प्यूरिफ़ायर के 'शुद्ध शाकाहारी पानी' वाले विज्ञापन को देखकर इंटरनेट यूज़र्स हुए हैरान
क्या आप शुद्ध शाकाहारी हैं? क्या आप जब भी पैकेट वाला खाद्य पदार्थ ख़रीदते हैं, तो हरे और लाल डॉट्स को देखते हैं, जो यह बताता है कि खाद्य पदार्थ शाकाहारी है या माँसाहारी? क्या होगा, जब आपसे कोई कहे कि आप रोज़ जिस पानी को पीते हैं, वह माँसाहारी है? दरअसल, एक प्यूरिफ़ायर कंपनी के मार्केटिंग अभियान ने ठीक ऐसा ही कहा कि उसके प्यूरिफ़ायर ने शुद्ध शाकाहारी पानी सुनिश्चित किया है। इससे इंटरनेट यूज़र्स हैरान हो गए हैं।
सामान्य पानी में होते हैं बैक्टीरिया और वायरस
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह कंपनी कोई और नहीं बल्कि प्रेस्टीज लाइफ़स्ट्रॉ है, जिसने दावा किया है कि सामान्य पानी माँसाहारी होता है, क्योंकि इसमें वैक्टीरिया और वायरस होता है।
हैरान करने वाला है कंपनी का दावा
कंपनी का कहना है कि उबलने से किटाणु तो मर जाएँगे, लेकिन मारे गए किटाणु पानी में ही रहेंगे। इससे पानी शाकाहारी नहीं रह जाता है। कंपनी के अनुसार, प्रेस्टीज लाइफ़स्ट्रॉ हॉलो फाइबर तकनीक के साथ अल्ट्राफ़िल्ट्रेशन का उपयोग करता है और भौतिक तौर पर सभी वायरस, बैक्टीरिया और सिस्ट्स को जीवित या मृत बाहर कर देता है और पानी को शुद्ध करता है। कंपनी का यह दावा वाक़ई हैरान करने वाला है।
कंपनी के सामान्य ज्ञान को लेकर यूज़र्स उठा रहे हैं सवाल
बता दें कि कंपनी का यह विज्ञापन 2014 में एक अख़बार में प्रकाशित किया गया था, जो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। ट्विटर यूज़र्स ख़ुद को कंपनी के सामान्य ज्ञान को लेकर सवाल उठाने से नहीं रोक सके। कंपनी के 100% शाकाहारी पानी की अवधारणा से इंटरनेट यूज़र्स पूरी तरह से चौंक गए हैं। उसकी वजह है कि कंपनी ने विज्ञान से ऊपर उठकर एक नई अवधारणा पेश की थी।
ये थोड़ा ज़्यादा हो गया: ट्विटर यूज़र
विज्ञापन प्रकाशित होने के पाँच साल बाद अब कंपनी का सोशल मीडिया पर जमकर मजाक उड़ाया जा रहा है। एक ट्विटर यूज़र ने चुटकी लेते हुए लिखा "यहाँ तक की शुद्ध शाकाहारी, ऐसा है जैसे 'ये थोड़ा ज़्यादा हो गया।'"
ट्विटर यूज़र का कमेंट
अलग रहा होगा विज्ञापन बनाने वाले व्यक्ति का ज्ञान
वहीं, एक अन्य ट्विटर यूज़र ने चुटकी लेते हुए लिखा, 'कल्पना कीजिए कि शाकाहारी पानी के शौकीनों को अहसास होता है कि एक साल में वे कितनी मृत त्वचा और कितनी जीवित मकड़ियों को खाते हैं।' तीसरे यूज़र ने लिखा, 'ठीक है, आप भी उन सूक्ष्म जीवों को मारने का पाप लेने जा रहे हैं, इससे फ़र्क़ नहीं पड़ता है कि उनका शरीर कहाँ जाता है। यक़ीनन कंपनी का विज्ञापन बनाने वाले व्यक्ति का ज्ञान अलग ही रहा होगा।