अडाणी मामला: सुप्रीम कोर्ट में हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ याचिकाएं दायर, शुक्रवार को होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को अमेरिकी शॉर्ट-सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ दायर दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। इन याचिकाओं में हिंडनबर्ग के मालिक नाथन एंडरसन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। कोर्ट में दायर याचिकाओं में कहा गया है कि अडाणी समूह पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के कारण भारत की छवि धूमिल हुई है। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से समूह को 120 अरब डॉलर (9.40 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हो चुका है।
याचिकाओं में क्या कहा गया है?
सुप्रीम कोर्ट में वकील मनोहर लाल शर्मा और विशाल तिवारी द्वारा दायर जनहित याचिकाओं में कहा गया है कि अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने भारतीय शेयर बाजार को प्रभावित किया और इससे अडाणी समूह से जुड़ी कंपनियों के शेयरों की कीमतों में भारी गिरावट आई। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च के मालिक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के सामने अपनी रिपोर्ट में किये दावों का प्रमाण देने में विफल रहे थे।
ससंद में भी गूंजा था अडाणी-हिंडनबर्ग मामला
अडाणी-हिंडनबर्ग मामला संसद में भी छाया हुआ है और विपक्षी पार्टियां मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति (JPC) या मुख्य न्यायाधीश (CJI) द्वारा गठित समिति से कराने की मांग कर रही हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी संसद में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गौतम अडाणी के बीच ऐसा क्या रिश्ता है कि अडाणी इतनी जल्दी दुनिया के अमीरों की सूची में ऊंचे पायदान पर पहुंच गए।
रिपोर्ट में अडाणी समूह पर क्या आरोप लगाए गए हैं?
अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में गौतम अडाणी पर 'कार्पोरेट जगत की सबसे बड़ी धोखाधड़ी' का आरोप लगाया है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अडाणी समूह की कंपनियों पर इतना कर्ज है, जो पूरे समूह को वित्तीय तौर पर अधिक जोखिम वाली स्थिति में खड़ा कर देता है। अडाणी पर अपने परिवार के जरिए फर्जी कंपनी चलाने का आरोप भी लगाया गया है। समूह ने इन आरोपों को खारिज किया है।
अडाणी समूह को हो चुका है लाखों करोड़ रुपये का नुकसान
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से ही अडाणी समूह से जुड़ी कंपनियों के शेयरों की कीमत में गिरावट जारी है और समूह को अब तक 9.40 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। इसी बीच समूह ने हाल में बाजार से फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) वापस लिया है। समूह में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने लगभग 32,800 करोड़ रुपये निवेश किए हुए हैं, वहीं भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने उसे 27,000 करोड़ रुपये का लोन दिया है।