महाराष्ट्र: सप्ताहांत लॉकडाउन से बढ़ते संक्रमण पर लगेगी लगाम? केंद्र ने बताया था सीमित प्रभाव
देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में प्रतिदिन रिकॉर्ड बढ़ोतरी हो रही है। महाराष्ट्र देश का सबसे प्रभावित राज्य बना हुआ है। यहां सोमवार को भी रिकॉर्ड 47,288 नए मामले सामने आए हैं। इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने रविवार को नई गाइडलाइंस जारी करते हुए 30 अप्रैल तक सप्ताहांत लॉकडाउन लगाने की घोषणा कर दी, जबकि केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह इसके कारगर नहीं होने बात कही थी। ऐसे में सवाल है कि इससे संक्रमण की रफ्तार पर लगाम कसेगी?
महाराष्ट्र में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
महाराष्ट्र में सोमवार को संक्रमण के 47,288 नए मामले सामने आए हैं और 155 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 30,57,885 पर पहुंच गई है। इनमें से अब तक 56,033 लोगों की मौत हो चुकी है और 25,49,075 लोग इलाज पाकर संक्रमण से ठीक हो चुके हैं। राज्य में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 4,51,375 है। ऐसे में तेजी से बढ़ते सक्रिय मामलों ने सरकार को चिंतित कर रखा है।
महाराष्ट्र सरकार ने 30 अप्रैल तक लागू किया सप्ताहांत लॉकडाउन
तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने 30 अप्रैल तक सप्ताहांत लॉकडाउन का ऐलान किया है। अब प्रदेश में प्रत्येक सप्ताह शुक्रवार रात 8 बजे से सोमवार सुबह 7 बजे तक सख्त लॉकडाउन रहेगा, जबकि रात 8 से सुबह 7 बजे तक कर्फ्यू रहेगा। दिन में मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे प्रतिबंध जारी रहेंगे। इस दौरान आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी दुकानें बंद रहेंगी। दोषियों पर 1,000 से 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
ये पाबंदियां भी रहेंगी लागू
सरकार ने मामलों को काबू में करने के लिए मॉल, रेस्टोरेंट और बार आदि को बंद करने का फैसला भी लिया है। हालांकि होम डिलीवरी की सेवा जारी रहेगी। सरकारी और निजी दफ्तरों को 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ खुलने की इजाजत होगी। इसी तरह सार्वजनिक यातायात भी 50 प्रतिशत क्षमता पर काम करेगा। बिना भीड़ के फिल्मों की शूटिंग करने की इजाजत दी गई है, लेकिन थिएटर पूरी तरह से बंद रहेंगे।
पहले की तरह जारी रह सकेंगी ये गतिविधियां
महाराष्ट्र सरकार ने औद्योगिक और निर्माण गतिविधियों और मजदूरों पर कोई पाबंदी नहीं लगाई है। ये पहले की तरह काम करते रहेंगे। इसी तरह सब्जी बाजारों पर कोई पाबंदी नहीं है, हालांकि यहां ज्यादा भीड़ जमा होने से रोकने के लिए नियम बनाए जाएंगे।
कैबिनेट सचिव की बैठक में महाराष्ट्र सरकार ने नहीं दी थी जानकारी
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार गत शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की अध्यक्षता में हुई बैठक में महाराष्ट्र के स्वास्थ्य सचिव ने सप्ताहांत लॉकडाउन को लेकर कोई चर्चा नहीं की थी। भूषण ने महाराष्ट्र को लेकर काफी लंबी बात की थी, लेकिन लॉकडाउन और पाबंदियों को लेकर किसी ने कुछ नहीं बोला। इसका प्रमुख कारण यह था कि केंद्र ने दो सप्ताह पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि साप्ताहिक लॉकडाउन संक्रमण को रोकने में ज्यादा प्रभावी नहीं होगा।
केंद्रीय सचिव ने 15 मार्च को कर दिया था स्पष्ट
वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि 15 मार्च को महाराष्ट्र में 16,620 नए मामले सामने आने के बाद केंद्रीय सचिव ने राज्य के मुख्य सचिव सीताराम कुंटे को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने स्पष्ट किया था कि सरकार का बढ़ते मामलों पर नियंत्रण करने पर फोकस होना चाहिए, ना कि लॉकडाउन पर। उन्होंने कहा था कि रात्रिकालीन कर्फ्यू और साप्ताहिक लॉकडाउन संक्रमण को रोकने में बहुत कम प्रभावी साबित होंगे। ऐसे में जिला स्तर पर प्रभावी रणनीति बनानी चाहिए।
रविवार को भी महाराष्ट्र में सामने आए थे सबसे अधिक मामले
बता दें कि रविवार को देश में रिकॉर्ड 1,03,558 नए मामले सामने आए थे। इनमें से 81.90 प्रतिशत नए मामले महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और पंजाब में थे। इनमें सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र में 55.11 प्रतिशत मामले सामने आए थे।
महाराष्ट्र के अधिकारियों ने लॉकडाउन को लेकर दिया स्पष्टीकरण
इस मामले में महाराष्ट्र अधिकारियों ने कहा कि लोगों के महामारी से बचाव के नियमों की पालना नहीं करने तथा लापरवाही बरतने को देखते हुए सरकार ने सप्ताहांत लॉकडाउन का निर्णय किया है। सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए गए एक सर्वे के अनुसार लॉकडाउन लागू करना जरूरी हो गया था। अधिकारियों ने बताया कि 17 अप्रैल तक स्थिति में सुधार नहीं होने पर राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा जाएगी और चिकित्सकीय संसाधनों में कमी आएगी।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी जताई थी चिंता
शनिवर को राज्य के नाम संबोधन में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी बढ़ते मामलों पर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा कि यदि 15 दिनों में स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो राज्य के चिकित्सकीय संसाधनों में कमी आ जाएगी। ऐसे में सरकार को लॉकडाउन जैसे सख्त कदम उठाने पड़ेंगे। बता दें कि देश में तेजी से बढ़ते मामलों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 अप्रैल को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई है।