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क्या है सम्मेद शिखर विवाद, जिसे लेकर देशभर में जैन समुदाय कर रहा है प्रदर्शन?
जैन समुदाय सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है

क्या है सम्मेद शिखर विवाद, जिसे लेकर देशभर में जैन समुदाय कर रहा है प्रदर्शन?

संपादन भारत शर्मा
Jan 01, 2023
07:57 pm

क्या है खबर?

झारखंड सरकार की ओर से गिरिडीह जिले में स्थित जैन तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने का विरोध बढ़ता जा रहा है। जैन समुदाय के लोगों ने रविवार को देशभर में प्रदर्शन किया। इस दौरान दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद समेत अन्य कई शहरों में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। दरअसल, जैन समुदाय के लोग झारखंड सरकार से फैसले को बदलने की मांग कर रहे हैं। आइए जानते हैं कि आखिर यह पूरा विवाद क्या है।

ट्विटर पोस्ट

यहां देखें प्रदर्शन की तस्वीरें

विवाद

कैसे शुरू हुआ पूरा विवाद?

केंद्र सरकार ने वर्ष 2019 में सम्मेद शिखर को इको सेंसिटिव जोन घोषित किया था। इसके बाद झारखंड सरकार ने इसे पर्यटन स्थल घोषित कर दिया था। सम्मेद शिखर के आसपास के इलाके में मांस और शराब की बिक्री और सेवन प्रतिबंधित है। हालांकि, कुछ दिन पहले एक युवक की शराब पीते हुए वीडियो वायरल हो गया था। जैन समुदाय का आरोप है कि क्षेत्र में मांस और शराब का सेवन होने से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है।

महत्व

क्या है सम्मेद शिखर का धार्मिक महत्व?

झारखंड के सबसे ऊंचे पर्वत पारसनाथ पर्वत पर जैन धर्म का पवित्र तीर्थ सम्मेद शिखर स्थापित है। इस क्षेत्र में जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष की प्राप्ति की थी। यहां पर 23वें तीर्थकर भगवान पार्श्वनाथ ने भी निर्वाण प्राप्त किया था। इस पवित्र पर्वत के शिखर तक श्रद्धालु पैदल जाते हैं। जंगलों और पहाड़ों के दुर्गम रास्तों से गुजरते हुए नौ किलोमीटर की यात्रा तय कर शिखर पर पहुंचते हैं।

ज्ञापन

प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति मुर्मू को सौंपा ज्ञापन

मामले के विरोध में जैन समुदाय के सैकड़ों लोग दिल्ली के प्रगति मैदान और इंडिया गेट पर इकट्ठा हुए। इस दौरान प्रदर्शनकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस संबंध में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। उन्होंने राष्ट्रपति से कहा कि वह झारखंड सरकार के सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने के खिलाफ है। यह जैन समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है। इससे तीर्थ को नुकसान होगा। सरकार को फैसला वापस लेना चाहिए।

प्रदर्शन

महाराष्ट्र के मंत्री भी प्रदर्शन में हुए शामिल

जैन समुदाय ने मुंबई की सड़कों पर एक बड़ा प्रदर्शन किया जिसमें महाराष्ट्र सरकार के मंत्री एमपी लोढ़ा भी शामिल हुए। उन्होंने कहा, "हम गुजरात के पलीताणा में जैन मंदिर में हुई तोड़फोड़ और झारखंड सरकार के सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल में बदलने के फैसले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। गुजरात सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। आज पांच लाख से अधिक लोग सड़कों पर उतरे हैं।"

जानकारी

गुजरात के जैन मंदिर में भी हुई तोड़फोड़

जैन समुदाय के देशव्यापी प्रदर्शन के बीच गुजरात के पलीताणा शहर के जैन मंदिर में तोड़फोड़ का मामला भी सामने आया है। जैन समुदाय ने गुजरात सरकार से मंदिर में तोड़फोड़ करने वाले आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग भी की है।

समर्थन

VHP और ओवैसी ने किया जैन समुदाय का समर्थन

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर जैन समुदाय के प्रदर्शन का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार को अपना फैसला वापस लेना चाहिए। बता दें कि इससे पहले विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने भी जैन समुदाय के लोगों का समर्थन किया था। VHP ने कहा था कि सम्मेद शिखर एक तीर्थ स्थल है और उसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित नहीं किया जाना चाहिए।