सुप्रीम कोर्ट ने डोनाल्ड ट्रंप को कोलोराडो में राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के योग्य करार दिया
क्या है खबर?
अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कोलोराडो राज्य में राष्ट्रपति चुनाव लड़ने पर रोक लगाने वाले फैसले को रद्द कर दिया है।
राज्य कोर्ट ने ट्रंप को राज्य में राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के अयोग्य ठहराया था, हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को सर्वसम्मति से पलट दिया।
ये एक दूरगामी प्रभाव वाला फैसला माना जा रहा है क्योंकि ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति चुनाव लड़ने में ये एक बड़ा रोड़ा था।
मामला
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, कोलोराडो की सुप्रीम कोर्ट ने 2020 में अमेरिकी संसद पर हमले की घटना को आधार बनाते हुए ट्रंप को कोलोराडो में प्राइमरी चुनाव के लिए अयोग्य करार दे दिया था। राष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार चुनने के लिए रिपब्लिकन पार्टी प्राइमरी आयोजित करती है।
उसने अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन की धारा 3 का इस्तेमाल कर ये फैसला सुनाया था। ये धारा बगावत से संबंधित है।
उसने कहा था कि ये प्रावधान राष्ट्रपतियों पर भी लागू होता है।
सुप्रीम कोर्ट आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा?
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के 9 न्यायाधीशों ने सर्वसम्मति से कोलोराडो कोर्ट का फैसला पलटा।
5-4 के बहुमत से उसने कहा कि संविधान राज्यों को राष्ट्रपति उम्मीदवार को राष्ट्रीय पद से अयोग्य ठहराने की इजाजत नहीं देता है और राज्यों के पास धारा 3 के तहत केंद्रीय उम्मीदवारों को अयोग्य ठहराने की शक्ति नहीं है।
इन 5 न्यायाधीशों ने कहा कि ऐसा केवल कांग्रेस कर सकती है, राज्य नहीं।
बाकी 4 न्यायाधीशों ने कहा कि ऐसा करना बहुत आगे जाना है।
जानकारी
ट्रंप बोले- अमेरिका के लिए बड़ी जीत
ट्रंप ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, 'अमेरिका के लिए एक बड़ी जीत।' अभी तक व्हाइट हाउस या राष्ट्रपति जो बाइडन की तरफ से मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
अहमियत
क्यों अहम है फैसला?
सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला इसलिए अहम है क्योंकि कोलोराडो राज्य के साथ-साथ मेन राज्य ने भी धारा 3 के तहत ट्रंप के राज्य में राष्ट्रपति चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी।
इसके अलावा अन्य कई राज्यों में भी ऐसे मामले चल रहे हैं। अब सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से ये रोड़ा हट गया है।
हालांकि, अभी भी संकट टला नहीं है क्योंकि 36 राज्यों में ट्रंप को राष्ट्रपति उम्मीदवारी से प्रतिबंधित करने के मामले चल रहे हैं।
संविधान
क्या है 14वें संशोधन की धारा 3?
अमेरिका में गृह युद्ध के समय संविधान में 14वां संशोधन किया गया था। इसकी धारा 3 उन लोगों के कोई भी सरकारी पद ग्रहण करने पर प्रतिबंध लगाती है, जिन्होंने अमेरिकी संविधान की रक्षा की शपथ ली, लेकिन फिर उसी के खिलाफ बगावत की।
इस धारा में राष्ट्रपति का अलग से जिक्र नहीं है, इसलिए इस बात पर बहस होती है कि ये राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों पर लागू होती है या नहीं।
बगावत
क्या है अमेरिकी संसद पर हमले का मामला?
ट्रंप ने 2020 राष्ट्रपति चुनावों में बाइडन की जीत को अस्वीकार कर दिया था। उनके भड़काने के बाद 6 जनवरी, 2021 को ट्रंप के समर्थक कैपिटल हिल (संसद) में घुस गए थे।
उनके समर्थकों ने गोलीबारी और तोड़फोड़ करने के बाद कई दफ्तरों पर कब्जा कर लिया था। इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हुई थी, जबकि वाशिंगटन में सार्वजनिक आपातकाल का ऐलान कर दिया गया था।
अमेरिकी कांग्रेस समिति ने हिंसा के लिए ट्रंप को जिम्मेदार माना था।