EPFO ने साल 2020-21 के लिए भविष्य निधि पर निर्धारित की 8.5 प्रतिशत ब्याज दर
क्या है खबर?
सेवानिवृति कोष निकाय (EPFO) ने गुरुवार को कर्मचारी भविष्य निधी (EPF) के दायरे में आने वाले देश के पांच करोड़ से अधिक कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी दी है।
दरअसल, EPFO ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए EPF जमा पर 8.5 प्रतिशत की दर से ब्याज देने का फैसला किया है।
EPFO के शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) ने श्रीनगर बैठक में चालू वित्त वर्ष में ब्याज दर में कटौती नहीं करने का निर्णय किया है।
अनुमान
EPF जमा पर ब्याज दर के कम होने का लगाया गया था अनुमान
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार गत दिनों विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस महामारी के कारण धराशाही हुई अर्थव्यवस्था को देखते हुए EPF जमा पर ब्याज दर के कम होने का अनुमान लगाया गया था।
विशेषज्ञों का कहना था कि महामारी के दौरान नौकरी जाने पर लाखों कर्मचारियों ने EPF जमा राशि में से पैसा निकाल लिया था।
इसी तरह EPF जमा में भी बड़ी कटौती हुई थी। ऐसे में EPFO ब्याज दर घटा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
बढ़ोतरी
दिसंबर 2020 में EPFO सदस्य संख्या में हुई बढ़ोतरी
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के डाटा के अनुसार नवंबर 2020 में EPFO में 8.70 लाख नए सदस्य पंजीकृत हुए थे और दिसंबर में यह संख्या 10.25 लाख पर पहुंच गई थी। यह एक महीने में 44 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्शाता है।
इसी तरह पिछले साल की तुलना में कुल 24 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह दिसंबर तिमाही में 29.47 लाख सदस्य EPFO से बाहर निकले थे, लेकिन बाद में इनमें से 7.44 लाख सदस्य वापस इससे जुड़ गए।
भुगतान
दो किस्तों में भुगतान करने की कही थी बात
CBT ने हाल में कहा था कि EPFO सदस्यों को 31 मार्च 2021 के अंत तक दो किस्तों में 8.50 प्रतिशत ब्याज की दर का भुगतान किया जाएगा। पहली किस्त में सदस्यों को 8.15 प्रतिशत और दूसरी में 0.35 प्रतिशत ब्याज का भुगतान किया जाएगा।
EPFO ने यह भी कहा था कि 8.50 फीसदी ब्याज में 8.15 प्रतिशत ऋण निवेश और 0.35 प्रतिशत इक्विटी पोर्टफोलियो से किया जाएगा। इससे सदस्यों को नुकसान नहीं होगा।
जानकारी
पिछले साल ब्याज दर में की थी बड़ी कटौती
बता दें कि EPFO ने पिछले साल मार्च में साल 2019-20 के लिए EPF जमाओं पर ब्याज दर को घटाकर सात वर्ष के निचले स्तर यानी 8.5 प्रतिशत कर दिया था। उससे पहले साल 2012-13 में ब्याज दर को 8.5 प्रतिशत पर लाया गया था।
पृष्ठभूमि
पहले इस प्रकार थी ब्याज दर
बता दें कि EPFO ने साल 2016-17 में ग्राहकों को 8.65 प्रतिशत ब्याज दिया था, जबकि 2017-18 में 8.55 प्रतिशत ब्याज दिया था।
इससे पहले 2015-16 में ब्याज दर 8.8 प्रतिशत से थोड़ी अधिक थी। साल 2013-14 के साथ-साथ 2014-15 में 8.75 प्रतिशत ब्याज दिया था, जो 2012-13 के 8.5 प्रतिशत से अधिक था।
इससे पहले EPFO ने 2011-12 में EPF पर 8.25 प्रतिशत की दर से ब्याज दिया था।
नियम
EPFO के यह है नियम
EPFO के नियमों के अनुसार 20 से अधिक कर्मचारियों वाली कंपनी को कर्मचारियों के भविष्य की सुरक्षा के लिए EPF कटौती करना अनिवार्य होता है। इसके तहत कर्मचारी के मूल वेतन का कम से कम 12 प्रतिशत हिस्सा EPF जमा कराया जाता है।
इसके अलावा नियोक्ता को पेंशन के रूप में 12 प्रतिशत राशि का भुगतान करना होता है। EPFO प्रत्येक वर्ष मार्च में EPF में होने वाली जमा राशि पर ब्याज दर की घोषणा करता है।