जम्मूू-कश्मीर में जारी प्रतिबंधों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, आजाद की भी याचिका शामिल
सुप्रीम कोर्ट सोमवार को जम्मू-कश्मीर की स्थिति को लेकर कई याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। ये याचिकाएं राज्य का विशेष दर्जा समाप्त होने के बाद जारी स्थितियों को लेकर दर्ज की गई थीं। इनमें एक याचिका कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद की है। उन्होंने कहा कि उनकी याचिका गैर-राजनीतिक है और इसका कांग्रेस पार्टी से कोई संबंध नहीं है। गुलाम ने कहा, "यह मानवीय आधार पर दायर याचिका है। राज्य का नागरिक और सांसद होने के नाते मेरी कुछ चिंताएं है।"
अगस्त से अब तक प्रतिबंधों के साये में कश्मीर
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करने और राज्य को केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का फैसला किया था। इसके बाद होनेे वाले विरोध की संभावना को देखते हुए केंद्र ने राज्य में कड़े प्रतिबंध लागू किए थे। इनमें पूरे राज्य में धारा 144 लागू करना, संचार के साधनों पर रोक लगाना और मुख्यधारा के नेताओ को हिरासत में लेने जैसे कदम शामिल थे। कुछ प्रतिबंधों में अब छूट मिली है।
मानवीय आधार पर है याचिका- गुलाम
गुलाम ने कहा, "मैंने कई बार राज्य का दौरा करने की कोशिश की, लेकिन मुझे वापस भेज दिया गया। हमारी लगभग एक तिहाई आबादी मजदूरों की है। वो रोजाना की आय पर गुजारा करते हैं। उनकी तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा।" "प्रतिबंधों को लागू हुए 42 दिन हो चुके हैं। उनकी परेशानियों की तरफ कोई नहीं देख रहा। इसलिए मैं एक मानवीय मुद्दा उठा रहा हैं। यह राज्य, केंद्र सरकार, मीडिया और देश के लिए मानवता का प्रश्न है।"
कानून का मामला सुप्रीम कोर्ट तय करेगी
केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 में किए गए बदलावों पर कांग्रेस के कई नेताओं ने सरकार की तारीफ की थी। इस पर गुलाम ने कहा कि अब यह मुद्दा राजनीतिक पार्टियों का नहीं रहा। एक कानून बन गया है और अब इसका निर्णय सुप्रीम कोर्ट तय करेगी। बता दें कि कांग्रेस ने जहां केंद्र के इस कदम का विरोध किया था, वहीं कई पार्टी नेताओं ने इसके प्रति समर्थन जाहिर किया था।
CJI की बेंच करेगी सुनवाई
आजाद ने याचिका में कश्मीर जाने और अपने परिजनों और रिश्तेदारों से मुलाकात करने की अनुमति मांगी है। मुख्य न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई, जस्टिस एस बोबड़े और एस अब्दुल नजीर की बेंच इन सभी याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
इन याचिकाओं पर भी आज होगी सुनवाई
गुलाम के अलावा सोमवार को कश्मीर टाइम्स की एग्जीक्यूटिव एडिटर अनुराधा भसीन की याचिका पर भी सुनवाई होगी। उन्होंने याचिका में कहा था कि कश्मीर में संचार के साधनों पर लगी रोक के कारण श्रीनगर से उनका अखबार प्रकाशित नहीं हो पा रहा है। इसकी वजह उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा राज्य में लगाए गए कड़े प्रतिबंधों को बताया था। इसके अलावा आज सीताराम येचुरी और MDMK नेता वाइको की याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।
BSNL पोस्टपेड मोबाइल सेवा होगी बहाल
कश्मीर में जारी प्रतिबंधों में छूट देते हुए सरकार राज्य में BSNL की पोस्टपेड मोबाइल सेवा को बहाल करने की योजना बना रही है। एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में जल्द ही यह सेवा बहाल होगी। राज्य में लगभग 12 लाख लोग इसका इस्तेमाल करेत हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस की बैठक में इस बात की सिफारिश की गई थी। उन्होंने बताया कि पोस्टपेड सेवा के बाद राज्य में व्यापारिक संगठनों के लिए इंटरनेट बहाली के लिए काम किया जाएगा।