आयकर विभाग के नोटिस पर शरद पवार बोले- सरकार को कुछ लोगों से ज्यादा ही प्यार
क्या है खबर?
आयकर विभाग ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार समेत राज्य के कई बड़े नेताओं को नोटिस भेजा है। विभाग ने इन नेताओं से पिछले कुछ चुनावों में दाखिल किए गए हलफनामों से संबंधित जानकारियां मांगी हैं। उन पर झूठा हलफनामा दाखिल करने का आरोप है।
नोटिस मिलने के बाद पवार ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार कुछ लोगों से ज्यादा ही"प्यार" करती है।
मामला
क्या है पूरा मामला?
चुनाव आयोग ने एक महीने पहले केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उनके मंत्री बेटे आदित्य ठाकरे और शरद पवार की सांसद बेटी सुप्रिया सुले के खिलाफ झूठा हलफनामा देने के आरोपों की जांच करने को कहा था।
आयोग ने CBDT से हलफनामों में दर्ज संपत्तियों और देनदारियों की सत्यता की जांच करने को कहा था। हाल ही में आयोग ने CBDT को दोबारा इसके बारे में याद दिलाया जिसके बाद ये नोटिस भेजे गए हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस
पवार बोले- मुझे भी आया नोटिस
आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए शरद पवार ने कहा, "मुझे भी उद्धव ठाकरे, उनके बेटे आदित्य ठाकरे और सुप्रिया सुले के साथ-साथ मुझे भी आयकर विभाग का नोटिस मिला है।"
सरकार पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि उसे कुछ लोगों से कुछ ज्यादा ही प्यार है। उन्होंने केंद्र सरकार पर अपने राजनीतिक विरोधियों को आयकर नोटिस भेजकर अपना एजेंडा चलाने का आरोप भी लगाया।
स्थिति
संसद में एक-दूसरे के आमने-सामने हैं सरकार और विपक्ष
बता दें कि महाराष्ट्र के नेताओं को ऐसे समय पर आयकर नोटिस भेजा गया है जब कृषि विधेयकों को लेकर पहले से ही सरकार और विपक्ष में ठनी हुई है। विधेयकों पर बहस के दौरान उपसभापति हरिवंश के साथ "दुर्व्यवहार' के लिए आठ सांसदों को निलंबित कर दिया है जो कल से संसद परिसर में ही धरने पर बैठे हुए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मामले में हरिवंश का समर्थन किया है, वहीं विपक्ष अपने सांसदों के पीछे लामबंद है।
ऐलान
धरने पर बैठे सांसदों के समर्थन में एक दिन का उपवास रखेंगे पवार
पवार अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मुद्दे पर भी बोले और कृषि विधेयकों पर बहस के दौरान हंगामा करने के लिए निलंबित किए गए आठ विपक्षी सांसदों के समर्थन में एक दिन का उपवास रखने का ऐलान किया। उन्होंने कहा, "मैं विरोध करने वाले सांसदों के साथ एकजुटता दिखाते हुए कुछ नहीं खाऊंगा।"
सांसदों को समर्थन करते हुए उन्होंने कहा, "उन्हें अपना विचार रखने के लिए निलंबित किया गया है। उपसभापति ने नियमों को तरजीह नहीं दी।"
सरकार पर निशाना
पवार बोले- मैंने कभी विधेयकों को इस तरीके से पारित होते नहीं देखा
कृषि विधेयकों को पारित कराने के सरकार के तरीके पर सवाल खड़े करते हुए पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री पवार ने कहा, "मैंने कभी भी विधेयकों को इस तरीके से पारित होते हुए नहीं देखा है। वे (सरकार) इन बिलों को जल्दी से पारित कराना चाहते थे। प्रथमदृष्टया ऐसा लगता है कि वे चर्चा नहीं चाहते थे। सदस्यों के विधेयक से संबंधित कुछ सवाल थे... जब सदस्यों को प्रतिक्रिया नहीं मिली तो वे वेल में आ गए।"