महाराष्ट्र: मार्च में कोरोना से संक्रमित पाए गए 10 साल से कम उम्र के 15,500 बच्चे
क्या है खबर?
कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर का सामना कर रहे महाराष्ट्र में इस बार पहली लहर के मुकाबले अधिक संख्या में बच्चों और किशोरों को संक्रमित पाया गया है।
आंकड़ों के अनुसार, मार्च में राज्य में संक्रमित पाए गए कुल लोगों में से लगभग 10 प्रतिशत 20 साल की उम्र तक के बच्चे और किशोर रहे। पिछली लहर में भी इसी अनुपात में बच्चों को संक्रमित पाया गया था, लेकिन इस बार उनकी संख्या अधिक है।
आंकड़े
मार्च में संक्रमित पाए गए 10 साल से कम उम्र के 15,500 बच्चे
चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जुटाए गए दैनिक आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार, महाराष्ट्र में मार्च के महीने में 6.57 लाख से अधिक लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया।
इनमें से 15,500 संक्रमित 10 साल से कम उम्र के बच्चे रहे। वहीं 11 साल से 20 साल तक के बच्चों और किशोरों को जोड़ने पर यह आंकड़ा 55,000 से अधिक हो जाता है जो कुल मामलों का लगभग 10 प्रतिशत है।
आयु वर्ग
सबसे अधिक संक्रमित पाए गए 31-40 साल के लोग
विश्लेषण के अनुसार, कुल संक्रमितों में सबसे अधिक हिस्सेदारी 31 साल से 40 साल तक के लोगों की रही और इस आयु वर्ग के लगभग 1.34 लाख (22 प्रतिशत) लोगों को संक्रमित पाया गया।
41-50 साल आयु वर्ग के लोग दूसरे स्थान पर रहे और कुल मामलों के 18 प्रतिशत मामले इस आयु वर्ग के लोगों में सामने आए।
21 साल से 30 साल तक के युवाओं में 17 प्रतिशत मामले सामने आए।
तुलना
अनुपात वही, लेकिन संक्रमित बच्चों की संख्या बढ़ी
राज्य के एक अधिकारी के अनुसार, विभिन्न आयु वर्ग में संक्रमित पाए गए लोगों के अनुपात में पिछले साल के मुकाबले कोई बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन संक्रमित बच्चों और किशोरों की संख्या में बड़ा उछाल उल्लेखनीय है।
पिछले महीनों से तुलना करें तो जनवरी में 2,000 और फरवरी में 2,700 10 साल से उम्र के बच्चों को संक्रमित पाया गया। 11-20 साल आयु वर्ग के लिए यह आंकड़ा जनवरी में 5,300 और फरवरी में 8,000 रहा।
डाटा
पिछले साल कुछ ऐसा रहा था हाल
पिछले साल की बात करें तो पूरे 2020 में महाराष्ट्र में 10 साल से कम उम्र के 87,000 बच्चों को संक्रमित पाया गया था, वहीं 11 से 20 साल तक के 1.82 लाख बच्चों और किशोरों को संक्रमित पाया गया था।
कारण
मामलों में तेज उछाल बच्चों के अधिक संख्या में संक्रमित पाए जाने का कारण
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ रमेश अय्यर ने पिछले छह हफ्ते में मामलों में हुई तेज वृद्धि को बच्चों और किशोरों के इतनी अधिक संख्या में संक्रमित पाए जाने का कारण बताया है।
उन्होंने कहा, "बड़ों के साथ-साथ कई बच्चों को भी संक्रमित पाया जा रहा है। माता-पिता अपने दफ्तर, बाजारों और सामाजिक कार्यक्रमों से संक्रमित हो रहे हैं और वायरस को अपने बच्चों तक पहुंचा रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि अच्छा यह है कि बच्चों में ज्यादातर हल्के मामले हैं।
स्थिति
महाराष्ट्र में क्या है कोरोना वायरस महामारी की स्थिति?
कोरोना वायरस के संक्रमण की तीसरी लहर का सामना कर रहे महाराष्ट्र में अभी रोजाना लगभग 40,000 लोगों को संक्रमित पाया जा रहा है और यह आंकड़ा पहली लहर से काफी अधिक है।
मौतों की संख्या में भी उछाल आया है और बुधवार को राज्य में 227 लोगों की मौत हुई। यहां अभी 3.58 लाख सक्रिय मामले हैं और पॉजिटिविटी रेट 23 प्रतिशत के रिकॉर्ड स्तर पर बनी हुई है।
कुल 28,12,980 संक्रमितों में से 54,649 की मौत हुई है।