लखीमपुर खीरी हिंसा: आशीष मिश्रा की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को भेजा नोटिस
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत को रद्द करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमन्ना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने राज्य सरकार को इस मामले के गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और जवाब देने को कहा है। बता दें कि मिश्रा को 10 फरवरी को जमानत मिली थी।
पीड़ितों के रिश्तेदारों ने दी थी चुनौती
10 फरवरी को जमानत मिलने के बाद 15 फरवरी को मिश्रा जेल से बाहर आए थे। उनकी जमानत को चुनौती देते हुए पीड़ितों के रिश्तेदारों ने आरोप लगाया था कि मिश्रा के बाहर आने के बाद गवाह पर हमला हुआ है। याचिकाकर्ता के वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि जमानत देते वक्त हाई कोर्ट ने कुछ सिद्धांतों को अनदेखा किया था और राज्य सरकार ने भी जमानत के खिलाफ कोई अपील नहीं की।
होली के बाद होगी मामले की सुनवाई
सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार का पक्ष रख रही वकील ने कहा कि वो निर्देश ले लेंगी। इस पर बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता एक गवाह पर हमले की घटना का जिक्र कर रहे हैं। आपको जवाबी हलफनामा देना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि गवाह सुरक्षित रहें। कोर्ट ने कहा कि वह फिलहाल इस मामले में नोटिस जारी कर रहा है और पूरे मामले की सुनवाई होली की छुट्टियों के बाद होगी।
हाई कोर्ट ने कही थी यह बात
आशीष मिश्रा को जमानत देते वक्त इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने कहा था कि भले ही उन पर प्रदर्शनकारियों को रौंदने के लिए ड्राइवर को उकसाने का आरोप है, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने ड्राइवर और उनके दो सहयात्रियों को कथित तौर पर मार दिया था। वहां हजारों प्रदर्शनकारियों की भीड़ थी तो ड्राइवर ने खुद को बचाने के लिए वाहन की गति बढ़ाई होगी। कोर्ट ने कहा कि ड्राइवर और सहयात्रियों की हत्या को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बता चुकी है SIT
लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रहे उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष जांच दल (SIT) ने पिछले महीने लगभग 5,000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी और इसमें आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बताया गया था। चार्जशीट के अनुसार, घटना के समय आशीष घटनास्थल पर ही मौजूद थे, जबकि उन्होंने घटनास्थल से दूर होने का दावा किया है। इससे पहले फॉरेंसिक रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई थी कि आशीष मिश्रा की लाइसेंसी राइफल से गोली चली थी।
लखीमपुर खीरी में क्या हुआ था?
लखीमपुर खीरी में पिछले साल 3 अक्टूबर को अजय मिश्रा के दौरे के समय हिंसा हुई थी, जिसमें चार आंदोलनकारी किसानों समेत कुल आठ लोगों की मौत हुई। मिश्रा कार्यक्रम के लिए लखीमपुर खीरी स्थित अपने पैतृक गांव पहुंचे थे। आरोप है कि लौटते वक्त मिश्रा के बेटे आशीष ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी, जिसमें चार किसान मारे गए। बाद में भीड़ ने दो भाजपा कार्यकर्ताओं और ड्राइवर को पीट-पीट कर मार दिया। एक पत्रकार भी मारा गया था।