NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    ऑपरेशन सिंदूर
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / देश की खबरें / क्या है डाटा संरक्षण विधेयक और सरकार को इसे वापस क्यों लेना पड़ा?
    अगली खबर
    क्या है डाटा संरक्षण विधेयक और सरकार को इसे वापस क्यों लेना पड़ा?
    सरकार ने लोकसभा में वापस लिया डाटा संरक्षण विधेयक।

    क्या है डाटा संरक्षण विधेयक और सरकार को इसे वापस क्यों लेना पड़ा?

    लेखन भारत शर्मा
    Aug 03, 2022
    08:37 pm

    क्या है खबर?

    लोगों के निजी डाटा के इस्तेमाल और अवैध प्रसार को रोकने के लिए लाए गए डाटा संरक्षण विधेयक, 2021 को सरकार ने बुधवार को लोकसभा में वापस ले लिया है।

    विधेयक को विपक्ष के विरोध के बाद दोनों सदनों की संयुक्त समिति के पास भेजा गया था। समिति ने दिसंबर 2021 में लोकसभा में इसकी रिपोर्ट पेश की थी। उसके बाद इसे वापस लिया गया है।

    आइये जानते हैं कि क्या है यह विधेयक और इसे वापस क्यों लेना पड़ा।

    सवाल

    क्या है डाटा संरक्षण विधेयक?

    सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने डाटा संरक्षण विधेयक को 11 दिसंबर, 2019 को सदन में पेश किया था।

    इस विधेयक का उद्देश्य किसी व्यक्ति के निजी डाटा का इस्तेमाल और इसके प्रवाह को सुरक्षा प्रदान करना तथा निजी डाटा को इस्तेमाल करने वाली कंपनी के बीच भरोसा कायम करना था।

    यूजर के डाटा को काम में लिए जाने के दौरान उसके अधिकारों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही इस विधेयक को तैयार किया गया था।

    योजना

    डाटा संरक्षण विधेयक में क्या बनाई गई थी योजना?

    इस विधेयक में लोगों के डाटा के इस्तेमाल के दौरान संस्थागत और तकनीकी सावधानियों के लिए ढांचा तैयार करने, सोशल मीडिया प्रतिनिधि के लिए नियम बनाने, सीमा पार स्थानांतरण, निजी डाटा को काम में लाने वाली संस्थाओं की जवाबदेही, डाटा के गलत और नुकसानदायक इस्तेमाल को रोकने के लिए उचित कदम उठाने की योजना बनाई गई थी।

    इसके अलावा यह विधेयक निजी डाटा को व्यक्ति या उससे जुड़ी जानकारी के रूप में परिभाषित करता है।

    प्रावधान

    विधेयक में क्या किए गए थे प्रावधान?

    विधेयक भारत से निकले किसी भी निजी डाटा की बात करता है, जिसका इस्तेमाल सरकार या उसकी एजेंसी, भारतीय कंपनी, नागरिक या भारतीय कानून के तहत तैयार या शामिल किए गए किसी व्यक्ति या समूह द्वारा किया गया हो।

    इसमें डाटा के मालिक को 'डाटा प्रिंसिपल्स' और डाटा संग्रह करने वाली संस्था को 'डाटा फिडूसियरी' कहा जाता है।

    इसी तरह डाटा फिडूसियरी की तरफ से निजी डाटा को प्रोसेस करने वाली संस्था को 'डाटा प्रोसेसर' कहा जाता है।

    जानकारी

    विधेयक में डाटा के इस्तेमाल पर क्या थी बाध्यता?

    विधेयक में निजी डाटा का इस्तेमाल करने वाली संस्था पर डाटा का प्रोसेस केवल कानून के तहत ही करने और पारदर्शिता तथा जवाबदेही कायम रखने की बाध्यता थी। इसी तरह डाटा संग्रहकर्ता के पास उचित सुरक्षा तरीके इजाद करने की जिम्मेदारी थी।

    जुर्माना

    विधेयक में किया गया था भारी जुर्माने का प्रावधान

    विधेयक में उसके प्रावधानों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माने का भी प्रावधान किया गया था। इसके तहत कानून तोड़ने पर 15 करोड़ या कंपनी के वैश्विक टर्नओवर का चार प्रतिशत (इनमें से जो ज्यादा है) जुर्माना लगाया जाना था।

    हालांकि, विधेयक में सरकार और उससे जुड़ी सभी सरकारी और निजी एजेंसियों को व्यापक छूट दिए जाने का भी प्रावधान किया गया था।

    इसको लेकर ही विपक्ष के सांसदों ने विधेयक पर सवाल खड़ा किया था।

    विरोध

    विपक्ष ने किया था विधेयक का विरोध

    विधेयक का कांग्रेस सांसद जयराम रमेश और मनीष तिवारी सहित विपक्ष के अधिकतर सांसदों ने विरोध किया था।

    उनका कहना था कि सरकार और उसकी संस्थाओं को दी जाने वाली छूट निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।

