कोलकाता मामला: आरजी कर मेडिकल कॉलेज के 10 डॉक्टर निष्कासित, 49 अन्य कर्मचारियों पर भी कार्रवाई
क्या है खबर?
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या मामले की जांच के लिए गठित आतंरिक कमेटी ने रविवार को बड़ी कार्रवाई की है।
कमेटी ने कॉलेज के 10 डॉक्टरों को निष्कासित कर दिया, जबकि 49 अन्य कर्मचारियों को अस्थायी रूप से निलंबित किया है। इसमें इंटर्न, हाउस स्टाफ और सीनियर रेजिडेंट शामिल हैं।
कमेटी ने निष्कासित डॉक्टरों को पद छोड़ने के लिए 72 घंटे का समय दिया गया है।
निष्कासन
इन डॉक्टरों को किया निष्कासित
निष्कासित 10 डॉक्टरों में हाउस स्टाफ आशीष पांडे भी शामिल है। वह वित्तीय अनियमितताओं के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की हिरासत में है।
उनके अलावा, आयुषी थापा, सौरव पाल, अभिषेक सेन, निरंजन बागची, सारिफ हसन, नीलाग्नि देबनाथ, अमरेंद्र सिंह, सतपाल सिंह और तनवीर अहमद काजी को भी निष्कासित किया गया है।
ये सभी मेडिकल कॉलेज के पूर्व और विवादास्पद प्रधानाचार्य संदीप घोष के अत्यंत करीबी और विश्वासपात्र माने जाते हैं। घोष भी CBI की गिरफ्त में हैं।
आरोप
निष्कासित डॉक्टरों पर क्या हैं आरोप?
निष्कासन की अधिसूचना के अनुसार, सभी 10 डॉक्टरों पर गंभीर किस्म के आरोप हैं।
इनमें दूसरों को परीक्षा में फेल करने या छात्रावास से निकाल देने की धमकी देना, जूनियर छात्रों को विशेष राजनीतिक दल में शामिल होने के लिए मजबूर करना, यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार करना, जबरन धन वसूली, छात्रों के खिलाफ झूठी FIR दर्ज करना और कुछ छात्रों को निशाना बनाकर शारीरिक हिंसा करना शामिल है।
कमेटी को जांच में इस संबंध में सबूत भी मिले हैं।
जानकारी
होगी चिकित्सा पंजीकरण प्रमाणपत्रों को रद्द कराने की कार्रवाई
निष्कासित डॉक्टरों को 72 घंटे में पद खाली करने को बोला गया है। इन डॉक्टरों के अलावा, अस्थायी रूप से निलंबित 49 प्रशिक्षुओं, छात्रों और हाउस स्टाफ के नाम उनके चिकित्सा पंजीकरण प्रमाणपत्रों को रद्द करने के लिए राज्य चिकित्सा परिषद को भेजे जाएंगे।
अनशन
आमरण अनशन पर बैठे डॉक्टर
इधर, घटना के विरोध में पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट (WBJDF) के बैनर तले लगातार प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टर शनिवार रात से आमरण अनशन पर चले गए।
डॉक्टरों का आरोप है कि राज्य सरकार के साथ लगातार बातचीत के बाद भी उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया है। ऐसे में अब वह मांगे पूरे होने पर अनशन पर रहेंगे।
डॉक्टरों का कहना है कि वह काम पर तो आएंगे, लेकिन वहां खाएंगे-पीएंगे कुछ भी नहीं।
पृष्ठभूमि
क्या है महिला डॉक्टर की हत्या का मामला?
9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर का शव मिला था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में डॉक्टर की हत्या से पहले रेप की पुष्टि हुई थी।
मामले में पुलिस ने अस्पताल में आने-जाने वाले एक नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को गिरफ्तार किया और उसका पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराया गया है।
फिलहाल केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) जांच कर रही है। उसने पूर्व प्रधानाचार्य डॉ संदीप घोष और थानाप्रभारी मंडल को सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार किया है।