हैकर्स के निशाने पर भारतीय दवाई कंपनियां और अस्पताल, वैक्सीन रिसर्च चुराने की कोशिश
रूस, चीन और नॉर्थ कोरिया के हैकर ग्रुप्स ने बीते कुछ महीनों में भारतीय दवाई कंपनियों और अस्पतालों को निशाना बनाने की कोशिश की। सिंगापुर बेस्ड थ्रेट इंटेलिजेंस फर्म, साइफर्मा (Cyfirma) ने बताया कि वैक्सीन रिसर्च और ट्रायल से जुड़ी सेंसिटिव जानकारी चुराने के लिए चलाए गए ग्लोबल कैंपेन में भारतीय कंपनियां भी निशाने पर रहीं। इन भारतीय फार्मा कंपनियों में सीरम इंस्टीट्यूट, भारत बायोटेक, डॉ. रेड्डी लैब्स, एबॉट इंडिया, पतंजलि और ऑल इंडिया मेडिकल साइंसेज शामिल रहीं।
वैक्सीन पर काम कर रहीं कंपनियों पर हुआ अटैक
विदेशी हैकर्स ने जिन भारतीय कंपनियों पर अटैक किया, वे कोविड-19 वैक्सीन पर काम कर रही हैं। भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया वैक्सीन बना रही हैं। वहीं, डॉ. रेड्डी की टीम रूस में बनी 'स्पुतनिक-V' वैक्सीन का भारत में ट्रायल कर रही है।
रूस ने चलाए सबसे ज्यादा कैंपेन
साइफर्मा ने अपनी लेटेस्ट थ्रेट लैंडस्केप रिपोर्ट में फार्मास्युटिकल कंपनियों की हैकिंग से जुड़ा डाटा शेयर किया है। रिपोर्ट में दुनियाभर में चलाए जा रहे 15 ऐक्टिव हैकिंग कैंपेन सामने आए, जिनमें से सात रूस की ओर से चलाए गए थे। इसके अलावा चीन की ओर से चार और नॉर्थ कोरिया की ओर से चलाए गए तीन हैकिंग कैंपेन सामने आए हैं। वहीं, एक ऐक्टिव कैंपेन में ईरान के ग्रुप का नाम सामने आया है।
भारतीय कंपनियों के खिलाफ तीन कैंपेन
दवाएं बनाने वाली भारतीय कंपनियों के खिलाफ इनमें से तीन कैंपेन चलाए गए। कोजी बियर नाम वाले रूस के हैकिंग ग्रुप APT 29 और स्टोन पांडा नाम वाले चीन के हैकर ग्रुप APT10 इन कैंपेन्स के पीछे थे। वहीं, तीसरा नाम नॉर्थ कोरिया के लाजारस ग्रुप का सामने आ रहा है। इन तीनों ग्रुप्स के संबंध उनके देशों की सरकारों से बताए जाते हैं और पहले भी सरकार निर्देश पर ये ग्रुप्स हैकिंग को अंजाम देते रहे हैं।
कब-कब लॉन्च हुए हैकिंग कैंपेन?
'unesco33' नाम का पहला कैंपेन अक्टूबर, 2020 में APT29 की ओर से सेंसिटिव पर्सनल, क्लीनिकल ट्रायल से जुड़ी जानकारी, हेल्थ केयर रिपोर्ट और कस्टमर इंफॉर्मेशन चुराने के लिए चलाया गया था। दूसरा 'UnwPock' कैंपेन जून, 2020 से ऐक्टिव था और इसे चाइनीज APT10 ग्रुप चला रहा था। इसका मकसद इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी, मेडिकल डिवाइसेज की जानकारी और दवाओं से जुड़ी रिसर्च कोरी करना था। सितंबर, 2020 में चले तीसरे कैंपेन 'PuM4Y' में नॉर्थ कोरिया ने पतंजलि को टारगेट किया था।
चीन के हैकर्स ने भी किया था भारतीय कंपनियों पर हमला
अमेरिकी कंपनी रिकॉर्डेड फ्यूचर की रिपोर्ट में बीते दिनों ही एक चाइनीज हैकर्स अटैक की बात सामने आई है। हैकर्स ने पिछले साल भारत-चीन सीमा पर तनाव के बाद पावर सेक्टर से जुड़े NTPC लिमिटेड जैसे संगठनों पर अटैक किया था। 12 अक्टूबर, 2020 को मुंबई में अचानक बड़ा पावरकट देखने को मिला था, जिसने स्टॉक मार्केट, अस्पतालों और ट्रेनों की रफ्तार रोक दी थी। ये हैकर्स भी चीन की सरकार और सेना के निर्देश पर काम कर रहे थे।
वर्चुअल तरीके से नुकसान पहुंचाने की कोशिश
भारतीय साइबरसिक्योरिटी थिंक टैंक साइबरपीस फाउंडेशन ने बताया कि अक्टूबर-नवंबर, 2020 में फेस्टिव सीजन के दौरान हैकिंग ग्रुप्स ने ढेरों शॉपिंग स्कैम चलाए। चीन के हैकर्स जून, 2020 में भी भारत सरकार, दवाई कंपनियों, मीडिया हाउसेज, पावर सेक्टर और टेलिकॉम कंपनियों के नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे। सायफर्मा के CEO कुमार रितेश ने बताया कि हैकिंग उस वक्त राष्ट्रों के लिए अपने विरोधी को नुकसान पहुंचाने का हथियार बन जाती है, जब वे युद्ध नहीं करना चाहते।