मनीष सिसोदिया जमानत मिलने के बाद क्या दोबारा उपमुख्यमंत्री बन सकते हैं?
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को शराब नीति मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। वे बीते 17 महीनों से जेल में बंद थे और उन्हें उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा भी देना पड़ा था। ऐसे में जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी जेल में हैं तो कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या सिसोदिया दोबारा उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभालेंगे। आइए जानते हैं कि क्या सिसोदिया तुरंत उपमुख्यंमत्री बन सकते हैं।
क्या उपमुख्यमंत्री बन पाएंगे सिसोदिया?
इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों के हवाले से लिखा है कि जेल से बाहर आने के बाद सिसोदिया केवल विधायक रहेंगे, क्योंकि उन्होंने उपमुख्यमंत्री पद और मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। जब तक सिसोदिया दोबारा शपथ नहीं ले लेते, तब तक उन्हें कोई मंत्री पद नहीं मिल सकता। बता दें कि सिसोदिया को पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और फिर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था।
क्यों उपमुख्यमंत्री नहीं बन सकते हैं सिसोदिया?
इंडियन एक्सप्रेस से एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, "चूंकि मुख्यमंत्री केजरीवाल भी इसी मामले में जेल में हैं, इसलिए कोई नया मंत्री या उपमुख्यमंत्री नियुक्त नहीं किया जा सकता। सिसोदिया को मंत्रिपरिषद में शामिल करने और उपमुख्यमंत्री के रूप में नियुक्ति करने के लिए मुख्यमंत्री को उपराज्यपाल की मंजूरी के लिए अपने सचिवालय में प्रस्ताव भेजना होगा। चूंकि, मुख्यमंत्री खुद जेल में है, इसलिए ऐसा नहीं किया जा सकता।"
सिसोदिया को उपमुख्यमंत्री बनाने में क्या हैं मुश्किलें?
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि दिल्ली सरकार में एक मंत्री पद (समाज कल्याण मंत्री और अन्य समान विभाग) खाली है, लेकिन सिसोदिया को इनका प्रभार सौंपे जाने की शर्त वही है कि इसका प्रस्ताव मुख्यमंत्री की ओर से लाया जाना चाहिए। बता दें कि सिसोदिया के इस्तीफे के बाद कैबिनेट में उनके पास जो विभाग थे, वे आतिशी को दे दिए गए थे। वर्तमान में आतिशी के पास 13 से अधिक विभाग हैं।
17 महीने से जेल में हैं सिसोदिया
शराब नीति मामले में CBI ने सिसोदिया को 26 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार किया था। इसी मामले में ED ने भी 9 मार्च, 2023 को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि सिसोदिया ने कमीशन लेकर शराब दुकानों लाइसेंसधारकों को अनुचित फायदा पहुंचाया। कथित तौर पर सिसोदिया ने कोविड महामारी का हवाला देकर शराब कंपनियों की 144.36 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस माफ की और इसके बारे में कैबिनेट को नहीं बताया।