समान लक्षणों के बावजूद चिकनपॉक्स और स्मॉलपॉक्स से किस तरह अलग है मंकीपॉक्स?
कोरोना वायरस महामारी के बीच इस समय मंकीपॉक्स वायरस ने दुनिया को चिंतित कर रखा है। दुनिया के 20 से अधिक देशों में इसके मामले सामने आने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इससे बचाव के लिए सतर्कता बरने की बात कही है। दूसरी ओर चिकित्सा विशेषज्ञ इसके लक्षण चिकनपॉक्स और स्मॉलपॉक्स की तरह होने के कारण इसे उपचार योग्य बता रहे हैं। ऐसे में आइये जानते हैं कि मंकीपॉक्स किस तरह चिकनपॉक्स और स्मॉलपॉक्स से अलग है?
पहली बार पश्चिमी अफ्रीका से बाहर पहुंचा है मंकीपॉक्स
बता दें कि मंकीपॉक्स वायरस एक तरह से हल्का वायरल संक्रमण है, जिसके पश्चिमी अफ्रीका के कैमरून, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कांगो और नाइजीरिया में हर साल मामले सामने आते हैं। इस बार इसके अन्य देशों में पहुंचने से चिंता बढ़ी हुई है। कहा जा रहा है कि दुनिया के अन्य देशों में पहुंचे मंकीपॉक्स वायरस का इस वेरिएंट की मृत्यु दर एक प्रतिशत है और इसका चिकनपॉक्स और स्मॉलपॉक्स की वैक्सीन के जरिए उपचार किया जा सकता है।
इन देशों में किया जा रहा है परीक्षण
मंकीपॉक्स वायरस से जूझ रहे ब्रिटेन, जर्मनी, कनाडा और अमेरिका सहित कई अन्य देशों ने चिकनपॉक्स की वैक्सीन से इसके उपचार का परीक्षण भी शुरू कर दिया है। हालांकि, WHO ने विशेषज्ञ समूह की रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।
मंकीपॉक्स, चिकनपॉक्स और स्मॉलपॉक्स में क्या है अंतर?
ये तीनों रोक अलग-अलग वारयस के कारण होते हैं। मंकीपॉक्स बीमारी मंकीपॉक्स वायरस के कारण होती है, जो पॉक्सविरिडाइ फैमिली के ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से आता है। इसके उपचार का तरीका बिल्कुल स्मॉलपॉक्स की तरह होता है, जो वेरियोला वायरस के कारण होता है और इसे 1980 में दुनिया भर में समाप्त घोषित कर दिया गया था। इसी तरह चिकनपॉक्स वैरिकाला-जोस्टर वायरस के कारण होता है, जो शरीर पर दाद का कारण भी बनता है।
स्मॉलपॉक्स की तुलना में कम खतरनाक है मंकीपॉक्स
WHO के अनुसार, मंकीपॉक्स वायरस स्मॉलपॉक्स की तुलना में कम खतरनाक होता है और इसके ज्यादा गंभीर लक्षण नहीं होते हैं। मंकीपॉक्स के लक्षण चिकनपॉक्स और स्मॉलपॉक्स से काफी मिलते-जुलते हैं। ऐसे में इनके आधार पर इन बीमारियों की अलग-अलग पहचान करना बहुत मुश्किल होता है। स्मॉलपॉक्स की तरह ही मंकीपॉक्स में भी शरीर पर दाने होते हैं और उनमें से तरल पदार्थ निकलता है। हालांकि, इनमें कम दर्द होता है और यह चार सप्ताह बाद ठीक हो जाते हैं।
स्मॉलपॉक्स और मंकीपॉक्स में क्या है मुख्य अंतर?
अमेरिका स्थित रोग नियंत्रण और रोकथाम का केंद्र (CDC) के अनुसार, स्मॉलपॉक्स और मंकीपॉक्स के लक्ष्णों में मुख्य सूजन लिम्फ नोड्स या लिम्फैडेनोपैथी है। मंकीपॉक्स के कारण शरीर पर हुए दानों में सूजन आती है, जबकि स्मॉलपॉक्स में ऐसा नहीं होता है।
सात दिन बाद कम होने लगते हैं स्मॉलपॉक्स के दाने
CDC के अनुसार, स्मॉलपॉक्स के दाने मंकीपॉक्स से अलग होते हैं और दानों के धब्बे असमान रूप से विकसित नहीं होते। इसके उलट मंकीपॉक्स के घाव एक ही समय में सामने आ जाते हैं। मंकीपॉक्स के लक्षण दो से चार सप्ताह तक रहते हैं, जबकि चिकनपॉक्स के लक्षण दो सप्ताह तक रह सकते हैं, लेकिन आमतौर पर 7 दिनों में कम हो जाते हैं। मंकीपॉक्स के 1-10 प्रतिशत और चेचक के 30 प्रतिशत मरीजों की मौत का खतरा रहता है।
चिकनपॉक्स से ज्यादा घातक है स्मॉलपॉक्स
चिकनपॉक्स की बीमारी अभी भी होती है, लेकिन स्मॉलपॉक्स काफी हद तक विलुप्त हो चुका है। कुछ समय पहले तक चिकनपॉक्स बच्चों में होने वाली एक आम बीमारी थी। इससे हर साल लगभग 40 लाख लोग बीमार होते हैं और 10,000 से अधिक लोगों को अस्पताल जाना पड़ता है। हालांकि, इसकी वैक्सनी ने इसका प्रभाव कम कर दिया है। इसी तरह चिकनपॉक्स आमतौर पर कम घातक होता है, जबकि स्मॉलपॉक्स अक्सर जानलेवा होता था।
क्या मंकीपॉक्स और चिकनपॉक्स एक दूसरे से संबंधित हैं?
नहीं, मंकीपॉक्स एक असामान्य स्थिति है जिसे चिकनपॉक्स के रूप में गलत तरीके से पहचाना जा सकता है। मंकीपॉक्स में चिकनपॉक्स की तरह तरल पदार्थ वाले दाने होते हैं और इसके निशान भी बनते हैं। यह वायरस चिकनपॉक्स से अलग परिवार से संबंधित है।
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स वायरस और क्या हैं इसके लक्षण?
मंकीपॉक्स से संक्रमित किसी जानवर या इंसान के संपर्क में आने पर कोई भी व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। यह वायरस टूटी त्वचा, सांस और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। छींक या खांसी के दौरान निकलने वाली बड़ी श्वसन बूंदों से इसका प्रसार होता है। इंसानों में मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक जैसे होते हैं। शुरूआत में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और पीठ में दर्द, थकावट होती है और तीन दिन में शरीर पर दाने निकलने लग जाते हैं।
किस तरह से संभव है मंकीपॉक्स का उपचार?
CDC और यूनाइटेड किंगडम (UK) की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) के अनुसार, वर्तमान में मंकीपॉक्स वायरस के खिलाफ कोई भी वैक्सीन तैयार नहीं हुई है, लेकिन चेचक के खिलाफ काम आने वाली वैक्सीन मंकीपॉक्स से करीब 85 प्रतिशत तक सुरक्षा देती है। इसका कारण है कि दोनों वायरस काफी मिलते-जुलते हैं। CDC के अनुसार, मंकीपॉक्स की वैक्सीन में जीवित वैक्सीनिया वायरस होता है, जो संक्रमितों को उससे 95 प्रतिशत तक सुरक्षा देता है।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
बता दें कि अब तक अफ्रीका के बाहर 20 देशों में मंकीपॉक्स के लगभग 200 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। इनमें संयुक्त अरब अमीरात (UAE), अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्टि्रया, मोरक्को, कनाडा, स्वीडन, इटली, बेल्जियम, फ्रांस, नीदरलैंड, जर्मनी, ब्रिटेन, पुर्तगाल, इजरायल, स्लोवेनिया, चेक गणराज्य, डेनमार्क, अर्जेंटीना और स्पेन शामिल हैं। इनमें से ब्रिटेन, पुर्तगाल और स्पेन इसके सबसे अधिक मामले सामने आ रहे हैं। स्पेन और बेल्जियम में हुई रेव पार्टियों का इसका जिम्मेदार माना गया है।