केरल: जानें क्या है सोने की तस्करी से जुड़ा मामला जिसमें आ रहा मुख्यमंत्री का नाम
केरल के त्रिवेंद्रम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर राजनयिक सामान से 30 किलोग्राम सोना जब्त होने के मामले ने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है। विपक्ष ने मामले में सीधा मुख्यमंत्री पिनरई विजयन पर निशाना साधा है और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच की मांग की है। विजयन ने कहा है कि वह किसी भी जांच के लिए तैयार हैं। ये पूरा मामला क्या है और विजयन का नाम इसमें क्यों आ रहा है, आइए आपको बताते हैं।
सबसे पहले जानें कैसे और क्यों की जाती है सोने की तस्करी
भारत में सोने पर 12.5 प्रतिशत का आयात शुल्क और तीन प्रतिशत GST लगता है और इस टैक्स को बचाने के लिए ही बाहरी देशों से भारत में इसकी तस्करी की जाती है। इसके लिए तस्करों का रैकेट विदेश से भारत वापस आ रहे किसी व्यक्ति को पैसे और फ्री टिकट का लालच देकर अपने जाल में फंसाते हैं और उनके शरीर या सामान में सोना छिपाकर भारत भेजते हैं। सोने को अर्द्ध-तरल पदार्थ में बदलकर तस्करी भी आम है।
कई बार अधिकारी भी रहते हैं तस्करी में लिप्त
सोने की तस्करी के इस रैकेट में अक्सर कस्टम विभाग के अधिकारी भी लिप्त रहते हैं और अवैध तरीके से लाए गए सोने को एयरपोर्ट से बाहर निकालने में मदद करते हैं। एयरपोर्ट स्टाफ के अन्य सदस्य भी अक्सर रैकेट में लिप्त पाए जाते हैं।
राजनयिक सामान में छिपाकर सोना लाने लगे हैं तस्कर
पिछले कुछ दिनों में तस्करों ने तस्करी का एक तरीका अपनाया है और राजनयिक सामान में छिपाकर सोने को भारत पहुंचाते हैं। दरअसल, अन्य देश और संयुक्त राष्ट्र (UN) जैसे संगठनों से उनके कर्मचारियों के लिए आने वाले दस्तावेज और सामान 'राजनयिक सामान' की सूची में आते हैं। अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत उच्च-स्तर से मंजूरी के बिना राजनयिक सामान को नहीं खोला जा सकता और इसलिए तस्कर इसमें सोना छिपाकर भेजते हैं, ताकि ये अधिकारियों की पकड़ में न आए।
UAE दूतावास के राजनियक सामान में छिपाकर लाया गया केरल में सोना
केरल में भी सोने की तस्करी के लिए यही तरीका अपनाया गया था और संयुक्त अरब आमीरात (UAE) दूतावास के एक राजनयिक सामान में छिपाकर सोना लाया गया था। अधिकारियों ने इस सामान की तलाशी लेने से पहले उच्च-स्तर से मंजूरी ली और जब इसे खोला तो इसमें 13 करोड़ रुपये की कीमत का लगभग 30 किलोग्राम सोना बरामद हुआ। इस रैकेट की मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश को बताया जा रहा है, जिसके तार शीर्ष अधिकारियों से जुड़ते हैं।
ऐसे मुख्यमंत्री विजयन तक पहुंचते हैं स्वप्ना के तार
मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश का मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के मुख्य निजी सचिव एम शिवशंकर के साथ करीबी रिश्ता बताया जा रहा है और उनका स्वप्ना के घर आना-जाना था। स्वप्ना केरल के सूचना प्रौद्योगिकी (IT) विभाग में नौकरी करती थी और आरोप है कि उसे ये नौकरी शिवशंकर ने ही दिलाई, जो IT विभाग के सचिव भी थे। मुख्यमंत्री विजयन के साथ भी स्वप्ना की तस्वीरें हैं और विपक्ष उन पर भी आरोप लगा रहा है।
विपक्ष की CBI जांच की मांग
स्वप्ना के मुख्चयमंत्री के निजी सचिव से संबंध की खबरों के बात विपक्ष ने राज्य सरकार पर हमला तेज कर दिया है। विधानसभा में नेता विपक्ष कांग्रेस के रमेश चेन्निथाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख मामले में CBI जांच की मांग की है। वहीं केरल भाजपा के अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने आरोप लगाया है कि शिवशंकर और मुख्यमंत्री कार्यालय मामले में स्वप्ना का नाम हटाने के लिए दबाव बना रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा- स्वप्ना से कोई संबंध नहीं, जांच को तैयार
मुख्यमंत्री कार्यालय ने पिनरई विजयन का स्वप्ना से किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया है और उन्होंने मामले में किसी भी जांच का स्वागत किया है। वहीं शिवशंकर को मंगलवार को एक साल की छुट्टी पर भेज दिया गया है। उनकी जगह मीर मोहम्मद अली को निजी सचिव और मोहम्मद वाई सफीरुल्ला को IT विभाग का सचिव बनाया गया है। स्वप्ना को भी IT विभाग की नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है।