कोरोना वायरस: UK से आए 22 यात्री पाए गए संक्रमित, नए स्ट्रेन की हो रही जांच
पिछले कुछ दिनों में यूनाइटेड किंगडम (UK) से भारत आए कम से कम 22 यात्री कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं और अधिक फैलने वाले नए स्ट्रेन की मौजूदगी की जांच के लिए उनके सैंपलों को एडवांस लैब्स के पास भेजा गया है। इन एडवांस टेस्ट का नतीजा आने तक इन संक्रमितों को एयरपोर्ट पर ही रोका गया है और नियमों के मुताबिक उन्हें सबसे अलग जगह पर क्वारंटाइन किया गया है।
दिल्ली में संक्रमित पाए गए सबसे अधिक 11 यात्री
नए स्ट्रेन को लेकर दहशत के बीच भारत सरकार ने 21 दिसंबर को UK से आने वाली उड़ानों पर रोक का ऐलान किया था। ये प्रतिबंध 23 दिसंबर से प्रभावी होना था और इन दो दिनों में कई उड़ानें UK से भारत आईं। अधिकारियों के अनुसार, इन्हीं उड़ानों से भारत आए 22 लोगों को संक्रमित पाया गया है। इन यात्रियों से 11 को दिल्ली, आठ को अमृतसर, दो को कोलकाता और एक को चेन्नई में संक्रमित पाया गया है।
पुणे की NIV समेत अन्य एडवांस लैबों को भेजे गए सैंपल्स
अधिकारियों ने बताया कि संक्रमित पाए गए इन यात्रियों के सैंपल्स को एडवांस टेस्ट के लिए पुणे की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) और इस जैसी ही अन्य विशेष लैबों के पास भेजा गया है और वे इनमें नए स्ट्रेन की मौजूदगी की जांच करेंगे।
UK से आने वाला हर यात्री का हो रहा है RT-PCR टेस्ट
बता दें कि भारत ने UK से आने वाले यात्रियों के लिए नई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) भी जारी की है। इसमें UK से भारत आने वाले यात्रियों का अनिवार्य RT-PCR टेस्ट करना और उन्हें सबसे अलग क्वारंटाइन करना शामिल है। इसके अलावा पिछले चार हफ्ते में UK से भारत आने वाले लोगों पर भी नजर रखी जा रही है और कोई भी लक्षण दिखने पर उनका तुरंत RT-PCR टेस्ट किया जाएगा।
70 प्रतिशत अधिक तेजी से फैलता है नया स्ट्रेन
कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन पहली बार सितंबर में दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड में पाया गया था और ये अन्य स्ट्रेनों के मुकाबले 70 प्रतिशत अधिक तेजी से फैलता है। अभी ये लंदन और UK के अन्य हिस्सों में बहुत तेजी से फैल रहा है और कुछ ही समय में यहां कोरोना वायरस का प्रमुख वेरिएंट बन गया है। इंग्लैंड के अलावा ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, नीदरलैंड, दक्षिण अफ्रीका और इटली में भी नए स्ट्रेन से संक्रमण के मामले सामने आए हैं।
कितना घातक है नया स्ट्रेन?
अभी तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे साबित हो कि नया स्ट्रेन अधिक घातक है या इस पर वैक्सीन का कोई असर नहीं होगा। जानकारों का कहना है कि अभी किसी नतीजे पर पहुंचाना जल्दबाजी होगी। फिर भी संक्रमण की तेज रफ्तार के कारण चिंताएं बढ़ने लगी है। अधिक लोगों के संक्रमित होने का मतलब यह है कि स्वास्थ्य सेवाओं पर बोझ बढ़ेगा, जो कई चुनौतियां का कारण बन सकता है।
दक्षिण अफ्रीका से ब्रिटेन पहुंचा एक और अधिक संक्रामक वेरिएंट
नए स्ट्रेन को लेकर इस अफरा-तफरी के बीच ब्रिटेन में कोरोना का एक और नया वेरिएंट मिला है जो इस स्ट्रेन से भी अधिक संक्रामक है। ये वेरिएंट दक्षिण अफ्रीका से यहां पहुंचा है और दो लोगों को इससे संक्रमित पाया जा चुका है।