CAA विरोध: शाहीन बाग की तर्ज पर महिलाओं ने मुंबई में भी शुरू किया धरना प्रदर्शन

देशभर में लागू किए नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर देशभर में विरोध बढ़ता जा रहा है। दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर अब देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी मुस्लिम महिलाओं ने रविवार से 'मुंबई बाग' नाम से विरोध प्रदर्शन शुरू किया है। बुर्का पहने महिलाओं का समूह नागपाड़ा के पास अरबियन होटल के बाहर सड़क पर बैठकर प्रदर्शन कर रहा है और उनका कहना है कि CAA के वापस लेने तक वह धरने पर बैठी रहेंगी।
धरना प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही LLB की छात्रा फातिमा खान ने कहा है कि वो CAA और NRC के विरोध में देश के प्रत्येक शहर में शाहीन बाग बनाने के आह्वान का अनुसरण कर रहे हैं। वो कानून को वापस लेने और सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनके हक में फैसला देने तक धरने पर बैठी रहेंगी। उन्होंने कहा कि लोगों के विरोध का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि धरने में प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ती जा रही है।
छात्रा फातिमा खान ने सरकार पर मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्ण बहुमत में होने के कारण सरकार अपनी मर्जी से कानून बना रही है। उसके खिलाफ आवाज उठाने वालों को गिरफ्तार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने CAA का विरोध करने वाले भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद को हिरासत में लिया था। उत्तर प्रदेश में महिलाओं को विरोध नहीं करने दिया जा रहा है। सरकार का यह रवैया असंवैधानिक है।
फातिमा खान ने कहा कि सरकार की मनमानी के खिलाफ पूरा देश एक होने वाला है। इसके लिए वह सोशल मीडिया के जरिए लोगों अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच रहे हैं। इससे धरने में महिलाओं की संख्या और अधिक बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सभी महिलाएं हाथों में बैनर लेकर शांतिपूर्ण ढंग से विरोध जता रही हैं। होर्डिंग्स और बैनरों पर CAA, NPR और NRC के विरोध में स्लोगन और हिन्दू-मुस्लिम एकता से संबंधित नारे लिखे हैं।
मुंबई में शुरू हुए विरोध प्रदर्शन में कामकाजी महिलाएं अवकाश लेकर धरने में पहुंच रही हैं। रोसिना असलम अंसारी ने बताया कि वह घर-घर मजदूरी कर परिवार का पेट पालती है, लेकिन जनहित विरोधी कानून के विरोध के लिए वह अवकाश लेकर आई हैं। CAA सीधे तौर पर उन लोगों को प्रभावित करेगा, जिनके पास दस्तावेज नहीं है। ऐसे में विरोध के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं है।
CAA और NRC को लेकर दिल्ली के शाहीन बाग में गत 15 दिसंबर से विरोध किया जा रहा है। इससे आम लोगों को परेशानी हो रही है। कोर्ट ने पुलिस को कानून में रहते हुए धरना खत्म कराने का आदेश दिया है, लेकिन अभी तक पुलिस को सफलता नहीं मिली है। इतना ही नहीं, शाहीन बाग के बाद देश के महाराष्ट्र, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, गुजरात और पश्चिम बंगाल में भी प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
12 दिसंबर को राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद नागरिक संशोधन कानून बन गया था। सरकार इस कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में उत्पीड़न के कारण वहां से भागकर आए हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के लोगों को भारत की नागरिकता देने का दावा कर रही है। जबकि NRC में देश में रह रहे अवैध प्रवासियों की पहचान की बात कही जा रही है। इन दोनों को लेकर ही देशभर में विरोध किया जा रहा है।