Page Loader
क्या है 'मिशन मौसम', जिसका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है उद्घाटन?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की मिशन मौसम की शुरुआत

क्या है 'मिशन मौसम', जिसका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है उद्घाटन?

Jan 14, 2025
12:28 pm

क्या है खबर?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार (14 जनवरी) को भारतीय मौसम विभाग (IMD) की 150वीं वर्षगांठ पर दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित समारोह में 'मिशन मौसम' का उद्घाटन किया। यह मिशन भारत को मौसम की विभिन्न परिस्थितियों के लिए तैयार रहने और जलवायु के प्रति जागरूक बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने मिशन की आवश्यकता के बारे में भी बताया। आइए जानते हैं 'मिशन मौसम' क्या है और इससे क्या फायदा होगा।

ट्विटर पोस्ट

यहां देखें वीडियो

मिशन

मिशन मौसम क्या है?

मिशन मौसम, मौसम पूर्वानुमान और प्रबंधन को बदलने की दिशा में भारत का अगला बड़ा कदम है। इसका उद्देश्य उन्नत उपकरणों, विस्तारित नेटवर्क और नवीनतम तकनीक का उपयोग करके मौसम के पैटर्न पर जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव से निपटना है। मिशन का ध्यान लघु और मध्यम अवधि के पूर्वानुमानों को बेहतर बनाने और चरम मौसम की घटनाओं के लिए तैयारियों को बढ़ाने पर है। इससे आपदा की स्थिति में देश बेहतर तैयारी कर सकेगा।

उद्देश्य

क्या है इस मिशन का उद्देश्य?

इस मिशन का मुख्य उद्देश्य बेहतर पूर्वानुमान लगाना है। इसमें पूर्वानुमान की सटीकता में 5-10 प्रतिशत की बढ़ोतरी और 10-15 दिन के अग्रिम समय के साथ पंचायत स्तर तक पूर्वानुमान का विस्तार किया जाएगा। इसके लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इनमें मौसम प्रणालियों के बेहतर मॉडल के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI), मशीन लर्निंग और उच्च प्रदर्शन वाले सुपर कंप्यूटरों का उपयोग शामिल है। इससे जलवायु जोखिमों का आकलन बेहतर हो सकेगा और बचाव के लिए बेहतर तैयारी होगी।

जानकारी

बेहतर वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान में होगा सुधार

मिशन मौसम से मेट्रो शहरों में वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान में 10 प्रतिशत तक सुधार हो सकेगा। इसी तरह वास्तविक समय पर मौसम के अपडेट के लिए नाउकास्ट आवृत्ति को 3 घंटे के पुराने समय से घटाकर एक घंटा किया गया है। इससे काफी लाभ होगा।

पहल

मिशन मौसम की प्रमुख पहल क्या हैं?

मिशन मौसम में अवलोकन नेटवर्क का विस्तार के लिए 2026 तक डॉप्लर रडार की संख्या को 70 की जाएगी, जो वर्तमान 39 है। इसी तरह 10 एयर प्रोफाइलर और 10 रेडियोमीटर लगाए जाएंगे। बाद के चरणों में अतिरिक्त उपग्रह और विमान लाए जाएंगे। इसी तरह पुणे में स्थित भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान में बादल की गतिशीलता का अध्ययन करने के लिए क्लाउड चैंबर तैयार किया जाएगा। इसमें क्लाउड सीडिंग का प्रयोग भी शामिल होगा।

जानकारी

मॉडल रिजॉल्यूशन को भी किया जाएगा बेहतर

मिशन मौसम में अधिक सटीकता के लिए मॉडल रिजॉल्यूशन की क्षमता को 12 से घटकार 6 किलोमीटर किया जाएगा। इससे मौसम संबंधी पूर्वामान पहले की तुलना में काफी सटीक हो सकेंगे। यह बदलाव IMD के लिए क्रांतिकारी साबित होगा।

फायदा

मिशन से मौसम प्रबंधन में क्या होगा फायदा? 

मिशन क्लाउड सीडिंग जैसी मौसम परिवर्तन तकनीकों की खोज करता है, जिसका इस्तेमाल पहले से ही अमेरिका, चीन और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) जैसे देशों में किया जा रहा है। सिल्वर आयोडाइड जैसी सामग्री को बादलों में फैलाकर, बारिश को प्रेरित या रोका जा सकता है। यह मिशन 5 सालों में 2 चरणों में पूरा होगा। पहला चरण मार्च 2026 तक होगा, जिसमें पूर्वानुमान क्षमताओं का विस्तार करने ध्यान केंद्रित किया जाएगा। दूसरा चरण अप्रैल 2026 से शुरू होगा।

आवश्यकता

मिशन मौसम क्यों जरूरी है?

भारत को बादल फटने, बिजली गिरने और भारी वर्षा जैसी चरम मौसम की घटनाओं से बढ़ती चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जो अक्सर एक ही समय में सूखे और बाढ़ दोनों का कारण बनती हैं। 12 किलोमीटर रिजॉल्यूशन वाले मौजूदा मौसम मॉडल छोटे पैमाने की घटनाओं को ट्रैक करने में संघर्ष करते हैं। सीमित डाटा और बदलती जलवायु परिस्थितियां मौसम की भविष्यवाणी और प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए नए समाधानों की मांग करती हैं।