LOADING...
मौसम से जुड़े अप्रत्याशित बदलावों से वैज्ञानिक चिंतित, बोले- इनकी गति और समय 'अभूतपूर्व'
धरती पर अप्रत्याशित मौसमी घटनाओं ने वैज्ञानिकों को चिंता में डाल दिया है

मौसम से जुड़े अप्रत्याशित बदलावों से वैज्ञानिक चिंतित, बोले- इनकी गति और समय 'अभूतपूर्व'

लेखन आबिद खान
Jul 22, 2023
10:18 am

क्या है खबर?

इस साल तापमान में बढ़ोतरी, समुद्र की गर्मी और अंटार्कटिक पर पिघलती बर्फ जैसी कुछ अप्रत्याशित घटनाओं ने वैज्ञानिकों को चिंतित कर दिया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इन सब घटनाओं की गति और समय 'अभूतपूर्व' है। संयुक्त राष्ट्र (UN) के अनुसार, यूरोप में चल रही खतरनाक गर्मी आगे चलकर और रिकॉर्ड तोड़ सकती है। हालांकि, वैज्ञानिकों का मानना है कि इन घटनाओं को तुरंत जलवायु परिवर्तन से जोड़ना कठिन है।

चिंता

मौसम से जुड़े बदलावों पर वैज्ञानिकों ने जताई चिंता

BBC से बात करते हुए लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के पर्यावरण भूगोलवेत्ता थॉमस स्मिथ ने कहा, "मुझे ऐसी किसी अवधि की जानकारी नहीं है जब मौसम से जुड़े सभी हिस्से रिकॉर्ड तोड़ने वाले या असामान्य क्षेत्र में थे।" इंपीरियल कॉलेज लंदन के जलवायु विज्ञान व्याख्याता डॉ. पाउलो सेप्पी कहते हैं, "जीवाश्म ईंधन जलाने से होने वाली ग्लोबल वॉर्मिंग और अल नीनो के असर की वजह से 'पृथ्वी अब अज्ञात क्षेत्र' में है।"

गर्म दिन

जुलाई में रिकॉर्ड किया गया सबसे गर्म दिन

6 जुलाई को अब तक का का सबसे गर्म दिन रिकॉर्ड किया गया। इस दिन वैश्विक तापमान 17.08 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था, जिसने अगस्त 2016 में दर्ज किए गए 16.92 डिग्री सेल्सियस के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। इंपीरियल कॉलेज लंदन के जलवायु वैज्ञानिक डॉ. फ्रेडरिक ओटो का कहना है कि ग्रीनहाउस गैसों से गर्म हो रही दुनिया में ये होना ही था और इसके लिए मनुष्य ही 100 प्रतिशत जिम्मेदार है।

Advertisement

गर्म महीना

अब तक का सबसे गर्म महीना रहा जुलाई

नासा के जलवायु विज्ञानी गेविन श्मिट ने कहा कि जुलाई 2023 संभवत: 'सैकड़ों या फिर हजारों सालों' में दुनिया का सबसे गर्म महीना रहा है। उन्होंने कहा, "दुनिया भर में अभूतपूर्व बदलाव हो रहा है। अमेरिका, यूरोप और चीन में चलने वाले गर्म हवाएं रिकॉर्ड तोड़ रहीं हैं। इसके पीछे अल नीनो को ही जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। इसकी प्रमुख वजह पर्यावरण में ग्रीन हाउस गैसों का लगातार उत्सर्जन और इनमें कमी नहीं आना है।"

Advertisement

बर्फ

अंटार्कटिका से ब्रिटेन के क्षेत्रफल बराबर बर्फ कम हुई

अंटार्कटिका में समुद्री बर्फ से ढका क्षेत्र जुलाई में रिकॉर्ड निचले स्तर पर है। 1981-2010 के औसत की तुलना में इस साल ब्रिटेन के क्षेत्रफल जितना बड़ा बर्फ का इलाका कम हो गया है। औसत वैश्विक महासागर तापमान में भी बढ़ोतरी हो रही है और यह 2016 में दर्ज किए गए उच्चतम समुद्री सतह तापमान के करीब पहुंच रहा है। जून में आयरलैंड के पश्चिमी तट पर तापमान औसत से 4-5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रिकॉर्ड किया गया।

Advertisement