    इसी तरह इसके अनुच्छेद 12(A) और 35 पर भी विरोध जताया था।

    अनुच्छेद 35 में भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, विदेशों के साथ मैत्री संबंध के लिए सरकार और उसकी एजेंसियों को छूट दी गई थी।

    समीक्षा

    समीक्षा के लिए संयुक्त समिति के पास भेजा गया था विधेयक

    विपक्ष के विरोध के बाद इस विधेयक को दोनों सदनों की संयुक्त समिति के पास समीक्षा के लिए भेजा गया था।

    इसके साथ केंद्र सरकार ने विधेयक पर उठाए गए सवालों के समाधान के लिए अपना जवाब भी भेजा था।

    समिति ने विधेयक और सरकार के जवाबों की समीक्षा करने के बाद 16 दिसंबर, 2021 को लोकसभा में अपनी रिपोर्ट पेश कर दी थी।

    उसके बाद इस विधेयक पर फिर से नए सिरे से बहस शुरू की गई थी।

    वापसी

    सरकार ने वापस क्यों लिया विधेयक?

    सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को इस विधेयक को वापस लेने का प्रस्ताव रखा जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी।

    केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सरकारी नोटिस को ट्वीट कर लिखा, 'विधेयक को वापस लेने का निर्णय लिया जा रहा है, क्योंकि संसदीय पैनल की समीक्षा ने 81 संशोधनों का सुझाव दिया है। ऐसे में इसमें एक नए व्यापक कानूनी ढांचे की आवश्यकता है। सरकार अब इस संबंध में नया विधेयक पेश करेगी।'

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    लोकसभा
    कांग्रेस समाचार
    सूचना और प्रसारण मंत्रालय
    केंद्र सरकार

    ताज़ा खबरें

    डोनाल्ड ट्रंप ने फिर लिया भारत-पाकिस्तान युद्धविराम का श्रेय, जानिए क्या दिया बयान अमेरिका
    IPL 2025, एलिमिनेटर: GT बनाम MI मैच में ये खिलाड़ी रहा 'प्लेयर ऑफ द डे' IPL 2025
    IPL 2025 में खत्म हुआ गुजरात टाइटंस का सफर, आंकड़ों से जानिए कैसा रहा प्रदर्शन इंडियन प्रीमियर लीग
    IPL 2025: MI ने एलिमिनेटर में GT को हराया, देखिए मैच के शानदार मोमेंट्स IPL 2025

    लोकसभा

    विपक्ष के हंगामे के बीच कृषि कानूनों को निरस्त करने वाला विधेयक लोकसभा से पारित किसान आंदोलन
    बिना चर्चा संसद से पारित हुआ कृषि कानूनों को निरस्त करने वाला विधेयक, विपक्ष का हंगामा किसान आंदोलन
    'विधेयक' से लेकर 'शून्य काल' तक, संसद में सुनाई देने वाले शब्दों का मतलब क्या है? संसद
    बिपिन रावत हेलीकॉप्टर क्रैश: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया पूरा घटनाक्रम राजनाथ सिंह

    कांग्रेस समाचार

    राज्यसभा के 31 प्रतिशत सांसद दागी, 87 प्रतिशत हैं करोड़पति तृणमूल कांग्रेस
    पंजाब: अपनी पार्टी का भाजपा में विलय करेंगे पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पंजाब
    महाराष्ट्र: फ्लोर टेस्ट की वोटिंग में अनुपस्थित रहे कांग्रेस के 10 और NCP के आठ विधायक महाराष्ट्र की राजनीति
    राहुल गांधी का डॉक्टर्ड वीडियो शेयर करने के मामले में भाजपा नेताओं के खिलाफ FIR राहुल गांधी

    सूचना और प्रसारण मंत्रालय

    नमो टीवी पर बिना मंजूरी नहीं प्रसारित होगा कंटेट, चुनाव आयोग ने दिए निर्देश नरेंद्र मोदी
    I&B मंत्रालय का आदेशः सीरियल्स के शुरुआत और आखिर में भारतीय भाषाओं में क्रेडिट दें चैनल प्रकाश जावड़ेकर
    अस्पताल में भर्ती अरुण जेटली की हालत गंभीर, मिलने पहुंचे अमित शाह और योगी आदित्यनाथ दिल्ली
    आडवाणी खेमे के जेटली जो मोदी को दिल्ली लेकर आए, ऐसा रहा उनका सफर दिल्ली मेट्रो

    केंद्र सरकार

    सरकार को जनता से इस साल इन मुद्दों पर मिलीं सबसे अधिक शिकायतें स्वास्थ्य मंत्रालय
    विदेश में रहने वाले रिश्तेदारों से अब ले सकेंगे 10 लाख रुपये, नहीं देनी होगी जानकारी गृह मंत्रालय
    SSC CGL टियर-1 के नतीजे जारी, ऐसे करें डाउनलोड कर्मचारी चयन आयोग (SSC)
    केंद्र सरकार के खिलाफ कर्नाटक हाई कोर्ट पहुंचा ट्विटर, कंटेंट हटाने के आदेश को चुनौती ट्विटर
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025