प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 दिवसीय कुवैत यात्रा पर रवाना, 43 सालों में देश का पहला दौरा
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार सुबह कुवैत की 2 दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर रवाना हो गए।
यह एक ऐतिहासिक दौरा माना जा रहा है क्योंकि यह पिछले 43 सालों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली कुवैत यात्रा है। इससे पहले साल 1981 में इंदिरा गांधी ने इस खाड़ी देश की यात्रा की थी।
इस यात्रा से दोनों देशों के व्यापार, निवेश, ऊर्जा और लोगों के बीच आपसी संबंधों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती मिलने की उम्मीद है।
ट्विटर पोस्ट
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#WATCH | Delhi: Prime Minister Narendra Modi emplanes for Kuwait.
— ANI (@ANI) December 21, 2024
PM Narendra Modi is on a 2-day visit to Kuwait at the invitation of Sheikh Meshal Al-Ahmad Al-Jaber Al-Sabah, the Amir of the State of Kuwait. This will be the first visit of an Indian Prime Minister to Kuwait… pic.twitter.com/VyOufRicI9
कार्यक्रम
कैसा रहेगा प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम?
विदेश मंत्रालय के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी कुवैती अमीर शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह, क्राउन प्रिंस और उनके समकक्ष से मिलेंगे। वह अमीर के निमंत्रण पर कुवैत जा रहे हैं।
इसी तरह प्रधानमंत्री भारतीय समुदाय से बातचीत करेंगे और भारतीय श्रम शिविर का दौरा भी करेंगे। उनके अरेबियन गल्फ कप फुटबॉल टूर्नामेंट के उद्घाटन समारोह में भी भाग लेने की उम्मीद है।
इस यात्रा से भारत और खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के संबंध और भी मजबूत होने की उम्मीद है।
बयान
कुवैत रवाना होने से पहले क्या बोले प्रधानमंत्री मोदी
कुवैत रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आज, मैं कुवैत राज्य के अमीर महामहिम शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा के निमंत्रण पर कुवैत की 2 दिवसीय यात्रा पर जा रहा हूं। हम कुवैत के साथ पीढ़ियों से चले आ रहे ऐतिहासिक संबंध को गहराई से महत्व देते हैं। हम न केवल मजबूत व्यापार और ऊर्जा भागीदार हैं, बल्कि पश्चिम एशिया क्षेत्र में शांति, सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि में भी हमारे साझा हित हैं।"
अवसर
"कुवैत यात्रा भविष्य की साझेदारी के लिए रोडमैप तैयार करने का अवसर"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मैं महामहिम अमीर, क्राउन प्रिंस और कुवैत के प्रधानमंत्री के साथ बैठकों के लिए उत्सुक हूं। यह हमारे लोगों और क्षेत्र के लाभ के लिए भविष्य की साझेदारी का रोडमैप तैयार करने का अवसर होगा।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं कुवैत में भारतीय प्रवासियों से मिलने के लिए 'हाला मोदी' कार्यक्रम का उत्सुकता से इंतजार कर रहा हूं। मैं अरेबियन गल्फ कप के उद्घाटन समारोह में मुझे आमंत्रित करने के लिए भी अपना आभार व्यक्त करता हूं।"
चर्चा
किन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा?
प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान ऊर्जा सुरक्षा को लेकर चर्चा हो सकती है। भारत के लिए ऊर्जा सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जो खाड़ी से तेल आयात पर निर्भर करता है।
स्थिर ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करने और नवीकरणीय ऊर्जा में सहयोग पर चर्चा हो सकती है। दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों में और विविधता लाने के प्रयास भी हो सकते हैं।
भारत की बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में कुवैती निवेश को लेकर भी चर्चा की उम्मीद है।
संबंध
कैसे हैं भारत-कुवैत संबंध?
भारत-कुवैत के बीच राजनयिक संबंधों की शुरुआत 1962 में हुई थी। भारत कुवैती स्वतंत्रता को मान्यता देने वाले शुरुआती देशों में से एक था।
1962 में चीन युद्ध के वक्त कुवैत भारत को समर्थन देने वाले पहले देशों में से एक था। वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान दोनों के बीच द्विपक्षीय व्यापार करीब 88,000 करोड़ रुपये था।
इसके अलावा, कुवैत में लगभग 10 लाख भारतीय प्रवासी रहते हैं, जो वहां की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।