पश्चिम बंगाल और झारखंड के बीच आलू को लेकर क्यों मचा है घमासान?
पश्चिम बंगाल और झारखंड के बीच आलू को लेकर विवाद हो रहा है। बीते कई दिनों से पश्चिम बंगाल ने आलू के निर्यात पर रोक लगा रखी है। इस वजह से झारखंड और ओडिशा जैसे राज्यों में आलू की कीमतें बढ़ गई हैं। मामले को लेकर खूब राजनीति भी हो रही है। विवाद इतना बढ़ गया है कि संसद में भी ये मुद्दा उठा है। आइए जानते हैं पूरा विवाद क्या है।
बंगाल ने आलू के निर्यात पर क्यों लगाई रोक?
बीते करीब एक हफ्ते से पश्चिम बंगाल ने अपने पड़ोसी राज्यों को आलू का निर्यात बंद कर दिया है। सरकार का कहना है कि इस साल बारिश में देरी के चलते आलू की फसल भी देर से हुई है, इसलिए उसे जनवरी तक कोल्ड स्टोरेज की आपूर्ति पर निर्भर रहना पड़ सकता है। सरकार ने ये भी कहा कि इस साल कम उत्पादन को देखते हुए उसके पास पर्याप्त मात्रा में आलू नहीं है।
बंगाल सरकार का आरोप- केंद्र बांग्लादेश को आलू भेज रहा
पश्चिम बंगाल सरकार के कृषि-विपणन मंत्री बेचाराम मन्ना ने आरोप लगाए कि केंद्र सरकार राज्य को सूचित किए बिना कुछ आलू व्यापारियों की मिलीभगत से बांग्लादेश को आलू भेज रही है। उन्होंने कहा, "केंद्र की भाजपा सरकार के समर्थन से कुछ बेईमान व्यापारियों ने नवंबर के पहले सप्ताह में बांग्लादेश को आलू निर्यात किया। मालदा जिले के महादीपुर चेक पोस्ट, दक्षिण दिनाजपुर के हिली चेक पोस्ट और कूचबिहार के चंगराबांधा चेकपॉइंट के जरिए बांग्लादेश को आलू भेजा गया।"
झारखंड में आलू की कीमतें बढ़ीं
पश्चिम बंगाल की रोक के बाद झारखंड में नए आलू 60 से 80 रुपये प्रति किलो, जबकि पुराने आलू 35 से 40 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं। बीते एक हफ्ते में आलू की कीमतों में 5 से 10 रुपये तक का इजाफा हुआ है। हालांकि, उत्तर प्रदेश से आपूर्ति के बाद में व्यापारियों और लोगों को कुछ राहत मिली है। आलू की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार ने एक टास्क फोर्स का गठन भी किया है।
सीमा पर खड़े आलू के ट्रक
बंगाल सरकार ने झारखंड से सटे धनबाद, पूर्वी सिंहभूम, दुमका और पाकुड़ समेत कई सीमाओं पर आलू से भरे ट्रकों को पिछले कई दिनों से रोक रखा है। धनबाद के डिबुडीह में आलू के सैकड़ों ट्रक कई दिनों से खड़े हैं। मामले को लेकर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी को तत्काल समाधान निकालने का निर्देश दिया। इसके बाद तिवारी ने बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत से फोन पर बात की।
मामले को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज
भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा, "राज्य सरकार ऐसा अलोकतांत्रिक फैसला नहीं ले सकती। वह इस राज्य में कालाबाजारी रोकने में विफल रही है। सरकार को कृषि के बारे में कोई व्यावहारिक समझ नहीं है और आलू किसान इसकी कीमत चुका रहे हैं।" वहीं, ओडिशा में बीजू जनता दल (BJD) ने भाजपा सरकार पर आवश्यक वस्तुओं की कीमत को नियंत्रित करने में विफल रहने का आरोप लगाया, तो सरकार ने पूर्ववर्ती शासन पर सवाल उठाए।