#NewsBytesExplainer: समलैंगिकता पर युगांडा में मृत्युदंड समेत क्या-क्या प्रावधान हैं और अमेरिका ने क्या चेतावनी दी?
क्या है खबर?
युगांडा में समलैंगिकता अब एक गंभीर अपराध माना जाएगा। युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी ने सोमवार को समलैंगिक संबंधों के खिलाफ एक कठोर कानून पर हस्ताक्षर कर दिये।
इस कानून में समलैंगिक संबंध बनाने पर मौत की सजा से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है। इसकी अमेरिका समेत कई पश्चिमी देश आलोचना कर रहे हैं।
आइए जानते हैं कि इस कानून में क्या-क्या प्रावधान हैं और इसकी आचोलना क्यों हो रही है।
कानून
क्या है समलैंगिकता के खिलाफ नया कानून?
इस नए कानून में युगांडा में समलैंगिकता को बढ़ावा देने के अपराध में दोषी पाए जाने पर 20 साल की सजा का प्रावधान रखा गया है।
इसके अलावा 18 साल से कम उम्र के किसी व्यक्ति या HIV संक्रमित के साथ समलैंगिक संबंध बनाने पर मौत की सजा हो सकती है।
युगांडा में समलैंगिकता पहले से ही गैरकानूनी था, लेकिन इस कानून के बाद LGBTQ समुदाय के लिए ये दुनिया का सबसे कठोर कानून बन गया है।
प्रावधान
नए कानून में और क्या प्रावधान हैं?
समलैंगिकता पर युगांडा के नए कानून के मुताबिक, किसी को भी सिर्फ LGBTQ समुदाय से होने के कारण दंडित नहीं किया जाएगा।
कानून में समलैंगिक संबंधों में शामिल होने पर और दोषी पाए जाने के बाद ही सजा का प्रावधान किया गया है। इससे पहले कानून में समलैंगिक होने पर भी सजा का प्रावधान किया गया था।
नए कानून के अनुसार, बार-बार अपराध में शामिल व्यक्ति को भी मौत की सजा दी जाएगी।
कब
कब संसद में लाया गया था कानून?
समलैंगिकता के खिलाफ ये कानून मार्च में संसद में लाया गया था। इस कानून का अधिकांश सांसदों ने सर्मथन किया था, जिसके बाद इसे राष्ट्रपति मुसेवेनी के पास मंजूरी के लिये भेजा गया।
राष्ट्रपति ने इस कानून से मौत की सजा के प्रावधान को हटाने की सलाह दी थी, जिसे सांसदों ने खारिज कर दिया था।
इसके विपरीत समलैंगिक होने पर सजा के प्रावधान को राष्ट्रपति की आपत्ति के आधार पर कानून से हटा दिया गया।
आलोचना
अमेरिका ने कानून पर क्या कहा?
समलैंगिकता के खिलाफ इस कठोर कानून को कई पश्चिमी देशों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के विरोध के बावजूद अनुमति दी गई है। इसकी दुनियाभर में आलोचना हो रही है।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इसे सर्वभौमिक मानवाधिकारों का उल्लंघन करार देते हुए युगांडा सरकार से कानून को तुरंत निरस्त करने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि किसी को भी जीवनभर डर के साए में जीने, हिंसा और भेदभाव का शिकार नहीं होना चाहिए।
कानून का प्रभाव
युगांडा पर कानून का क्या पड़ेगा प्रभाव?
अफ्रीकी देश युगांडा को हर साल पश्चिमी देशों से अरबों डॉलर की विदेशी सहायता प्राप्त होती है। इस कानून के पारित होने के बाद पश्चिमी देश युगांडा की मदद से हाथ पीछे खींचने के साथ-साथ उस पर अन्य कई तरह के प्रतिबंध लगा सकते हैं।
अमेरिका ने चेतावनी दी है कि वह युगांडा पर वीजा संबंधी प्रतिबंध भी लगा सकता है।
यूरोपीय संघ, संयुक्त राष्ट्र (UN) और दर्जन अंतरराष्ट्रीय निगमों ने भी समलैंगिकता के खिलाफ नए कानून की निंदा है।
समलैंगिकता
दुनिया में कितने देशों में समलैंगिकता गैरकानूनी?
दुनिया के करीब 69 देशों में समलैंगिक संबंध गैरकानूनी हैं। इनमें 30 से ज्यादा देश अफ्रीकी महाद्वीप में है। युगांडा समेत अन्य देशों में समलैंगिक संबंधों के लिए अलग-अलग सजा का प्रावधान है।
दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाले देश चीन में वैसे तो समलैंगिकता अपराध नहीं है, लेकिन समलैंगिक लोगों को कई बंदिशों का सामना करना पड़ता है।
इसके विपरीत दुनियाभर के 32 देशों में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता मिली हुई है।
भारत
भारत में समलैंगिकता पर क्या है स्थिति?
भारत में समलैंगिकता अपराध नहीं है। 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में अहम फैसला सुनाते हुए भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 377 के प्रावधानों को रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि समलैंगिक लोगों को भी सम्मान के साथ जीने का अधिकार है।
हालांकि, भारत में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता नहीं है और इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।