महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हुई श्रमिक स्पेशल ट्रेन ओडिशा पहुंची
लॉकडाउन के कारण विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार की ओर से भले ही श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है, लेकिन उनमें व्याप्त अव्यवस्थाएं प्रवासी मजदूरों के जले पर नमक छिड़ने का काम कर रही है। अब तक इन ट्रेनों में पर्याप्त भोजन और पानी की व्यवस्था नहीं होने की शिकायतें आ रही थी, लेकिन अब ये ट्रेनें बिना किसी सूचना के निर्धारित स्टेशन की जगह दूसरे स्टेशनों पर भी पहुंचने लगी है।
गोरखपुर जाने वाली ट्रेन पहुंच गई ओडिशा के राउरकेला
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के संचालन में बरती जा रही लापरवाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गत गुरुवार शाम को महाराष्ट्र के वसई रोड स्टेशन से प्रवासी मजदूरों को लेकर उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के लिए रवाना हुई ट्रेन शनिवार को ओडिशा के राउरकेला स्टेशन पर पहुंच गई। श्रमिकों को जब इसका पता चला तो उनका गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने स्टेशन पर उतरकर जमकर हंगामा किया। बाद में समझाइश कर उन्हें शांत किया गया।
ओडिशा पहुंचने पर लगा मजदूरों को बड़ा झटका
ट्रेन में सवार मजदूरों ने बताया कि गुरुवार शाम को जब वह लंबी मशक्कत के बाद ट्रेन में सवार हुए तो उन्हें उम्मीद जगी थी कि वह शनिवार को आखिरकार अपने घर पहुंच जाएंगे। शुक्रवार रात को वह यह सोचकर ट्रेन में सोए थे कि सुबह वह गोरखुपर पहुंच जाएंगे, लेकिन सुबह जब उनकी आंख खुली तो वह गोरखपुर से करीब 750 किलोमीटर दूर ओडिशा के राउरकेला स्टेशन पर थे। इस घटना ने उनके जले पर नमक छिड़क दिया।
रेलवे ने रूट डायवर्जन के कारण बताकर किया अपना बचाव
ट्रेन में सवार मजदूरों के राउरकेला स्टेशन पर हंगामा करने के बाद पश्चिम रेलवे ने बचाव के लिए रूट डायवर्जन किए जाने की सफाई दे दी। रेलवे बोर्ड की ओर से बताया गया कि बड़ी संख्या में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के चलने की वजह से जलगांव-भुसावल-खंडवा-इटारसी-जबलपुर रुट पर काफी ट्रैफिक था। इसलिए ट्रेन को डायवर्ट रूट बिलासपुर-झारसुगड़ा-राउरकेला पर चलाने का निर्णय किया गया है। रेलवे ने कहा कि रूट की उपलब्धता के आधार पर ट्रेनों का संचालन किया जाता है।
ट्रेन में सवार मजदूरों ने लगाया सूचना नहीं दिए जाने का आरोप
जल्द से जल्द अपने घर पहुंचने की उम्मीद में ट्रेन में सवार हुए प्रवासी मजदूरों ने कहा कि ट्रेन को पहले ही कई स्टेशनों पर घंटों तक खड़ा रखा गया था। रेल मार्ग के व्यस्त होने के कारण यदि डायवर्जन करना भी था तो रेल अधिकारियों को यात्रियों को सूचित करना चाहिए था। इससे वह इसके लिए तैयार रहते। ट्रेन में भोजन-पानी की व्यवस्था नहीं होने से यात्री पहले ही परेशान है और अब कई घंटे और परेशान होना पड़ेगा।
राउरकेला स्टेशन अधिकारियों ने कही थी लोको पायलट के रास्ता भटकने की बात
मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि जब मजदूरों ने ट्रेन के राउरकेला स्टेशन पर पहुंचने के बाद स्टेशन अधिकारियों से इस संबंध में जानकारी मांगी तो अधिकारियों ने कहा कि कुछ मिक्स-अप के कारण लोको पायलट अपना रास्ता भटक गया। हालांकि, कुछ देर बाद रेलवे प्रशासन ने लोको पायलट के रास्ता भटकने की बात को खारिज करते हुए ट्रेन के रूट डायवर्जन के कारण ही राउरकेला पहुंचने की बात कह दी। इससे स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी।