#NewsBytesExplainer: चक्रवात क्या होता है और हालिया समय में भारत में किन-किन चक्रवातों ने मचाई तबाही?
चक्रवात 'बिपरजॉय' भीषण चक्रवाती तूफान में बदल गया है। इस चक्रवात के 15 जून तक गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ के तटों से टकराने की संभावना जताई गई है, जिसे लेकर भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 3 दिन का अलर्ट भी जारी किया है। यह चक्रवात अरब सागर से उठा है और इसका प्रभाव मानसून पर भी पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि चक्रवात क्या होता है और हालिया समय में भारत में कौन-कौन से चक्रवात आए।
किसे कहते हैं चक्रवात?
साधारण भाषा में कहें तो चक्रवात उन हवाओं को कहते हैं, जिनमें वायु का दबाव मध्य में कम और किनारे पर ज्यादा होता है। चक्रवात में हवा गोलाकर घूमती है और इससे भवंर बनते हैं, जिन्हें चक्रवात कहते हैं। चक्रवात का आकार 80 किलोमीटर से 300 किलोमीटर तक हो सकता है। चक्रवात में हवाओं की दिशा उत्तरी गोलार्ध में घड़ी की सुइयों की विपरीत दिशा में, वहीं दक्षिणी गोलार्ध में घड़ी की सुइयों की दिशा में होती है।
कितने प्रकार के होते हैं चक्रवात?
चक्रवात मुख्य तौर पर 2 प्रकार के होते हैं। पहला उष्णकटिबंधीय चक्रवात और दूसरा शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात। इसके अलावा चक्रवात की एक अन्य स्थिति भी होती है, जिसे प्रतिचक्रवात कहा जाता है।
क्या होता है उष्कटिबंधीय चक्रवात?
उष्णकटिबंधीय चक्रवात मकर और कर्क रेखा के बीच के क्षेत्रों में विकसित होते हैं। उष्णकटिबंधीय चक्रवात बहुत बड़े और विनाशकारी होते हैं। ये चक्रवात उष्णकटिबंधीय महासागरों की सतह पर उत्पन्न होते हैं और तटीय क्षेत्रों की तरफ बढ़ते हैं। इस चक्रवात के कारण निम्न वायुमंडलीय दबाव बनता है, जिसके कारण तेज हवाएं चलती हैं और भारी बारिश होती है। भारत के कुल क्षेत्रफल का 8 प्रतिशत भू-भाग इन समुद्री तूफानों या चक्रवातों से प्रभावित क्षेत्र में है।
दुनिया में अलग-अलग नामों जाना जाता है उष्कटिबंधीय चक्रवात
उष्णकटिबंधीय चक्रवात को दुनिया में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। उत्तरी अटलांटिक महासागर और पूर्व-उत्तरी प्रशांत क्षेत्र में इन्हें 'हरिकेन' कहा जाता है। फिलीपींस, जापान और चीन के आसपास के पश्चिम-उत्तरी प्रशांत क्षेत्र में इन्हें 'टाइफून' कहा जाता है।
क्या होता है शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात?
शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात मुख्य रूप से उत्तरी अटलांटिक महासागर, भूमध्य सागर, उत्तरी प्रशांत महासागर और चीन सागर में बनते हैं और उष्णकटिबंधीय चक्रवात की तुलना में कम विनाशकारी होते हैं। शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात ठंडी और गर्म यानी 2 विपरीत गुणों वाली हवाओं के मिलने से बनते हैं। खास बात यह है कि ये चक्रवात उत्तरी गोलार्ध में केवल सर्दियों के मौसम में बनते हैं, जबकि दक्षिणी गोलार्ध में समुद्र की अधिकता के कारण ये साल भर बनते रहते हैं।
क्या होता प्रतिचक्रवात?
सरल भाषा में कहें तो प्रतिचक्रवात की स्थिति चक्रवात की समाप्ति का सूचक होती है। प्रतिचक्रवात में वायु की दिशा चक्रवात के बिल्कुल ही विपरीत होती है। प्रतिचक्रवात में हवाओं के केंद्र में उच्च वायुदाब रहता है और बाहर की ओर वायुदाब कम हो जाता है। प्रतिचक्रवात में हवाओं की गति धीरे-धीरे कम होने लगती है और ये स्थिति चक्रवात के शांत होने की होती है। इसके बाद मौसम सामान्य हो जाता है।
2022 में चक्रवात 'मैंडूस' ने तमिलनाडु में मचाई थी तबाही
दिसंबर, 2022 को अरब सागर से उठे चक्रवात 'मैंडूस' ने 9 दिंसबर, 2022 को तमिलनाडु के तट पर दस्तक दी थी। इस दौरान 75 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चली थीं। इस चक्रवात ने चेन्नई और चेंगलपट्टू समेत 10 जिलों में भारी तबाही मचाई थी। इस चक्रवात के चलते अकेले चेंगलपट्टू जिले में लगभग 1,058 परिवार प्रभावित हुए थे, जबकि 4 लोगों की मौत भी हो गई थी।
2021 में चक्रवात 'ताउते' ने मचाई थी भारी तबाही
देश में पिछले 5 सालों में कई चक्रवात आए हैं, लेकिन मई, 2021 में अरब सागर से उत्पन्न चक्रवात 'ताउते' भारत को प्रभावित करने वाले सबसे शक्तिशाली चक्रवातों में से एक था। इस चक्रवात ने 17 मई, 2021 को गुजरात के तट पर दस्तक दी थी और इसमें 220 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चली थीं। इस चक्रवात की चपेट में आकर 90 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 49 लोग लापता हुए थे।
2020 में आया था चक्रवात 'अम्फान'
मई, 2020 में बंगाल की खाड़ी से उत्पन्न चक्रवात 'अम्फान' ने बांग्लादेश और भारत में भारी तबाही मचाई थी। 20 मई, 2020 को ये चक्रवात पश्चिम बंगाल के तट से टकराया था। इसके कारण यहां 205 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चली थीं। चक्रवात अम्फान ने भारत के पश्चिम बंगाल और ओडिशा में जनजीवन को प्रभावित किया था। इस चक्रवात की चपेट में आकर करीब 98 लोगों की मौत हो गई थी।
2019 में चक्रवात 'फेनी' ने मचाई थी तबाही
मई, 2019 में बंगाल की खाड़ी में चक्रवात 'फेनी' ने ओडिशा में भारी तबाही मचाई थी। ये चक्रवात 3 मई, 2019 को ओडिशा के तट से टकराया था और इस दौरान 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चली थीं। इस चक्रवाती तूफान की चपेट में आकर 12 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 1,000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। केंद्र ने चक्रवात से प्रभावित राज्यों को 1,000 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी थी।
2018 में चक्रवात 'गाजा' ने भी भारत को पहुंचाया था नुकसान
नवबंर, 2018 में बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न हुआ चक्रवात 'गाजा' भारत और म्यांमार के तट से टकराया था। इस चक्रवात ने 15 नवंबर, 2018 को तमिलनाडु के तट पर अपनी दस्तक दी थी और इस दौरान 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चली थीं। इसने पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश में भी भारी तबाही मचाई। गनीमत ये रही कि इस चक्रवात के कारण किसी ने जान नहीं गंवाई, लेकिन इससे राज्यों को काफी नुकसान हुआ था।