कम आबादी के बावजूद तमिलनाडु को बिहार और राजस्थान से ज्यादा कोरोना वैक्सीन क्यों मिलेगी?
जल्द कोरोना वैक्सीन उपलब्ध होने की उम्मीद के साथ भारत सरकार ने इसके वितरण की तैयारियों को भी अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। तीन कंपनियों ने अपनी वैक्सीन के आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी मांगी है। इनमें से किसी को भी हरी झंडी मिलते ही वैक्सीन का वितरण शुरू हो जाएगा। योजना के अनुसार, 50 साल से अधिक उम्र के लोगों की ज्यादा आबादी वाले राज्यों को वैक्सीन की अधिक खुराक मिलेगी।
कम जनसंख्या के बावजूद तमिलनाडु को इसलिए मिलेगी ज्यादा वैक्सीन
इसका मतलब है कि बिहार, मध्य प्रदेश, और राजस्थान से कम कुल जनसंख्या होने के बावजूद तमिलनाडु को ज्यादा खुराकें मिलेंगी। इसकी वजह यह है कि तमिलनाडु में 50 से अधिक उम्र वाले लोगों की संख्या इन राज्यों से अधिक है। बिहार की अनुमानित जनसंख्या 12.3 करोड़ है, जो तमिलनाडु (7.6 करोड़) से 60 प्रतिशत अधिक है, लेकिन यहां 50 साल से अधिक लगभग 1.8 करोड़ लोग है। वहीं तमिलनाडु में यह संख्या लगभग दो करोड़ है।
शुरुआती दौर में इन लोगों को मिलेगी वैक्सीन
सरकार की योजना के अनुसार, वैक्सीन उपलब्ध होने पर लगभग एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों को इसकी खुराक दी जाएगी। इसके बाद शुरुआती दौर में ही महामारी के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर तैनात दूसरे कर्मचारियों, 50 साल से अधिक उम्र के लोगों और अन्य बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को इसकी खुराक दी जाएगी। अन्य बीमारियों में ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, दिल से जुड़ी बीमारियां और हायपरटेंशन आदि शामिल हैं। इनके बाद अन्य लोगों की बारी आएगी।
शुरुआती दौर में 30 करोड़ लोगों को मिलेगी खुराक
आयु वर्ग के बाद दूसरी बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या के आधार पर राज्यों को वैक्सीन की खुराक वितरित की जाएगी। TOI की रिपोर्ट के अनुसार, केरल में लगभग एक करोड़ लोग अन्य बीमारियों से जूझ रहे हैं। इनमें डायबिटीज और हायपरटेंशन के मरीज ज्यादा हैं। इन सब लोगों को शुरुआती दौर में वैक्सीन दी जाएगी। सरकार की योजना शुरुआती दौर में लगभग 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन की खुराक देने की है।
उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा है 50 साल से अधिक उम्र के लोग
सरकार की तरफ से बनाए गए नियमों के अनुसार, शुरुआती दौर में उत्तर प्रदेश को वैक्सीन की सबसे ज्यादा खुराक मिलेगी। इसकी वजह यह है कि राज्य की लगभग 15 फीसदी (3.6 करोड़) आबादी 50 साल से अधिक उम्र की है। उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र (2.72 करोड़), पश्चिम बंगाल (2.19 करोड़) और तमिलनाडु (1.95 करोड़) को सबसे ज्यादा वैक्सीन मिलेगी। देश के इन चारों राज्यों में 50 साल से अधिक उम्र की सबसे ज्यादा आबादी है।
बाकी राज्यों में 50 से अधिक उम्र के कितने लोग हैं?
बिहार में यह संख्या 1.84 करोड़, कर्नाटक में 1.46 करोड़, मध्य प्रदेश में 1.44 करोड़, गुजरात 1.39 करोड़, राजस्थान 1.33 करोड़, आंध्र प्रदेश 1.23 करोड़, केरल 1.03 करोड़, ओडिशा 98 लाख और तेलंगाना में 79 लाख है। इनके अलावा पंजाब में 70 लाख, झारखंड में 64 लाख, असम में 60 लाख, हरियाणा में 55 लाख, छत्तीसगढ़ में 53 लाख, दिल्ली में 39 लाख, जम्मू-कश्मीर में 25 लाख, उत्तराखंड में 22 और हिमाचल में 18 लाख है।
एक व्यक्ति के लिए दो खुराक की जरूरत
शुरुआती दौर में 30 करोड़ लोगों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षा देने के लिए भारत को 60 करोड़ खुराकों की जरूरत होगी। भारत में जिन वैक्सीन को हरी झंडी मिलने की उम्मीद है, संक्रमण से बचाव के लिए उनकी दो खुराकों की जरूरत होगी।
तीन कंपनियों ने मांगी आपात इस्तेमाल की जरूरत
भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII), भारत बायोटेक और फाइजर ने अपनी वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी मांगी है। तीनों कंपनियों ने अपना आवेदन ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को भेज दिया है। उम्मीद की जा रही है कि इस महीने के अंत तक इन आवेदनों पर फैसला आ जाएगा। अगर वैक्सीन्स को हरी झंडी मिलती है तो अगले महीने से वैक्सीनेशन शुरू हो जाएगा। जुलाई तक वैक्सीनेशन का शुरुआती दौर पूरा हो सकता है।
देश में क्या है महामारी की स्थिति?
पिछले कुछ दिनों से देश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार पर लगाम लगी हुई है। देश में बीते दिन कोरोना वायरस से संक्रमण के 27,071 नए मामले सामने आए और 336 मरीजों ने इसकी वजह से दम तोड़ा। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 98,84,100 हो गई है। इनमें से 1,43,355 लोगों को महामारी के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। वहीं सक्रिय मामलों की संख्या लगातार घटते हुए 3,52,586 पर आ गई है।