कोरोना: बढ़ते संक्रमण के बीच राज्यों में वैक्सीन और बिस्तरों की पड़ रही कमी
देश में कोरोना संक्रमण के दैनिक मामले रोज नया रिकॉर्ड बना रहे हैं। संक्रमण की दूसरी लहर का सामना कर रहे कई राज्यों में मरीजों की संख्या में तेज इजाफा हुआ है। इसके चलते स्वास्थ्य सेवाओं पर बोझ बढ़ रहा है और कई शहरों के अस्पतालों में बिस्तरों की कमी पड़ने लगी है। दूसरी तरफ बीते दिन कई राज्यों ने केंद्र को पत्र लिखकर वैक्सीन की कमी होने की बात भी कही है।
ओडिशा में 400 वैक्सीनेशन केंद्र बंद
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, ओडिशा में केवल तीन दिनों के लिए वैक्सीन का स्टॉक बचा है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने केंद्र से कोविशील्ड की 15-20 लाख खुराकें भेजने की मांग की है। राज्य सरकार ने कहा है कि क्षेत्रीय और जिला स्तर पर बने वैक्सीन स्टोर में कोविशील्ड की एक भी खुराक नहीं बची है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कहा गया है कि स्टॉक में कमी के कारण लगभग 400 वैक्सीनेशन केंद्र बंद किए गए हैं।
महाराष्ट्र में वैक्सीन और बिस्तरों की कमी
कोरोना के कारण देश के सर्वाधिक प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में वैक्सीन और बिस्तर, दोनों की कमी महसूस की जा रही है। जिस गति से यहां मामले बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए अनुमान है कि राज्य के अस्पतालों में जल्द ही बिस्तरों की कमी पड़ सकती है। दूसरी तरफ वैक्सीनेशन तेज करने की कोशिश में जुटी राज्य सरकार के पास वैक्सीन का तीन दिनों का स्टॉक बचा है, जिसके चलते यहां भी वैक्सीनेशन केंद्र बंद किए गए हैं।
पंजाब में दो दिनों का स्टॉक बाकी- मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बुधवार को कहा कि राज्य में रोजाना दो लाख खुराक लगनी चाहिए। इस हिसाब से पंजाब के पास केवल दो दिनों का स्टॉक है। राज्य सरकार ने केंद्र से अतिरिक्त वैक्सीन भेजने की मांग की है।
गुजरात में कई जगहों पर 80 फीसदी से अधिक बिस्तर भरे
गुजरात में इन दिनों रोजाना 3,000 से अधिक लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो रही है। उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि राज्य में कोरोना मरीजों के लिए समर्पित 63 फीसदी बिस्तर भर चुके हैं। हालांकि, कई अस्पतालों में मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण 80 प्रतिशत से अधिक बिस्तर भरे हुए हैं। वहीं वैक्सीन को लेकर राज्य सरकार का कहना है कि उसके पास स्टॉक की कमी नहीं है।
दिल्ली में भी वैक्सीन की कमी
अन्य राज्यों की तरह दिल्ली भी वैक्सीन की कमी से जूझ रही है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि राजधानी में केवल 4-5 दिनों की जरूरत के लायक ही खुराकें बची हैं।
कर्नाटक ने केंद्र से मांगी ज्यादा वैक्सीन
कर्नाटक में कुछ दिनों से दैनिक मामलों में इजाफा देखा जा रहा है। इसके चलते कई शहरों और खासकर बेंगलुरू में अस्पतालों पर बोझ बढ़ रहा है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि अगर कुछ हफ्तों तक संक्रमण की यही रफ्तार जारी रही तो अस्पतालों में सुविधाएं कम पड़ सकती है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों के 50 प्रतिशत आरक्षित करने का आदेश दोबारा जारी किया है और केंद्र से ज्यादा वैक्सीन भेजने की मांग की है।
केंद्र का इस पर क्या कहना है?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने राज्यों की तरफ से वैक्सीन की कमी की बातों पर प्रतिक्रिया देते हुए आरोप लगाया कि राज्य सरकारें अपने वैक्सीनेशन अभियान में कमियों की तरफ से ध्यान हटाना चाह रही हैं। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने आधिकारिक पत्र में माना कि इन दिनों वैक्सीन की आपूर्ति सीमित है और अब आयु वर्ग के हिसाब से प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन लगाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है।