अमेरिकी राजनयिक ने सरकार से की जम्मू-कश्मीर में बंद नेताओं की रिहाई की अपील
रायसीना वार्ता के लिए जनवरी की शुरुआत में भारत आई दक्षिण और केंद्रीय एशियाई मामलों के लिए अमेरिका की कार्यवाहक अतिरिक्त सचिव एलिस वेल्स ने भारत सरकार से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से हिरासत में लिए गए जम्मू-कश्मीर के सभी नेताओं की रिहाई की अपील की है। उन्होंने सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर में बहाल की गई इंटरनेट सेवा को लेकर भी खुशी जताई और कहा कि सरकार उनके राजनयिकों को भारत में नियमित पहुंच की अनुमति दे।
"बिना आरोप लगाए नेताओं को करें रिहा"
एलिस वेल्स ने वाशिंगटन डीसी में कहा कि गत दिनों अमेरिका सहित 15 राष्ट्रों के राजनयिकों द्वारा जम्मू-कश्मीर का किया गया दौरा एक बड़ा कदम था। इस दौरे के बाद घाटी के हालात सामान्य होने की दिशा में और आगे बढ़ेंगे। भारत सरकार से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि राजनियकों को नियमित रूप से भारत का दौरा करने की अनुमति दी जाए और जम्मू-कश्मीर में हिरासत में लिए गए नेताओं को बिना किसी आरोप को रिहा किया जाए।
कश्मीर में 2G इंटरनेट सर्विस बहाल, सोशल मीडिया पर रोक अब भी जारी
कश्मीर में शनिवार को मोबाइल इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवा बहाल कर दी गई है। यह फैसला जम्मू में हुई समीक्षा बैठक में लिया गया। शनिवार आधी रात से पूरे कश्मीर में 2G इंटरनेट सेवा शुरू हो जाएगी। हालांकि, सोशल मीडिया पर रोक जारी रहेगी।
जम्मू-कश्मीर में लगी पाबंदियों पर सुप्रीम कोर्ट ने की थी सुनवाई
गौरतलब है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में पाबंदियों और नेताओं की नजरबंदी के मामले में सुनवाई की थी। कोर्ट ने सरकार को एक सप्ताह में सभी पाबंदियों की समीक्षा का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि इंटरनेट अनुच्छेद 19 के अनुसार फ्रीडम ऑफ स्पीच के तहत आता है। इसे बंद करना न्यायिक समीक्षा के दायरे में है। कोर्ट ने सरकार को जरूरत के अनुसार तत्काल प्रभाव से इंटरनेट सेवाएं चालू करने को कहा था।
पांच महीने से नजरबंद हैं तीन पूर्व मुख्यमंत्री सहित कई नेता
सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद 5 अगस्त को तीन पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के साथ सैकड़ों नेताओं को ऐहतियात के तौर पर हिरासत में लिया था। हालत सामान्य होने पर सरकर ने गत 31 अगस्त को नेशनल कांफ्रेंस और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के पांच नेता और 16 जनवरी को भी पांच अन्य नेताओं को रिहा कर दिया था। हालांकि, तीनों पूर्व मुख्यमंत्री अभी भी नजरबंदी में हैं।
5 अगस्त को हटाया था अनुच्छेद 370
सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य का विभाजन जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख के दो केंद्र शासित क्षेत्रों के रूप में करने का फैसला किया था। इसको लेकर विपक्ष ने काफी बवाल मचाया था। सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका लगी थी, जिस पर सुनवाई जारी है। पाकिस्तान इस मामले को विश्व स्तर पर भी ले गया था, लेकिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उसे मुहं की खानी पड़ी।