प्रधानमंत्री की मंत्रियों को सलाह- सनातन धर्म विवाद पर उचित जवाब दें, भारत-इंडिया पर चुप रहें
तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की सनातन धर्म पर की गई टिप्पणी से जुड़ा विवाद बढ़ता जा रहा है। अब इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने मंत्रिपरिषद की बैठक में मंत्रियों से कहा कि वे उदयनिधि की टिप्पणी पर उचित प्रतिक्रिया दें। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने 'भारत' और 'इंडिया' नाम को लेकर विवाद और G-20 पर मंत्रियों को चुप रहने की सलाह दी है।
सनातन धर्म विवाद पर मंत्रियों को उचित प्रतिक्रिया देने की सलाह
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने मंत्रियों को सनातन धर्म को लेकर चल रहे विवाद में उचित प्रतिक्रिया और जवाब देने की छूट दी है। इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा, "इतिहास में न जाएं, बल्कि संविधान के अनुसार तथ्यों पर टिके रहें। साथ ही, मुद्दे की समसामयिक स्थिति के बारे में भी बोलें।" बता दें कि उदयनिधि के बयान के बाद से ही इस मामले पर खूब विवाद हो रहा है।
प्रधानमंत्री की सलाह- भारत बनाम इंडिया पर बोलने से बचें
प्रधानमंत्री ने मंत्रियों को भारत बनाम इंडिया के मसले पर चुप रहने या संभलकर बोलने की सलाह दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर केवल आधिकारिक प्रवक्ता या जिसे बोलने की जिम्मेदारी दी गई है, वही बोले। प्रधानमंत्री ने बाकी मंत्रियों को इस मुद्दे पर न बोलने को कहा है। G-20 को लेकर भी प्रधानमंत्री ने मंत्रियों को कुछ न बोलने की सलाह दी है।
G-20 के दौरान रात्रिभोज को लेकर भी मंत्रियों को मिली सलाह
9 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू G-20 शिखर सम्मेलन आयोजन के दौरान रात्रिभोज की मेजबानी करेंगी। इसमें मंत्री और मुख्यमंत्री भी हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा है कि रात्रिभोज में हिस्सा लेने वाले मंत्री अपनी गाड़ियों से संसद भवन परिसर पहुंचे और बसों में बैठकर आयोजन स्थल तक जाएं। मुख्यमंत्रियों को भी इस नियम का पालन करने को कहा गया है। आमंत्रित लोगों को शाम 5.50 तक संसद भवन परिसर और 6.30 बजे आयोजन स्थल पहुंचने को कहा गया है।
उदयनिधि ने क्या कहा था?
उदयनिधि ने 'सनातन उन्मूलन सम्मेलन' को संबोधित करते हुए कहा था कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। उन्होंने कहा था, "कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म कर देना चाहिए। हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना (वायरस) का विरोध नहीं कर सकते हैं। हमें इन्हें खत्म करना होगा। इसी तरह हमें सनातन धर्म को भी खत्म करना है।" विवाद के बावजूद उदयनिधि ने कहा कि वो अपने बयान पर कायम हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस
दरअसल, हाल ही में G-20 के निमंत्रण पत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 'प्रेसीडेंट ऑफ भारत' के तौर पर संबोधित किया गया है। पहले इसकी जगह पर 'प्रेसीडेंट ऑफ इंडिया' लिखा जाता था। विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि केंद्र सरकार विपक्षी गठबंधन INDIA से डरकर देश का नाम बदलने में जुटी है। इस मुद्दे को लेकर विपक्ष और सरकार के बीच खूब बयानबाजी हो रही है और 'इंडिया' से नाम बदलकर 'भारत' भी किए जाने की चर्चा है।