#NewsBytesExplainer: रेनो-निसान ऑटोमोटिव इंडिया ने पूरे किए 15 साल, जानिये इनका सफर
क्या है खबर?
रेनो-निसान ऑटोमोटिव इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (RNAPL) ने भारतीय बाजार में 15 साल पूरे कर लिए हैं।
RNAPL के तहत दोनों कंपनियों ने चेन्नई में एक मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का निर्माण किया और साथ मिलकर गाड़ियां बनाने लगीं।
साल 2008 में इस प्लांट की शुरुआत हुई थी। दोनों कंपनियों अपनी सभी गाड़ियों का उत्पादन इसी प्लांट में करती हैं।
आज हम आपके लिए रेनो और निसान की साझेदारी से जुड़ी कुछ जानकारी लेकर आए हैं।
साझेदारी
साल 1999 से साथ काम कर रही हैं दोनों कंपनियां
रेनो और निसान पिछले लगभग 24 वर्षों से साथ मिलकर काम कर रही हैं।
दोनों की साझेदारी साल 1999 में हुई थी। उससे पहले दोनों जापान में गाड़ियों की बिक्री करती थी।
साल 2005 में रेनो और निसान ने भारतीय बाजार में कदम रखा था। शुरुआत में ये कंपनियां विदेशों में बनी गाड़ियों का आयात कर देश में बेचती थीं।
इसके बाद साल 2008 में RNAPL प्लांट की शुरुआत हुई और 2010 में यहीं से पहली गाड़ी रोल आउट हुई।
उत्पादन
चेन्नई प्लांट में हर साल बनती हैं इतनी गाड़ियां
निसान-रेनो की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में प्रति वर्ष 4.8 लाख गाड़ियां बनाई जा सकती हैं। इस मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में दोनों कंपनियां बराबर की हिस्सेदार हैं।
इस प्लांट में रेनो-निसान ऑटोमोटिव इंडिया कुल 6 इंजनों का निर्माण करती हैं, जिन्हें दोनों कंपनियां अपने अलग-अलग मॉडलों में इस्तेमाल करती हैं।
बता दें कि इस प्लांट से अब तक 25 लाख गाड़ियां रोल आउट हो चुकी हैं। आने वाले कुछ महीनों में इस प्लांट में 6 नई गाड़ियों का उत्पादन शुरू होगा।
साझेदारी
108 देशों में गाड़ियां निर्यात करती हैं निसान-रेनो
साल 2022 तक निसान मोटर्स में रेनो की हिस्सेदारी लगभग 43 प्रतिशत थी, जिसे इसी साल जनवरी में कम करके 15 प्रतिशत कर दिया गया है।
चेन्नई प्लांट में बनी गाड़ियों में से लगभग 15 लाख गाड़ियों को 108 देशों में निर्यात किया गया है, वहीं करीब 10 लाख गाड़ियां देश में बेची गई हैं।
कंपनी की मानें तो इस प्लाट में एक गाड़ी का उत्पादन करने में 3 मिनट का समय लगता है।
रिबैज कार
रिबैज गाड़ियां भी बनाती हैं रेनो-निसान
टोयोटा-मारुति की तरह ही निसान और रेनो भी रिबैज गाड़ियां बनाती हैं।
साल 2012 में रेनो ने अपनी रेनो डस्टर SUV लॉन्च की थी। एक साल बाद निसान ने इसी गाड़ी का रिबैज वर्जन निसान टेरेनो लॉन्च किया।
इसके अलावा रेनो ने अपनी पल्स हैचबैक कार भी देश में लॉन्च की थी, जो निसान किक्स का रिबैज मॉडल था। ये सभी गाड़ियां बंद हो चुकी हैं।
अब जल्द ही ये कंपनियां कुछ नई रिबैज गाड़ियां लॉन्च कर सकती हैं।
निसान
भारत में निसान की गाड़ियां
वर्तमान में निसान भारत में केवल दो गाड़ियों निसान मैग्नाइट और निसान किक्स की बिक्री करती हैं।
इस साल के अंत तक कंपनी अपने पोर्टफोलियो का विस्तार करते हुए तीन नई गाड़ियां लॉन्च करने वाली है। कंपनी इन्हें शोकेस भी कर चुकी है।
देश में निसान सबसे पहले अपनी निसान X-ट्रेल को लॉन्च करेगी, जिसकी कीमत 26 लाख रुपये के आस-पास होगी, वहीं निसान क़श्कई (QASHQAI) और निसान जूक को भी जल्द ही लॉन्च किया जायेगा।
रेनो
भारत में रेनो की गाड़ियां
बात करें रेनो की तो वर्तमान में कंपनी रेनो ट्राइबर, रेनो किगर और रेनो क्विड की बिक्री भारतीय बाजार में करती है। इनकी कीमत क्रमशः 5.98 लाख रुपये, 6.01 लाख रुपये और 4.70 लाख रुपये एक्स-शोरूम है।
हाल ही में कंपनी में इन गाड़ियों को नए फेस्टिव एडिशन में पेश किया है।
कंपनी ने इनके लिए बुकिंग भी स्वीकार करना शुरू कर दिया है। कंपनी जल्द ही क्विड का इलेक्ट्रिक मॉडल लॉन्च कर सकती है।
बंद
हाल ही में बंद हुई है रेनो-निसान की ये गाड़ियां
बीते साल रेनो ने अपने सबसे लोकप्रिय गाड़ी रेनो डस्टर का उत्पादन बंद कर दिया था। रिपोर्ट्स की मानें तो इसे जल्द ही इलेक्ट्रिक वेरिएंट में उतारा जाना है, वहीं निसान ने भी डस्टर का रिबैज मॉडल टेरेनो को बंद कर दिया है।
निसान कंपनी ने अपने टॉप ऑफ द लाइन कार निसान GT-R का भी उत्पादन बंद कर दिया है।
बता दें कि देश में यह कंपनी की सबसे महंगी गाड़ी थी, जिसकी कीमत 2 करोड़ से अधिक थी।
न्यूजबाइट्स
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
लुईस रेनो और उनके भाइयों ने 1898 में अपनी कंपनी रेनो की स्थापना की। साल 1905 में कंपनी ने अपनी पहली मैन्युफैक्चरिंग यूनिट बनाई। इसके बाद कंपनी जापान में गाड़ियों की बिक्री करने लगी।
दूसरी तरफ निसान की शुरुआत 1911 में कैशिंशा मोटर कार वर्क्स के रूप में हुई। कंपनी की पहली कार डॉट थी, जो 1914 में लॉन्च किया गया। साल 1933 में इस कंपनी का नाम बदलकर निसान मोटर्स कर दिया गया।