कोरोना वायरस: बढ़ते मामलों के कारण कर्नाटक सरकार अलर्ट, मास्क पहनने की सलाह दी
कर्नाटक सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों और अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी है। सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने केरल और अन्य राज्यों में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोगों को एहतियान बरतने को कहा। उन्होंने कहा, "घबराने की कोई जरूरत नहीं है। हमने कल एक विभागीय बैठक की थी, जिसमें हमने चर्चा की है कि क्या कदम उठाए जाने चाहिए? हम जल्द ही एक एडवाइजरी जारी करेंगे।"
केरल से लगे क्षेत्रों में बढ़ाई जाएगी कोरोना जांच- स्वास्थ्य मंत्री
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री राव ने कहा, "60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों और जिन लोग को अन्य गंभीर बीमारियां हैं, उन्हें मास्क पहनना चाहिए। हमने सरकारी अस्पतालों को तैयार रहने को कहा है।" उन्होंने कहा, "केरल के साथ सीमा साझा करने वाले क्षेत्रों जैसे मंगलुरु, चमनजनगर और कोडागु में रहने वाले लोगों को अधिक सतर्कता बरतनी चाहिए। यहां कोरोना जांच बढ़ाई जाएगी और संक्रमण के लक्षण मिलने पर अनिवार्य रूप से टेस्ट कराना होगा।"
भारत में पिछले 24 घंटे में 335 नए मामले आए सामने
देश के विभिन्न राज्यों में अचानक कोरोना वायरस के नए मामलों में बढ़ोत्तरी देखी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में सोमवार को कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 1,828 पर पहुंच गई। पिछले 24 घंटे में कोरोना के 335 नए मामले दर्ज किए गए, जबकि केरल में एक संक्रमित मरीज की मौत हो गई। केरल में कोरोना का नया वेरिएंट JN.1 मिलने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने अलर्ट जारी किया है।
कोरोना से भारत में अब तक 5.33 लाख मौत
बीते सालों में कोरोना वायरस ने दुनिया के कई देशों में भारी मचाई है और अनुमान है कि करोड़ों लोगों की इस कारण मौतें हुई थीं। हालांकि, आधिकारिक आंकड़ों में इनकी पुष्टि नहीं हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में कोरोना के लगभग 4.5 करोड़ मामले सामने आए हैं, जिनमें से 5.33 लाख से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। राष्ट्रीय रिकवरी दर 98.81 प्रतिशत आंकी गई है, जबकि मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है।
न्यूजबाइट्स प्लस
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, JN.1 ओमिक्रॉन वेरिएंट के BA.2.86 सब-वेरिएंट से निकला है। इसकी स्पाइक प्रोटीन में 41 म्यूटेशन हैं। यह XBB.1.5 और HV.1 वेरिएंट से अलग है और इनसे अधिक खतरनाक है। इसका पहला मामला 25 अगस्त, 2023 को यूरोप में सामने आया था और इसके बाद यह इंग्लैंड, आइसलैंड, फ्रांस और अमेरिका में तेजी से फैलने लगा। अमेरिका में वैज्ञानिकों ने पाया कि यह कोरोना वायरस वैक्सीन से मिली इम्युनिटी को चकमा दे सकता है।