#NewsBytesExplainer: मणिपुर में नहीं रिलीज होतीं बॉलीवुड फिल्में, जानिए कब और क्यों लगा ये प्रतिबंध
क्या है खबर?
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में हर साल बड़ी संख्या में फिल्में रिलीज होती हैं। यह दुनियाभर के सबसे बड़े 5 फिल्म उद्योगों में शामिल है।
अब फिल्में केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि काफी हद तक समाज के मुद्दों को दर्शाती और उन परिचित कराती हैं।
बहरहाल, जहां बॉलीवुड फिल्मों को दुनियाभर में पसंद किया जा रहा है, वहीं भारत के पूर्वोत्तर स्थित राज्य मणिपुर में बरसों से कोई हिंदी फिल्म रिलीज नहीं हुई है।
आइए जानें इसके पीछे का कारण।
कारण
लगभग 23 सालों से लगा है प्रतिबंध
मणिपुर में अलगाववादी उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने हिंदी फिल्मों के प्रदर्शन और चैनलों पर हिंदी फिल्मों के प्रसारण पर सितंबर 2000 से यह प्रतिबंध लगाया था, जिसे अब लगभग 23 साल हो गए हैं।
हद तो तब हो गई, जब कहीं हिंदी गाना बजते हुए सुन लेने पर गाना बजाने वाले को पकड़कर पीटना, ब्लेड से चेहरे काटना और गोली तक मार देना शुरू हो गया।
उग्रवादियों के मुताबिक, हिंदी फिल्में मणिपुरी मूल्यों के खिलाफ होती हैं।
कदम
हिंदी फिल्मों की हजारों वीडियो कैसेट जब्त और सिनेमाघरों पर लगा ताला
मणिपुर को एक अलग स्वतंत्र समाजवादी राज्य बनाने की मांग करने वाले उग्रवादियों ने मणिपुर में हिंदी, हिंदी फिल्मों और टीवी कार्यक्रमों पर रोक लगा दी।
यहां तक कि उन्होंने छापे मारकर हिंदी फिल्मों की हजारों वीडियो कैसेट भी जब्त कर लीं।
इसी विवाद के चलते सिनेमाघरों को बंद करना पड़ा, जो अब तक नहीं खुले हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2000 में राज्य में करीब 60 सिनेमाघर थे, वहीं अब इनकी संख्या केवल 2 है।
जानकारी
क्या है PLA?
PLA की स्थापना एन बिशेश्वर सिंह ने 25 सितंबर, 1978 को मणिपुर को भारत से अलग आजाद देश बनाने की मांग के लिए की थी। यह मणिपुर के सबसे खतरनाक आतंकी संगठनों में से एक है।
इसे भारत सरकार ने आतंकी संगठन घोषित कर रखा है, जो कई बार भारतीय सुरक्षाबलों पर हमला कर चुका है। इस संगठन को चीन से समर्थन मिलता रहा है।
ये असम, मेघालय और मिजोरम जैसे कई राज्यों में अलगाववाद को बढ़ावा देता रहा है।
विडंबना
'मैरी कॉम' तक नहीं देख पाए मणिपुर के लोग
यहां तक कि 5 बार बॉक्सिंग चैंपियन रह चुकीं 'मैरी कॉम' पर इसी नाम से बनी फिल्म उन्हीं की मातृभूमि में रिलीज नहीं हुई। सिनेमा एसोसिएशन और भूमिगत समूह ने इसके लिए स्वीकृति नहीं दी।
फिल्म की हीरोइन प्रियंका चोपड़ा ने भी उम्मीद जताई थी कि यह फिल्म अलग-थलग रहे देश के पूर्वोत्तर राज्यों की जनता को देश की मुख्यधारा से जोड़ने में मददगार साबित होगी क्योंकि फिल्म उनकी धरती की बेटी की बात करती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
आलोचना
असम के फिल्म निर्माता ने की थी प्रतिबंध की निंदा
असम के फिल्म निर्माता उत्पल बोरपुजारी ने कहा था, "किसी भी एक भाषा की फिल्म को बंद करवाना कोई अकलमंदी वाली बात नहीं है। 'मैरी कॉम' ही क्यों, हर भाषा की फिल्म की स्क्रीनिंग हर उस जगह पर होनी चाहिए, जहां उसके लिए व्यापार की संभावनाएं हों।"
उन्होंने कहा, "अगर कोई कहता है कि बॉलीवुड फिल्में मणिपुर पर बुरा प्रभाव डालती है तो क्या मणिपुर की संस्कृति इतनी कमजोर है कि यह किसी भी फिल्म से प्रभावित हो सकती है?"
