नागरिकता कानून के समर्थन में कांग्रेस नेता जॉन फर्नांडीज, बताया अच्छा कानून
नागरिकता कानून (CAA) को लेकर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियां शुरू से ही विरोध करती आ रही हैं और देशभर में विरोध-प्रदर्शन के साथ कानून को वापस लिए जाने की मांग कर रही हैं, लेकिन अब इसको लेकर कांग्रेस में ही फूट पड़ना शुरू हो गया है। गोवा कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद जॉन फर्नांडिस ने अपनी ही पार्टी की आलोचना करते हुए कहा है कि संसद में पारित कानूनों को सड़कों पर चुनौती दिया जाना बेहद शर्मनाक है।
CAA है अच्छा कानून- फर्नांडिस
गोवा कांग्रेस नेता जॉन फर्नांडिस ने कहा कि CAA को एक अच्छा कानून है। इसे देश के सभी लोगों द्वारा स्वीकार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब देश के सर्वोच्च सदन संसद की ओर से देशहित में कोई भी कानून पास किया जाता है तो किसी को भी उसके खिलाफ सड़क पर उतरने और प्रदर्शन करने के लिए नहीं उकसाया जाना चाहिए। संसद के निर्णय का सम्मान करते हुए उसे अपनाना चाहिए।
विरोध-प्रदर्शनों पर भी की सख्त टिप्पणी
फर्नांडिस ने पणजी में सभा को संबोधित करते हुए दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया सहित विश्वविद्यालय परिसरों में किए जा रहे विरोध प्रदर्शनों पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि यह उचित है, क्या चल रहा है? मुझे पता है कि यह कैसे शुरू हुआ। यह जामिया मिलिया इस्लामिया में शुरू हुआ, मैं एक निदेशक था। उस बोर्ड को और मुझे पता है कि यह कैसे काम कर रहा था। इसलिए मैंने बोर्ड से इस्तीफा दे दिया।"
फर्नांडिस ने अपने बयान को बताया व्यक्तिगत राय
दो बार के पूर्व राज्यसभा सांसद फर्नांडिस ने कहा कि वह एक विशेष राजनीतिक पार्टी से ताल्लुक रखते हैं। CAA को लेकर यह उनकी निजी राय है। उन्होंने कहा, "हमने पिछले 70 वर्षों में गलतियां की हैं तो हमें क्यों उन्हीं गलतियों को जारी रखना चाहिए? क्या कानून सड़कों पर बनाए जा सकते हैं? या फिर यह जंगल का कानून है। संसद द्वारा कानून पास किए जाने के बाद इन विषयों पर बहस नहीं की जानी चाहिए।"
प्रधानमंत्री और उनके निर्णय को करना चाहिए स्वीकार
फर्नांडिस ने अनुच्छेद 370 और CAA पर पाकिस्तान द्वारा की जा रही आलोचना पर कहा कि यह यह कानून सीमापार के लोगों के लिए नहीं है, ऐसे में भारत के कानूनों के बारे में उन्हें परेशान नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा जब एक कानून संसद द्वारा पारित किया जाता है तो इसे स्वीकार करना पड़ता है। भले ही प्रधानमंत्री उनकी पार्टी से नहीं हैं, लेकिन देश का प्रधानमंत्री होने के नाते नो उन्हें और उनके फैसलों को मानते हैं।
CAA को लेकर लगातार हो रहा है विरोध
नागरिकता संशोधन विधेयक संसद में पास होने और 12 दिसंबर को राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद नागरिक संशोधन कानून बन गया था। सरकार के अनुसार इसके तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में उत्पीड़न के कारण वहां से भागकर आए हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। इसको लेकर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियां लगातार विरोध कर रही हैं।