उत्तर प्रदेश: बरेली में 9 महिलाओं का हत्यारोपी गिरफ्तार, सामने आया कारण
उत्तर प्रदेश के बरेली में पिछले 14 महीने के अंदर 9 महिलाओं की हत्या करने के आरोप में पुलिस ने 35 वर्षीय कुलदीप को गिरफ्तार किया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने घटना का खुलासा कर बताया कि आरोपी बरेली के बाकरगंज का रहने वाला है, जिसे स्कैच की सहायता से पकड़ा गया। आरोपी को पकड़ने के लिए 22 टीमों का गठन किया गया था, जिन्होंने 1,500 CCTV फुटेज की जांच की थी। आरोपी ने अपना गुनाह कबूला है।
14 महीने में 9 महिलाओं की हत्या करने का क्या रहा कारण?
अनुराग ने बताया कि आरोपी कुलदीप ने बचन में अपनी मां के प्रति पिता के गलत व्यवहार को देखा और खुद के पत्नी के साथ भी गलत व्यवहार किया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी के पिता बाबूराम ने पहली पत्नी होने के बावजूद दूसरी शादी की थी। दूसरी पत्नी के कहने पर बाबूराम पहली पत्नी को पीटते थे, जिससे कुलदीप के मन में द्वेष उत्पन्न हुआ। कुलदीप की पत्नी भी मारपीट के कारण घर छोड़कर चली गई।
अकेली महिला को देखकर करता था हमला
उत्तर प्रदेश पुलिस अधिकारी ने बताया कि महिलाओं के प्रति आरोपी के मन में कुंठा थी, जिसकी वजह से वह ऐसी वारदात को अंजाम दे रहा था। वह गांव में अकेले ही घूमता था और कहीं भी अकेली महिला को देखकर पहले उसका पीछा करता, फिर अपनी बातों में फंसाता। इसके बाद उस पर हमला करता। सभी महिलाओं को आरोपी ने गला घोंटकर मारा है। इसके लिए वह गले में दुपट्टे या साड़ी की गांठ भी लगा देता था।
आरोपी हत्या के बाद जमा करता था निशानी
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी के अंदर एक अजीब आदत है कि उसने अभी तक जितनी भी वारदात को अंजाम दिया है, सभी जगह से कुछ न कुछ निशानी के तौर पर उठाया है। आरोपी कुलदीप ने महिलाओं के पास से हंसिया, बिंदी, लिपस्टिक, ब्लाउज, मतदाता पहचान पत्र और आधार कार्ड जमा किया है। पुलिस का कहना है कि इस तरह के अन्य हत्याएं भी हुई हैं, इसलिए अभी आरोपी से और विस्तृत पूछताछ की आवश्यकता है।
सुनिए, पुलिस अधिकारी ने कैसे किया बड़ा खुलासा
क्या है पूरा मामला?
बरेली के शाही और शीशगढ़ थाना क्षेत्र में महिलाओं की हत्या का सिलसिला पिछले साल जून में शुरू हुआ था। नवंबर तक महिलाओं की हत्या की संख्या बढ़कर 8 हो गई, जिससे इलाके में दहशत फैल गई। पुलिस ने 90 गांवों के किसानों से पूछताछ के आधार पर 3 स्केच जारी किए थे। आरोपी ने 25 किलोमीटर के दायरे में 45 से 55 साल की महिलाओं को निशाना बनाया था। मोबाइल फोन न इस्तेमाल करने से इसकी पकड़ असंभव थी।