ट्वीट
केआरके ने भी बीते दिनों प्रतिबंध पर जताई हैरानी
पिछले दिनों खुद को सबसे बड़े फिल्म समीक्षक बताने वाले कमाल आर खान ने ट्वीट किया, 'मैं यह जानकर हैरान हूं कि मणिपुर में करीब 20 साल से हिंदी फिल्मों पर प्रतिबंध लगा हुआ है। वहां सिर्फ अंग्रेजी फिल्मों को ही रिलीज करने की इजाजत है।'
इस पर लोगों ने बॉलीवुड को ट्रोल करना शुरू कर दिया। एक ने लिखा, 'बस अब तो उस दिन का इंतजार है, जब देशभर में बॉलीवुड बैन होगा।'
एक ने लिखा, 'वाह! शानदार कदम।'
पसंद
मणिपुरी जनता के बीच कम नहीं बॉलीवुड फिल्मों की दीवानगी
हिंदी नहीं जानने के बावजूद मणिपुर में गांव-गांव में लोग हिंदी गाना गुनगुना लेते हैं।
टीवी पर हिंदी फिल्में देखते हैं। पायरेटेड फिल्में गुवाहाटी, कोलकाता और दिल्ली से आती हैं, वहीं दूरदर्शन और DTH पर प्रसारित हिंदी फिल्में और कार्यक्रम भी यहां खूब देखे जाते हैं।
भले ही सिनेमाघरों में बॉलीवुड फिल्में नहीं दिखाई जातीं, लेकिन OTT के आने से मणिपुरी लोग अपने पसंदीदा बॉलीवुड कलाकारों और निर्देशकों की फिल्मों को इंटरनेट के जरिए देखते हैं।
आखिरी हिंदी फिल्म
मणिपुर में दिखाई गई आखिरी हिंदी फिल्म थी 'कुछ कुछ होता है'
मणिपुर के सिनेमाघरों में आखिरी बार जो हिंदी फिल्म रिलीज हुई थी, वो शाहरुख खान की 'कुछ कुछ होता है' थी। यह 1998 की बात है। उसके बाद ये यहां कोई हिंदी फिल्म प्रदर्शित नहीं हुई।
प्रताप टॉकीज के मैनेजर कहते हैं, "उग्रवादियों के डर से मणिपुर की राजधानी इम्फाल के 2 सिनेमाघरों में केवल अंग्रेजी, कोरियाई और मणिपुरी फिल्में दिखाई जाती हैं। हम विद्रोहियों को भड़काना नहीं चाहते हैं। हमारे परिवार के सदस्यों का जीवन दांव पर लग जाएगा।"
रुझान
कोरियाई फिल्में बन रहीं मणिपुर में आकर्षण का केंद्र
मणिपुर में बॉलीवुड फिल्मों पर लगे प्रतिबंध के चलते कोरियाई फिल्में यहां के सिनेप्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनती जा रही हैं।
भले ही मणिपुर का खुद का भी एक सिनेमा जगत है, लेकिन यह साल में रिलीज होने वाली कुल फिल्मों की संख्या बहुत कम है।
वहां कोरियाई फिल्में सबसे ज्यादा बिकती हैं। लोगों का मानना है कि इन फिल्मों की लोकप्रियता के पीछे दक्षिण कोरिया और मणिपुर की परंपराओं में समानता होना है।