की थी।