कौन हैं असम को भारत से अलग करने की बात कहने वाले शरजील इमाम?
देश को कई बेहतरीन राजनेता, बिजनसमैन और अधिकारी देने वाले जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) इन दिनों नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और NRC को लेकर किए जा रहे विरोध प्रदर्शनों को लेकर चर्चा में हैं। इन दिनों JNU के पूर्व छात्र शरजील इमाम के एक देश विरोधी बयान को लेकर चर्चा में हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आखिर कौन हैं शरजील इमाम और क्या है उनको लेकर विवाद।
JNU से हासिल की थी PhD की डिग्री
शरजील इमाम बिहार के जहानाबाद के रहने वाले है। उन्होंने IIT बॉम्बे से कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी। इसके बाद उन्होंने कुछ दिन तक वहा अध्यापन कार्य भी किया था। स्नातक के बाद उन्होंने बेंगलुरु में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में दो साल तक डेवेलपर के रूप में काम किया था। उन्होंने वर्ष 2013 में JNU से आधुनिक इतिहास में मास्टर्स करने के लिए प्रवेश लिया था। यहां से MPhil और फिर PhD की डिग्री हासिल की थी।
AISA के लिए लड़ा था JNU से चुनाव
शरजील इमाम JNU में प्रवेश लेने के बाद करीब दो साल तक वामपंथी छात्र संगठन AISA से जुड़े रहे। उस दौरान वह एक साल तक AISA के कार्यकारिणी सदस्य भी रहे थे। इतना ही नहीं, उन्होंने AISA प्रत्याशी के तौर पर वर्ष 2015 में JNU से काउंसलर पद के चुनाव भी लड़ा था। उस दौरान उनकी संगठन के छात्रों में अच्छी पैठ बन गई थी और वह छात्रों के लिए आवाज उठाने में आगे रहते थे।
भड़काऊ बयान को लेकर आए चर्चा में
शरजील इमाम गत 16 जनवरी को AMU परिसर में एक भड़काऊ भाषण देने को लेकर चर्चा में हैं। ट्विटर पर वायरल वीडियो में शरजील कह रहे हैं, 'असम को भारत के शेष हिस्से से काट दिया जाना चाहिए तभी वह हमारी बात सुनेंगे। वहां मुस्लिम की या तो हत्या हो रही है या उन्हें डिटेंशन कैंप में रखा जा रहा है। असम को भारत के शेष हिस्से से स्थाई या अस्थाई रूप से अलग किया जा सकता है।'
आप यहां देख सकते हैं भड़काऊ भाषण का वीडियो
शाहीन बाग में CAA और NRC को लेकर हो रहे विरोध-प्रदर्शन का सूत्रधार
शरजील को दिल्ली के शाहीन बाग में CAA और NRC को लेकर हो रहे विरोध-प्रदर्शन का सूत्रधार भी कहा जा रहा है। धरने के दौरान वो सोशल मीडिया के जरिए लोगों से इस धरने में शामिल होने की अपील कर रहे थे। उन्होंने शाहीन बाग के प्रदर्शन मॉडल को चक्का-जाम करार दिया था। हालांकि, गत 2 जनवरी को उनकी अपील के बाद लोगों के धरना खत्म नहीं करने पर वह इससे अलग हो गए थे।
वीडियो वायरल होने के बाद दर्ज हुआ देशद्रोह का मामला
वीडियो वारयल होते ही इमाम की मुश्किलें बढ़ गई। भाषण को लेकर दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ IPC की धारा 124A, 153A और 505 के तहत मामला दर्ज किया गया है। असम पुलिस ने उसके खिलाफ उग्रवाद रोधी कानून (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया है। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश और मणिपुर में भी उनके खिलाफ देशद्रोह के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने अब उसकी गिरफ्तारी के लिए संबंधित राज्यों से सहयोग मांगा है।
गिरफ्तारी के लिए बिहार पुलिस ने पैतृक गांव में मारा छापा
मामले में बिहार पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए जहानाबाद स्थित पैतृक गांव काको में छापेमारी की है, लेकिन वो वहां नहीं मिले। हालांकि, इस दौरान पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लेकर गिरफ्तारी का दबाव बनाने का प्रयास किया है। जहानाबाद पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार ने बताया कि केन्द्रीय जांच एजेंसियों ने उसकी गिरफ्तारी के लिए स्थानीय पुलिस का सहयोग मांगा था। इसी को लेकर इमाम के पैतृक गांव में दबिश दी गई थी।
इमाम की मां ने लगाया प्रताड़ना का आरोप
पुलिस की छापेमारी के बाद शरजील की मां अफशा रहीम ने मीडिया के नाम एक बयान जारी किया है। इसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके बेटे के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किए जाने के बाद पुलिस द्वारा उन्हें प्रताडि़त किया जा रहा है। लगातार मिल रही धमकी और दुर्व्यवहार से उन्हें और परिवार के अन्य सदस्यों को डराया जा रहा है। वो कानून में विश्वास करते हैं, लेकिन इस तरह की कार्रवाई मानवाधिकारों का उल्लंघन है।
बयान को लेकर सामने आई नेताओं की प्रतिक्रिया
इमाम के भड़काऊ भाषण को लेकर अब विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेताओं की प्रतिक्रिया भी सामने आ गई है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने इसे देश विरोधी कदम बताया है। असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इमाम को शाहीन बाग विरोध का सूत्रधार बताते हुए उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने बयान को पूर्वोत्तर राज्यों के विरोध भड़काने वाला बताते हुए आवश्यक कार्रवाई की बात कही है।
पुलिस के पास नहीं है कोई सबूत- शरजील
भड़काऊ भाषण का वीडियो वायरल होने के बाद भी शरजील इमाम ने कहा है कि पुलिस उन्हें किसी भी हालत में दोषी साबित नहीं कर सकती। उन्होंने असम जाने वाली सड़कों को बाधित करने की बात कही है। यह मूल रूप से चक्का जाम के लिए था। वो वीडियो को एडिट कर मामले को उन पर थोप रहे हैं। इसके बाद भी पुलिस के पास कुछ नहीं है जो उन पर पूरी तरह से आरोप साबित कर सके।