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    मानव कोरोना वायरस HKU1 क्या है, जिससे कोलकाता में संक्रमित मिली है एक महिला?
    कोलकाता में मानव कोरोना वायरस HKU1 से संक्रमित मिली एक महिला

    मानव कोरोना वायरस HKU1 क्या है, जिससे कोलकाता में संक्रमित मिली है एक महिला?

    लेखन भारत शर्मा
    Mar 18, 2025
    04:30 pm

    क्या है खबर?

    पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक 45 वर्षीय महिला के मानव कोरोना वायरस या HKU1 से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।

    महिला पिछले 15 दिनों से बुखार, खांसी और जुकाम से पीड़ित थी। फिलहाल उसका निजी अस्पताल में उपचार चल रहा है और उसकी हालत स्थिर बनी हुई है।

    इस घटना में चिकित्सा विशेषज्ञों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है। आइए जानते हैं मानव कोरोना वायरस HKU1 क्या है और यह कितना खतरनाक है।

    वायरस

    HKU1 वायरस क्या है?

    TOI की रिपोर्ट के अनुसार, मानव कोरोना वायरस HKU1, जिसे आमतौर पर बीटाकोरोनावायरस हांगकोनेंस के रूप में भी जाना जाता है।

    यह वायरस मुख्य रूप से फेफड़ों और श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है। साल 2005 में पहली बार इसकी खोज की गई थी।

    यह SARS, MERS और कोविड-19 के समान परिवार का हिस्सा है। हांगकांग विश्वविद्यालय के अध्ययन के अनुसार, HKU1 मनुष्यों और पशुओं दोनों को प्रभावित कर सकता है।

    खतरा

    कितना खतरनाक है HKU1 वायरस? 

    सामान्य मानव कोरोना वायरस (HCoVs) COVID-19 से भिन्न वायरस का एक वर्ग है, जो दशकों से मानव आबादी में प्रसारित हो रहा है।

    कोलकाता में महिला के संक्रमित पाए जाने के बाद यह सुर्खियों में आया है। हालांकि, इस वायरस को ज्यादा खतरनाक नहीं माना जाता है।

    यह मौसमी श्वसन संक्रमण का कारण बनता हैं और इन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। सर्दियों और गर्मियों की शुरुआत में इसके मामले सामने आते रहते हैं।

    अंतर

    कोविड-19 से किस तरह अलग है HKU1 वायरस?

    NL63, OC43, HKU1 और 229E सहित आम मानव कोरोनावायरस को कोविड-19 के साथ भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए। कोविड-19 ने लाखों लोगों की जान लेकर अर्थव्यवस्थाओं को गिरा दिया और स्वास्थ्य प्रणालियों को बाधित कर दिया।

    रिपोर्टों के अनुसार, कोविड-19 के विपरीत, HKU1 आमतौर पर श्वसन संबंधी बीमारी का एक हल्का रूप है और इसमें महामारी का रूप लेने की क्षमता नहीं है। ऐसे में इसको लेकर ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है।

    बयान

    HKU1 कोई नया वारयस नहीं- डॉ चटर्जी

    नई दिल्ली स्थित इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स में इंटरनल मेडिसिन के वरिष्ठ सलाहकार डॉ सुरनजीत चटर्जी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि कोरोना वायरस कई प्रकार के होते हैं और कोविड-19 एक नया वायरस था जिसने वैश्विक महामारी का कारण बना।

    उन्होंने कहा कि कोविड-19 के विपरीत HKU1 कोई नया वायरस नहीं है और अधिकांश लोग अपने जीवन में किसी न किसी समय इसके संपर्क में आते हैं, जो सीमित अवधि तक रहता है।

    लक्षण

    HKU1 वायरस के लक्षण क्या हैं?

    HKU1 के लक्षण सामान्य फ्लू के लक्षणों के समान हैं। अमेरिका स्थित रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (CDC) के अनुसार, इसके प्रमुख लक्षणों में नाक बहना, बुखार, खांसी, घरघराहट, सिरदर्द और गले में खराश होना शामिल हैं।

    हालांकि, कुछ मामलों में इसका उपचार न होने पर यह ब्रोंकियोलाइटिस और निमोनिया का कारण भी बन सकता है, क्योंकि यह वायुमार्ग के साथ कोशिकाओं को संक्रमित करता है और फिर फेफड़ों तक पहुंच जाता है।

    जानकारी

    कैसे होता है HKU1 वायरस का प्रयास? 

    यह वायरस खांसने, छींकने से फैलता है। यह मुंह या नांक से निकलने वाली पानी की बूंदों के साथ हवा में फैलकर लोगों को संक्रमित करता है। बुजुर्ग, बच्चे, गर्भवती महिलाएं, कमजोर प्रतिरक्षा वालों को इसके प्रति अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।

    उपचार

    HKU1 वायरस का कोई उपचार है? 

    HKU1 वायरस के लिए कोई वैक्सीन या विशेष उपचार नहीं है। हालांकि, लक्षणों का प्रबंधन आरामदायक रिकवरी में मदद कर सकता है। यह अपने आप ठीक होने वाली बीमारी है।

    इसी तरह, हाथ धोने, मास्क पहनने, छींकते समय मुंह और नाक को ढंकने, हाथों को बार-बार चेहरे को छूने से रोकने, स्वस्थ भोजन करने और खूब पानी पीने से भी इससे बचा जा सकता है।

    संक्रमित होने पर डॉक्टर मरीज को पर्याप्त आराम करने की सलाह देते हैं।

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