कोलकाता मामला: सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को लगाई फटकार, NTF प्रगति की मांगी रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के मामले में सोमवार को फिर से सुनवाई की। इसमें कोर्ट ने अस्पतालों में सीसीटीवी लगाने, चिकित्सा सुविधाओं में शौचालय और अलग आराम कक्षों के निर्माण में धीमी प्रगति पर पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगाई। इसी तरह कोर्ट ने पीड़ित की पहचान उजागर किए जाने के मामले में कानूनी एजेंसियों को आदेश की पालना कराने का आदेश दिया।
सबसे पहले उठा पीड़िता की पहचान उजागर करने का मामला
सुनवाई की शुरुआत में पीड़ित की वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि सोशल मीडिया पर पीड़ित की तस्वीरें और नाम उजागर करने वाले पोस्ट अब तक मौजूद हैं। इससे परिजन परेशान हैं। इस पर मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, "हमने पिछली सुनवाई में इस संबंध में आदेश दिया था और वीकिपीडिया को भी सभी जानकारी हटाने का आदेश दिया था। अब कानूनी एजेंसियों का काम है कि वह इस आदेश को सख्ती से लागू कराए।"
पश्चिम बंगाल सरकार ने डॉक्टरों पर लगाया आरोप
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश किए हलफनामे में कहा गया कि अधिकतर मांगे मानने के बाद भी रेजिडेंट डॉक्टर अस्पतालों के आउट डोर और इनडोर में काम नहीं कर रहे हैं। इससे मरीजों को परेशानी हो रही है। इसके जवाब में डॉक्टर्स के वकील ने कहा कि सभी आपतकालीन और जरूरी सेवाओं में डॉक्टर काम कर रहे हैं। हालांकि, सरकार की ओर से दिए गए आश्वासन अभी पूरे नहीं हुए हैं। निर्माण कार्यों की रफ्तार काफी धीमी है।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को लगाई फटकार
डॉक्टर्स के वकील ने कहा कि राज्य सकरार ने अभी तक अस्पतालों में CCTV, अलग शौचायल और आराम कक्षों का निर्माण नहीं कराया है। इससे महिला डॉक्टर्स काफी परेशान हैं। इस पर कोर्ट ने कहा, "काम का कोई भी हिस्सा 50 प्रतिशत से ऊपर नहीं पहुंचा है। प्रक्रिया इतनी धीमी क्यों है? हम 9 अगस्त से निगरानी कर रहे हैं। यह सहनीय नहीं है।" इस दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार को 15 अक्टूबर काम पूरा कराने के निर्देश दे दिए।
सुप्रीम कोर्ट ने CBI की ताजा रिपोर्ट देखने के बाद क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की ताजा जांच रिपोर्ट देखने के बाद कहा, "महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या तथा वित्तीय अनियमितताओं की जांच में CBI को कई महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं, लेकिन यहां उनका खुलासा नहीं किया जा सकता है।" कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से आरजी कर अस्पताल मामले से जुड़े लोगों के कार्यरत होने की जानकारी मांगी और उचित कार्रवाई के लिए राज्य सरकार के साथ जानकारी साझा करने को कहा।
सुप्रीम कोर्ट ने NTF की प्रगति पर भी मांगी रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की दौरान डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए आवश्यक सुझाव देने लिए राष्ट्रीय टास्क फोर्स (NTF) गठित करने के आदेशों का आवाला देते हुए मेहता को 15 अक्टूबर तक इसकी प्रगति की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी आदेश दिया है।
क्या है महिला डॉक्टर की हत्या का मामला?
9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर का शव मिला था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में डॉक्टर की हत्या से पहले रेप की पुष्टि हुई थी। मामले में पुलिस ने अस्पताल में आने-जाने वाले एक नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को गिरफ्तार किया और उसका पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराया गया है। फिलहाल CBI मामले की जांच कर रही है। CBI ने अब पूर्व प्रधानाचार्य डॉ घोष और थानाप्रभारी मंडल को सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार किया है।
जूनियर डॉक्टरों ने निकाला मशाल जुलूस
मामले में डॉक्टर और राज्य सरकार के बीच तकरार फिर से बढ़ती नजर आ रही है। राज्य के जूनियर डॉक्टरों ने आम लोगों के साथ रविवार को कोलकाता में मशाल जुलूस निकाला। यह रैली आरजी कर अस्पताल, सागर दत्ता अस्पताल, एसएसकेएम अस्पताल, कलकत्ता मेडिकल कॉलेज और दक्षिण कोलकाता के जादवपुर में आयोजित की गई थी। डॉक्टरों ने जुलूस के माध्यम से एकजुटता दिखाने की कोशिश की है। उन्होंने चिकित्सकों और कर्मचारियों की कार्यस्थल पर सुरक्षा की मांग दोहराई है।