लखीमपुर खीरी हिंसा: महाविकास अघाड़ी सरकार ने 11 अक्टूबर को किया महाराष्ट्र बंद का आह्वान
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में गत रविवार को हिंसा में हुई चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है।
इस हिंसा के विरोध में महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी (शिवसेना, राष्टवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस) सरकार ने 11 अक्टूबर को महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) अध्यक्ष जयंत पाटिल ने इसकी घोषणा की है। इससे पहले कांग्रेस सहित अन्य दल घटना पर विरोध जता चुके हैं।
पृष्ठभूमि
लखीपुर खीरी में हुई थी हिंसा
लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में अपने पैतृक गांव में रविवार को आयोजित कार्यक्रम में जा रहे केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का किसान विरोध कर रहे थे। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।
मिश्रा के बेटे आशीष उपमुख्यमंत्री का स्वागत करने के लिए जा रहे थे। इस दौरान किसानों ने उनकी कार के सामने प्रदर्शन शुरू कर दिया।
आरोप है कि आशीष ने किसानों पर कार चढ़ा दी। जिससे दो किसानों की मौत हो गई।
हिंसा
घटना के बाद भड़की हिंसा में हुई छह की मौत
मंत्री मिश्रा के बेटे आशीष उर्फ मोनू मिश्रा द्वारा किसानों पर कार चढ़ाने और दो किसानों की मौत होने के बाद किसान भड़क गए और उन्होंने हिंसक प्रदर्शन शुरू कर दिया।
उस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मिश्रा के बेटे की कार सहित दो अन्य वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इसके बाद मौके पर तनाव की स्थिति बन गई।
हिंसा में दो प्रदर्शनकारी और चार भाजपा कार्यकर्ताओं की और मौत हो गई। इससे मृतकों की संख्या आठ पर पहुंच गई।
विरोध
हिंसा का भरसक विरोध कर रहा है विपक्ष
इस घटना का विपक्ष भरसक विरोध कर रहा है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव सहित अन्य नेताओं ने लखीमपुर जाने की तैयारी कर ली थी, लेकिन सरकार ने धारा 144 लगाते हुए नेताओं को वहां जाने पर रोक लगा दी।
इसके बाद सोमवार को जब प्रियंका गांधी वहां जाने लगी तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
मुलाकात
शिवसेना सांसद संजय राउत ने राहुल गांधी से की मुलाकात
शिवसेना ने भी हिंसा पर विरोध जताया था और सांसद संजय राउत ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की थी।
उनसे मुलाकात के बाद राउत ने कहा था कि देश में लोकतंत्र को बचाने के लिए विपक्ष का एकजुट होना जरूरी है। वह राहुल गांधी से मिले और लखीमपुर की घटना पर भी चर्चा की है।
इससे पहले महाराष्ट्र कैबिनेट ने लखीमपुर हिंसा का विरोध जताने के लिए प्रस्ताव पारित किया। विधायकों ने खड़े होकर मौन रखा।
निशाना
शिवसेना ने केंद्र की भाजपा सरकार पर साधा निशाना
शिवसेना के अपने मुखपत्र 'सामना' में भी भाजपा और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा था।
'सामना' संपादकीय में लिखा गया है कि आजादी के अमृत महोत्सव पर किसानों का जमकर खून बहा है। क्या इसे आजादी का रक्तरंजित महोत्सव कहा जाए? आज हमारे देश में क्या हो रहा है? नई ईस्ट इंडिया कंपनी के हाथ में देश को सौंपा न जाए, इसके लिए संघर्ष करने वाले किसानों को कुचलकर मारने वाली सरकार पर धिक्कार है।
जानकारी
शरद पवार ने जलियावाला बाग से की लखीमपुर की तुलना
इससे पहले NCP सुप्रीमो शरद पवार ने मंगलवार को कहा था, "केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार बिल्कुल भी संवेदनशील नहीं हैं। जलियांवाला बाग जैसी स्थिति उत्तर प्रदेश में दिख रही हैं। आज या कल, उन्हें भुगतान करना होगा इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।"
अनुमति
राहुल और प्रियंका गांधी समेत पांच लोगों को मिली लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत
उत्तर प्रदेश सरकार ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत पांच लोगों को लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत दे दी है।
उनके अलावा आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी पांच लोगों के साथ लखीमपुर खीरी जाकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर सकेंगे।
हालांकि, इस दौरान किसी भी प्रकार की सभा की इजाजत नहीं होगी। अधिकारियों ने बताया कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पाबंदियां लगाई गई थी, जिन्हें अब हटा लिया गया है।